विन्देश्वर ठाकुर [ Bindeshwar Thakur] मैथिली साहित्य (Maithili Literature) मे दखल रखनिहार युवा रचनाकार छथि। हिनक नेपालक नोर मरूभूमिमे पुस्कत प्रकाशित अछि।
-
गजल 1: सस्ता चाउचाउ बुझिरहल छै
अपनाके अढैया आ हमराके पाउ बुझिरहल छै
हमर जिनगीके ओ सस्ता चाउचाउ बुझिरहल छै
नइ जानि कहियाधरि एना चलैत रहतै ठेलठालिक’
सम्बन्धके जखन सड़िन पकरने घाउ बुझिरहल छै
कोना खेलतै लोक कहु इमन्दारीसँ खेल ओइठाम
ज’त’ चित्त-पट्टमे बस ओ अपन दाउ बुझिरहल छै
सल्लाहे देब उचित कते डेग डेग पर फुसियोके
हमरा छोट नेना आ अपनाके बाउ बुझिरहल छै
ने स्वभिमान ने अस्तित्वे महत्त्वपूर्ण ओकरा लेल
विन्दूओके कौड़ीमे बिकाएबला भाउ बुझिरहल छै
#विन्देश्वर_ठाकुर [ Bindeshwar Thakur]
-
गजल 2 : जिनगी ओ सबहक बेकार कऽ रहल छै
अन्याय कऽ रहल छै अत्याचार कऽ रहल छै
जिनगी ओ सबहक बेकार कऽ रहल छै
मुढे नै कहबै त कहबै कि एकरा जे
हसुवाके कुटि हरक फार कऽ रहल छै
हेतै कोना देशक प्रगति एहन हालमे जऽ
दिन दहाड़े नेताजी भ्रष्टाचार कऽ रहल छै
युवासब गमौलकै श्रम-पसेना खाड़ीमे
सत्ता पक्ष लासक व्यपार कऽ रहल छै
लाउ लटकाबी ओकरा बीच चौराहापर
नारी उपर जे बलत्कार कऽ रहल छै
#विन्देश्वर_ठाकुर [ Bindeshwar Thakur]
१६/०७/२०२०
-
गजल 3: हमर सजनी हमरासँ आसमान
तारा मांगि रहल छै चान मांगि रहल छै
हमर सजनी हमरासँ आसमान मांगि रहल छै
हम हंसिक कहलियै अहाँ लेल प्राण हाजिर अछि
ओ जिबिते जी हमरासँ हमर जान मांगि रहल छै
नइ जानि केहन कलजुगहा ई दुनियाँ भेलै
बाप-बेटा एक दोसरक बलिदान मांगिरहल छै
द्रोनाचार्यो पर करतै आब कोन ‘एकलव्य’ भरोसा
गुरुए जखन शिष्यकें अंगुठा दान मांगिरहल छै
बन्दुक ल’ ठाढ़ छै फगुनियाके छातीपर सरकार
गल्ती एतबे जे ओ अपन पहिचान मांगिरहल छै
#विन्देश्वर_ठाकुर [ Bindeshwar Thakur]
-
गजल 4 : हमरासंगे सबटा दुख
हमर छी त २४ घन्टा हमरे रहु से हम कोना कहु
हमरासंगे सबटा दुख अहूं सहु से हम कोना कहु
अपन हारल बौहक मारल बहैत रहैछी जेना तेना
हमरेसंगे तील चाउर अहूं बहु से हम कोना कहु
उफनाएल बाढिमे ढहिगेलैए जिनगीकें महार हमर
हमरे ढहल महारजकाँ अहूं ढहु से हम कोना कहु
लहैत गेलौ सहैत गेलौ तें त आइ पड़तारल छी
हमरेसन अहिना डेगडेगप’ अहूं लहु से हम कोना कहु
हमर त काज छै दिनभरि शब्दसंग छर्हिला खेलाएब
हमरासंगे नेहक मट्ठा अहू्ं महु से हम कोना कहु
#विन्देश्वर_ठाकुर
के छथि विन्देश्वर ठाकुर [ Bindeshwar Thakur] ?
- नेपालक नोर मरूभूमिमे, पुस्तक रचनाकार
- परदेशी आखर , साहित्यिक पत्रिका
- गीतकार, गजलकार ।