News

मैथिली उपर राजनीति आ मैथिली भाषा उत्थान समाजक परिकल्पना : डा. सुर्यप्रसाद यादव

Ad

बैशाख ०२, २०८० (शनि दिन)
डा. सुर्यप्रसाद यादव

‘मैथिली’ भारतीय आर्यभाषा परिवारक एकटा स्वतन्त्र आ  सम्पन्न भाषा अछि। ई भाषा विशेष ककऽ दक्षिण एसियाक दू टा घनिष्ट पड़ोसी राष्ट्र नेपालक तराई क्षेत्र आ भारतक बिहार राज्यक पूर्व तथा उत्तरी क्षेत्रमे बाजल जाइत अछि। राष्ट्रिय जनगणना २०११ क अनुसार नेपालमे मैथिलीभाषी सभक जनसङ्ख्या ३,०९२,५३० (प्रदेश २ क मैथिलीभाषी सभक सङ्ख्या २,४४७,९७८)  रहल छै। ई जनसङ्ख्या नेपालक कुल जनसङ्ख्याक ११.७% छै। एना देखल जाए त मैथिली भाषा तराइक परिप्रेक्ष्यमे पहिल आ राष्ट्रिय स्तरमे दोसर भाषाक रूपमे स्थापित अछि। पछिला जनगणना (२००१) क तथ्याङ्कसँ तुलना कएलापर मैथिलीभाषीक सङ्ख्यामे बृद्धि भेल अछि, मुदा प्रतिशतमे ह्रास आएल देखल जाइत छै, जेना: २,८००,००० (१२.३%; २००१) आ ३,०९२,५३० (११.७%;२०११)। सरसर देखलापर एकर प्रमुख कारणमे किछु स्थानीय भाषाक वक्तासभमे भेल वृद्धि भऽ सकैत अछि। एकर अतिरिक्त वर्तमान अवस्थामे लगभग तीन करोड़ लोकद्वारा मैथिली बाजल जाइत छै।

ई भाषा पी.इ.एन. (कवि, निबंधकार, उपन्यासकारक लेल भाषाक एकटा अंतर्राष्ट्रीय संगठन) आ साहित्य अकादमीक अनुसार भारतक सोलहम आ विश्वक चौवालिसम स्थानमे रहल अछि। (http://en.wikipedia.org/wiki/List_of_languages_by_number_of_native_speakers) ।

नेपालक पूर्व, दक्षिण आ पश्चिममे भारतसँ साझा सिमाना भेल एहि क्षेत्रमे बाजल जाएवाला भाषासभ अन्तरसीमावर्ती छै। भारतक विहार प्रदेशक उत्तरपूरब भागमे बाजल जाई मैथिली भाषा नेपालक पूर्वी तराइमे सेहो बाजल जाइत अछि, तइँ ई भाषा दुनू राष्ट्रक सझिया भाषा अछि। मैथिली भाषा नेपालक सातटा जिलासभ (धनुषा, सिरहा, महोत्तरी, सप्तरी, सर्लाही, सुनसरी आ मोरङ) आ भारतक विहार प्रदेशक मधुबनी, दरभंगा, प. चम्पारण, पू. चम्पारण, सितामढ़ी, शिवहर, मुज्जफरपुर, समस्तिपुर, वैशाली, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, बेगुसराय, शेखपुरा, मुंगेर, लखिसराए, जमुई, अररिया, पुर्णिया, भागलपुर, बांँका, किशनगंज, कटिहार, साहेबगंज, गोड्डा, पाकुड़, दुमका, देवघर, जमतारा जिल्ला सबमे मुख्यत: बाजल जाइत अछि। एकर अतिरिक्त, पश्चिम बङ्गाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आ नेपालक मध्य तराइ आ काठमांडू उपत्यकामे सेहो मैथिलीभाषीसभ अल्पसङ्ख्यक समुदायक रुपमे बसोवास कऽ रहल छथि। एहि क्षेत्रसभमे मैथिली मातृभाषाक रूपमे आ दोसर भाषाक रूपमे आ सम्पर्क भाषाक रूपमे प्रयोग कएल जाइत अछि।

नेपालमे जनगणनाक सुरुवात १९६८ (१९११ ई.) सँ भेल छै, मूदा भाषा सम्बन्धी उल्लेख २००९/११ सँ मात्र भेल देखल जाईछ। एकर कारण सबमे सँ राष्ट्रिय योजनामे भाषाके कम महत्त्व देब अछि, अतिरिक्त राष्ट्रभाषा आ सरकारी कामकाजक माध्यम भाषाक रूपमे रहल नेपाली भाषाबाहेक आन भाषा सभक अस्तित्व स्वीकार नहि करब संगे आन कारणसभ सेहो भऽ सकैत अछि (यादव आ शाक्य २०६५)। तालिका १ मे २००९/११ सँ २०६८ धरि जनगणनामे उल्लेख भेल मैथिली मातृभाषी सभक सङ्ख्या प्रस्तुत कएल गेल अछि ।

तालिका १: विभिन्न जनगणनामे मैथिली मातृभाषी सभक सङ्ख्या

जनगणना    जम्मा सङ्ख्या    प्रतिशत   टिप्पणी
१. १९५२/५४ १०२४७८०  १२.४४ % ४४ टा भाषासभ
२.१९६१।     ११३०४०       १२.१०% ३६ टा भाषासभ
३. १९७१ १३२७२४२ ११.४९% १७ टा भाषासभ
४.१९८१ १६६८३०९ ११.११% १८ टा भाषासभ
५.१९९१ २१९१९०० ११.८५% ३१ टा भाषासभ
६. २००१ २७९७५८२ २१.३०% ९२ टा भाषासभ
७. २०११ ३०९२५३० ११.७०% १२३ टा भाषासभ
■ श्रोत: जनगणना (१९५२/५४-२०११)

तालिका १ मे उल्लेख कएल गेल विभिन्न जनगणना सबमे मैथिली मातृभाषीसभक सङ्ख्यामे फरक देखल गेल अछि। एकर बहुत रास कारणसभ भऽ सकै छै । मुदा एकर प्रमुख कारण भाषिक विविधता सम्बन्धमे जनचेनतक कमी छै। भाषिक विविधता बुझऽ लेल एकटा अलगे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता छै । जइँ अनुसार ६० प्रतिशत समानता भेलापर शब्दगत समानताकेँ मूल्याङ्कनक संघार विन्दु (cutoff point/threshold) मानल जाइत अछि।

उहए मान्यता अनुसार कोनो भाषामे सामान्यतः ६० प्रतिशत वा वोहि सँ बेसी आ ८५ प्रतिशतसँ कम समानता देखल गेलापर दोसरे भाषा वा उहए भाषाक भाषिका मानब चलन छै। एहन अवस्थामे रेकर्ड कएल गेल पाठ (recorded text test) के आधारमे वोधगम्यता (inteligibility) परीक्षण करऽ पड़ैत छै। भाषा बाजल जाएवाला क्षेत्रकेँ मूल स्थानसँ सुदूर पूर्व, सुदूर पश्चिम, सुदूर उत्तर आ सुदूर दक्षिण कऽ पाँच भागमे बाँटिकऽ सर्वेक्षण करब चलन छै। हरेक देशमे कोनो एकटा वा एकसँ बेसी भाषा वृहत संचारक माध्यमक रूपमे प्रयोग कएल गेल भेटैत अछि।

तेहन अवस्थामे आन भाषा बाजल जाएवाला वक्ताके प्रवीणताक तहके फरिछौट करबाक लेल वाक्य पुनरावृत्ति परीक्षण(Sentence Repetition Test) करब चलन छै। छोट वाक्यकेँ पुनरावृत्ति करऽ सकए तइँयो नमहर वाक्यसभकेँ गैर मातृभाषीसभ पुनरावृत्ति नइ कऽ सकैत छथि।उमेर, लिङ्ग आ साक्षरताक तहके आधारेँ लेल जाएवाला ई परीक्षणसँ समुदायक बहुभाषिकताक प्रोफाइल छोटे अवधिमे प्राप्त कएल जा सकैत अछि। तहिना, भाषिक समुदायक  मनुष सभक बीचमे रहल वोधगम्यताक तहके निर्धारण करबाक लेल रेकर्ड कएल गेल पाठ (recorded text)केँ आधारपर परीक्षण कएल जाइत अछि। एहिमे सबसँ पहिने प्रमाणित परीक्षण (validtest)केँ निर्माण कएल जाइत अछि आ प्रतिनिधिमूलक वक्ताक छनौट ककऽ प्रयोग कएल जाईत अछि। एहि मापदण्डक आधारेँ किछु महिना पहिने हम मैथिली, अंगिका, मगही आ बज्जिका भाषाक ४०५ शब्दसूची संकलन कऽ  तुलनात्मक अध्ययन कएलौँ। एहि तरिकासँ अध्ययन कएलापर ई भाषासूची बिचक शाब्दिक आ ध्वनिगत समानता ७९ प्रतिशतसँ लऽ कऽ ९० प्रतिशत धरि देखल गेल। यद्यपि एहिमे आरो किछु अध्ययनक आवश्यक छै मुदा नेपालमे पछिला समयमे राजनीतिक क्रान्तिक नामपर हम  भूगोल, भाषा, आदिक नामाकरण करब काम नवका हएत, जेहन संकिर्णतापूर्ण महात्वाकांक्षा नेतासभमे बढ़ैत जा रहल अछि।
एहन अर्धविवेकी मानसिकताक प्रभाव मधेश प्रदेशमे रहल बहुसंख्यक मैथिलीभाषी वक्ता सभक मानस पटलपर पड़। प्रत्यक्ष रुपेँ देखल जा सकैछ। एहन विकृत प्रहारसँ बहुसंख्यक लोकक मातृभाषा मैथिलीकेँ संरक्षण करब आ उन्नति, प्रगतिक वातावरण निर्माण करब अपने सभक – हमरा सभक, अपना मैथिलीभाषी सभक कर्तव्य अछि, जे हम महशुस कऽ रहल छी। तइँ मैथिली भाषाक विभिन्न क्षेत्रमे काम करऽवाला संघ-संस्थासभकेँ स्मरण करैत विशेष कऽकऽ भषेकेँ विधार्थी होयबाक कारणें “मैथिली भाषा उत्थान समाज नेपाल” नामक एकटा संस्था खोलब से बात-विचार हमरा मनमे आएल अछि आ एहि बारेमे हम सोँचि रहल छी। हमर ई विचार ठीक अछि कि नहि, अइ बारेमे सम्पूर्ण मैथिलीभाषी आ मैथिलीप्रेमीसँ सलाह सुझावक अपेक्षा कऽ रहल छी। अपने सभक सलाह-सुझाव हमरा लेल मार्गदर्शन भऽ सकैछ।

(लेखक डा. सूर्यप्रसाद यादव नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानक प्राज्ञ सभाक सदस्य छथि।)

कैलाश कुमार ठाकुर

कैलाश कुमार ठाकुर [Kailash Kumar Thakur] जी आइ लभ मिथिला डट कमके प्रधान सम्पादक छथि। म्यूजिक मैथिली एपके संस्थापक सदस्य सेहो छथि। Kailash Kumar Thakur is Chef Editor of ilovemithila.com email - Contact@ilovemithila.com, +9779827625706

Related Articles