Poem

विनिता ठाकुर जीक दू टा कविता

पर्दा प्रथा (कविता)

पर्दा प्रथा बड़ रहस्यमय प्रथा
कु-दृष्टिसँ बचएबाक प्रथा
माय पत्नि वा बहिनक अस्तित्व रक्षाक प्रथा
अपन असलियत नुकएबाक प्रथा
प्राचीनकालसँ चलैत आबि रहल ई प्रथा
कतहुँ आवश्यक कतहुँ अनावश्यक
ई पर्दा प्रथा बड़ गूढ प्रथा
घर दलान वा खिड़कीक पर्दा
टाट फरकी वा देबालक पर्दा
नव कनियाँक घोघक पर्दा
तिक्ष्य नजरिसँ बचेबाक पर्दा
अपन अस्तित्व रक्षार्थ पर्दा
पर्दाक भितर जिज्ञासा रूपी लावण्यक गरिमा –
अनुपम रूप मन-मोहक
इन्द्रकेँ धरि बशिभूत करएबला
ऋषि मुनिक तप भंग करएबला सम्मोहनक देवी
तेँ साधारण मनुष्य की ?
तेँ ई पर्दा कतहुंँ आवश्यक कतहुंँ अनावश्यक
ई पर्दा भेद की निर्भेद ?
अपनाकेँ बचेबाक हेतु
कतहुँ अस्त्र त’ कतहुँ शस्त्र
कतहुँ आवश्यक कतहुँ अनावश्यक
नव कनियाँक घोँघ आवश्यक
कुटिल घोँघ अनावश्यक
जय हो पर्दा तोहर आवश्यकता सदा होईत रहओ
अपन अस्तित्व बचेबाक हेतु
किछु भेद रखबाक हेतु।।

भातृ-द्वितीया (कविता)

भरदुतिया – भातृ – द्वितीया – कार्तिक – शुक्ल द्वितीया
भायक दिर्घायु-कामनाक द्वितीया
गंगा-यमुनाक असिम प्रवाहक रूप
भाय-बहिनक प्रेम ओ आस्थाक रूप
सिन्दुर-पिठारसँ अरिपनक स्वरूप
पिड़हीपर आसिन भायक अद्भुत रूप
अष्टदलपर आसन वासन ताहिपर नाना-विधि
पान सुपाड़ी, द्रव्य-पुष्प ओ ललाटपर चानन-रूप
गलामे सुशोभित फूलक हार
गंगा-यमुनाक बाढ़ि जकाँ भायक दिर्घायुक कामना
बेर-बेर कामना, विलक्षण स्नेह
नाना प्रकारक व्यञ्जनसँ सजल थारी
भाय-बहिनक प्रेमसँ सजल ई फूलबारि
नेहक फूलबारि, परिवारक फूलबारि
रङ्गी-बिरङ्गी ई फूलबारि
जय हो मैया: अहिना दिर्घायु करैत रहू
सभहक भायकेँ-बहिनकेँ
हुनक आस्था ओ विश्वासकेँ
सतत् सजल रहए ई नेहक फूलबारि।।

 

कवयित्रीक परिचय

उप-प्राध्यापक विनिता ठाकुर त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपालक आंगिक क्याम्पस – मैथिली केन्द्रीय विभाग, जनकपुरधाम’मे कार्यरत छथि। माय बिमला ठाकुर आ पिता प्रा. डा. ब्रज किशोर ठाकुरक जेष्ठ संतानक रूपमे हिनक जन्म जनकपुरधाम – १२मे भेल रहनि।

धनुषा जीलाक जटही सासुर रहल विनिता जी, बि.एड. (गणित), स्नातक (गणित ओ मैथिली) तथा स्नातकोत्तर (मैथिली) धरिक अध्ययन कएने छथि। दैनिक जनकपुर (पत्रिका) तथा पूर्वाधार साप्ताहिक (पत्रिका)मे किछु समय धरि पत्रकारिता पेशासँ आबद्ध रहलथि। ई किछु समय धरि रेडियो जनकपुर (एफ.एम. रेडियो स्टेशन) क प्रोग्राम मैनेजरक रूपमे सेहो काज कएने छथि। हिनक कविता, लेख-रचनासब विभिन्न पत्र-पत्रिकासबमे प्रकाशित होइत रहैत छनि। सिघ्रहिं, हिनक एकटा मैथिली ‘कविता-संग्रह’ नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानसँ प्रकाशन होएबाक तैयारीमे अछि।

कैलाश कुमार ठाकुर

कैलाश कुमार ठाकुर [Kailash Kumar Thakur] जी आइ लभ मिथिला डट कमके प्रधान सम्पादक छथि। म्यूजिक मैथिली एपके संस्थापक सदस्य सेहो छथि। Kailash Kumar Thakur is Chef Editor of ilovemithila.com email - [email protected], [email protected] +9779827625706

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