धनुषामे थप दहेज नइ देलाक कारण आरती साह नामक महिलाकेँ हत्या कएल गेल खुलासा भेल अछि।
मिथिला बिहारी नगरपालिका ३, धनुषाक मिथिलेश्वर मौवाही घर भेल आ जनकपुरधाम ९ थापा चौकमे रहैत आबि रहल आरतीक पिता विनोद प्रसाद साहक आरोप छनि जेँ हुनकर पति मोतीबाबू साह, ससुर मदनमोहन साह, सासु रेणु देवी साह आ देवर रवि साह मिलकऽ २२ वर्षीय बेटी आरतीक हत्या कएने छथि।
आरतीक विवाह विनोदसँ दू साल पहिने भेल छल । पति, ससुर आ सासु पहिने सेहो बेटीसँ बेर-बेर दहेज मांगैत रहल कहैत विनोद कहलाह जे ओ सब आरतीकेँ मारि-पीटि क’ आओर दहेज लेबाक लेल शारीरिक आ मानसिक यातना दैत आबि रहल छल।
ओ कहलनि जे, जखन हम अपन बेटीकेँ मारैत-पीटैत देखलौँ त कतेको बेर रूपैया दैत रहलौँ, रवि दिन ओकर पति, ससुर, सासु आ देवर ओकरा मारि-पीट करैत गर्दनि काटि देलकै। मृतकके पिता विनोद स्थानीय निवासीके साक्षी मानैत कहलनि जे, “आरतीके मारऽ लेल गर्दन दबेलाक कारण आरती जोरसँ चिचियाएल, चिचियाहट सुनि पास-पडो़सक लोक सभ जमा भेल त, आरती अपनेसँ फँसरी लटकिकऽ आत्महत्या कएलक से बाती भ्रम पसारऽ लागल।” ओ दावा कएलनि जे, “सासुर पक्ष पहिनो आरतीपर थप दहेजक लेल दबाव आ मारि-पीट करैत आबि रहल छल, तेँ बेसी काल हमर बेटी नैहरेमे रहैत छल। ओ सब 12 दिन पहिने फेरसँ नैहरसँ हमर बेटीके बोलाऽ कऽ लगेल, आ रवि दिन साँझमे फेरसँ मारि-पीटकऽ करैत गर्दन रेतिकऽ हत्या कऽ देलकै”।
आरतीक सासु, ससुर, आ पती हत्याक पोल खुलत डरसँ मृत शरीरके जल्दी-जल्दी काव्या अस्पतालमे उपचारक बहन्ने लगेल हूनकर दावी छनि। आरती फँसरी लटैक कऽ आत्महत्या कैने कैह कऽ हमरा साँझमे फोन कऽ जानकारी करौने छल।
मोतीबाबुके काठमांडूमे दोसरे लड़कीसँ प्रेम-सम्बन्ध छै, एहि बारेमे आरतीके जानकारी छल, तेँ बेर-बेर एहि बातके लेल ओकरा सबके मनमुटाव आ झगड़ा होईत आईब रहल छल, मोतीबाबूक चालि-व्यवहारक बारेमे वियाहक बाद हमरा सबके जानकारी भेटल रहेऽ, विवाहके समय लड़का इन्जिनियर छथि, से हमरा सभके कहल गेल, मूदा ओ त ओ ब्रोकर छथि से विवाहक बहूत बादमे ज्ञात भेल, विनोद कहलनि।
विनोदक अनुसार अपन बेटीक हत्या भेलाक बादो जाहेरी दर्ता करऽ नै मानैत छलाह, से दु:ख व्यक्त कएलथि।
एमहर, आरतीक श्रीमान मोतीबाबु साह कहलनि जे “आरतीक स्वास्थ खराब रहलाक कारण रवि दिन बारह बजे धैर बेड पर सुतले छलीह, खाना खाय लेल आग्रह कयलौँ, मूदा ओ नहि मानलनि। उल्टे हमरे गारि-बात देबऽ लागल, हम आवेशमे आवि एक थप्पड़ मारि देलौँ आ घर सँ निकलि गेलौँ। साँझमे घर घूरलाक बाद आरतीके खोजलौँ त ओ भितरसँ कोठा बन्द कैने छलीह, हम बेर-बेर बाहरसँ हूनका बजेलौँ मूदा कोनो प्रतिक्रिया नहि देलाक बाद अन्तमे केबाड़ तोड़लौँ त, देखैत छी जे आरती पंखामे फँसरी लटैक कऽ आत्महत्या कऽ लेने छथि। हम त आबाक भऽ गेली।”
घटनाक अनुसन्धान जिला प्रहरी कार्यालय धनुषाक प्रहरी नायब उपरीक्षक वेदप्रसाद गौतम कऽ रहल छथि, से जनतब अछि । वो कहलनि, “पोष्टमार्टमक रिपोर्ट अएलाक बाद मात्रे कहल जा सकैय जे ई आत्महत्या अछि की हत्या।” एकरा लेल प्रहरी सुक्ष्म अनुसन्धान कऽ रहल छथि, ओ कहलनि। एहि बिच मृतकक श्रीमान मोतीबाबु आ ससुर मदन मोहन साहकेँ नियन्त्रणमे लेने कहल गेल अछि।
आरती साहपर भेल अन्याय, अत्याचारसंँ भेल हूनक मृत्युक कारण आत्महत्या अछि वा हत्या, ई त सम्बन्धित निकाय द्वारा न्यायिक जांचके बादे पता चलत, एहि बीच बीतल मंगल दिन साँझमे मृतक आरतीके उचीत न्याय मिलै, ताहि लेल जनकपुरधामक जनक चौक; जनक मंदिरसँ जानकी मन्दिर धैर हूनक परिवारक सदस्य सभ, नातेदार, साथी-भाइ, समाज-मिथिलि-मधेशक मुखर आवाज: लक्ष्मी (मधेशके बेटी) लगायत समाजक किछु अधिकारकर्मी आ अगूवासभ “क्याण्डल मार्च” कएने छलथि।