काठमाण्डू। सर्वोच्च अदालत आरती साहक मृत्यु प्रकरणमे हुनकर पति मोतीबाबु साहकेँ पुर्पक्षक लेल थुनामे पठयबाक आदेश देलक अछि। न्यायाधीशद्वय नहकुल सुवेदी ओ तिलप्रसाद श्रेष्ठक संयुक्त इजलाससँ अई सँ पहिने मुद्दाक पुर्पक्षक लेल साधारण तारीख पर राखबाक उच्च अदालत जनकपुरसँ आसिन १८ गते भेल आदेश बदर कएलक अछि ।
आदेशमे कहल गेल छै, ‘अब निज प्रतिवादीका हकमा पछि बुझिएका प्रमाणबाट ठहरे बमोजिम हुने गरी प्रस्तुत मुद्दाको किनारा नलागेसम्म मुलुकी फौजदारी कार्यविधि संहिता, २०७४ को दफा ६७ (१) (क) बमोजिम मुद्दाको पुर्पक्षको लागी थुनामा राखी कानुनबमोजिम गर्नु।’
प्रस्तुत प्रमाणसभक पर विचार कएलाक बाद आरती साहक मृत्यु प्रतिवादी मोतीबाबु साह केऽ कर्तव्यसँ भेल बात विश्वास करबाक अवस्था देखल जा रहल अदालतक ठहर अछि। शव परीक्षण प्रतिवेदनमे मृत्युक कारणमे स्वयं फँसरी लगा कऽ(सम्भावित आत्महत्याक प्रकृति) भेल बात उल्लेख भेलाक कारण ओहि प्रतिवेदनमे “हाइओइड बोन थाइराइड कार्टिलेज इन्ट्याक्ट” कहि उल्लेख भेलाक कारण स्वयं फँसरी लगाओल गेल बात चिकित्सकक राय पश्चात थप परीक्षणसँ पुष्टि नइँ होयत धरि अकाट्य प्रमाणक रूपमे ग्रहण नइँ कएल जा सकैछ अवस्था रहल बात आदेशमे उल्लेख छै।
शव परीक्षण प्रतिवेदनमे सम्भावित आत्महत्याक प्रकृति कहि उल्लेख भेल विषयकेँ लऽकऽ “नेपाल मेडिकल काउन्सिल”सँ छानबिन भेलाक बाद वयह काउन्सिलक च.नं. १४७/०८०/०८४ मिति २०८०।०५।०३ क पत्रसँ ओ उल्लेखन त्रुटीपूर्ण रहल बात देखल गेल आदेशमे कहल गेल छै। ‘घटनास्थलक मुचुल्कासँ घटना भेल कोठामे भुइँसँ छत धरिक दूरी १० फिट आ पलङक सतहसँ सिलिङ फ्यानक उचाइ ७ फिट ५ इन्च रहल अछि। मृतक स्वयंकेँ फँसरी लगयबाक प्रयोजनक लेल कोनो टुल, मेच वा आन वस्तु प्रयोग कयने सेहो नइँ देखल जाइछ,’ आदेशमे कहल गेल छै।
गत जेठ ७ गते जनकपुरधाम उपमहानगरपालिका-९ थापाचोकमे अपने घरमे मृत अवस्थामे भेटल आरतीक हत्या भेल कहैत हुनकर बाबु-माय एवं नहिर पक्ष प्रहरीमे जाहेरी देलाक बाद प्रहरी आरतीक पति मोतीबाबु साह आ ससुर मदनमोहन ब्याहुत सुडीकेँ पक्राउ कऽ अनुसन्धान कयने छल।
हुनकासभक विरूद्ध जिल्ला सरकारी वकिल कार्यालय धनुषा अषाढ़ १ गत्ते जिल्ला अदालत धनुषामे जानसम्बन्धी मुद्दा दायर कयने छल। थुनछेक बहस पश्चात अषाढ़ ५ गत्ते जिल्ला अदालत आरतीक पति एवं ससुरकेँ पुर्वपक्षक लेल थुनामे पठयबाक आदेश देने छल।
मुदा उच्च अदालत जनकपुरधाम तत्काल प्राप्त प्रमाणक आधारमे आरतीक पति एवं ससुरकेँ थुनामे राखबाक लेल आवश्यक नइँ देखल गेल कहैत रिहा करबाक आदेश देने छल।
उच्च अदालतक आदेशविरुद्ध जिल्ला सरकारी वकिल कार्यालयद्वारा कएल गेल पुनरावेदन निवेदनमे सर्वोच्च अदालत बुधदिन सुनुवाइ कयने अछि। सुनुवाइ पश्चात ससुर मदनमोहन ब्याहुत सुडी़केँ रिहा करबाक उच्च अदालतक आदेश सदर कयने अछि तँ श्रीमान मोतीबाबुकेँ थुनामे पठयबाक आदेश देने अछि।
गत जेठ ७ गत्ते केऽ आरती आत्महत्या कयने कहैत परिवार प्रहरीकेँ खबर कयने छल। प्रहरी घटना शङ्कास्पद रहल कहैत जनकपुरधामक काव्या अस्पतालसँ आरतीक शव नियन्त्रणमे लेने छलथि। नहिर पक्ष आरतीक हत्या भेल कहैत पति ओ ससुर विरुद्ध उजुरी देने छलनि।
आरती आ मोतीबाबुक अषाढ़ २९ गत्ते २०७७ मे विवाह भेल छलनि। मुदा दहेजक लेल पति आ ससुर दिससँ आरतीकेँ बहुत प्रताड़ना एवं यातना देल गेल आ हुनकर मृत्युक कारण सेहो दहेजे रहल दाबी हुनकर बाबु-माय एवं नहिर पक्ष कऽ रहल छनि।
बेटीक हत्यामे संलग्नकेँ कारबाहीक माङ्ग करैत आरतीक माय-बाबू, बहीन, भाई, मामासभ करिब तीन महिनासँ काठमाण्डूक माइतीघरमण्डलमे धर्ना दैय आबि रहल छथि।