
भाषाक विखण्डनमे तैनात सिपाही ! खबरदार
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सहि सकैत छी बरू विष्फोट
बरू अागि
मुदा किन्नहुँ नहि सहब
विखण्डन अा अन्याय
मातृभाषाक विखण्डनमे तैनात
नवका राजाक नवका सिपाहीसभ!
खबरदार!
जाहि एकताकेँ
खण्ड-खण्डमे बाँटि
ताेँ कऽ रहल छह
भाषाक राजनीति
से स्मरण रहय
चत्तुर बेंग
कतबाे फूदकतै
तँ एक्कहि बीत
मिथिला प्रान्तकेँ
कमजाेर बनबैलए
ताेँ जे कऽ रहल छह
बड़-बड़ किरदानी
अा नचा रहल छह
पटमूर्ख माेहरासभकेँ
से चेति जाह
कहिं एना ने हुअए
जे ताेहर मस्तककेर
नवका श्रीपेच उतारिकऽ
मैथिल जनता
खेदि अाबय शरहद पार
अाे दिन दूर नहि छैक ।
- विजेता चौधरी, जनकपुर