
Biography in Maithili : Late Martyr Durganand Jha
दुर्गानन्द झा गणतन्त्रक शंखनाद कएनिहार पहिल शहीद आ राजा विनाक गणतान्त्रिक नेपालक कल्पना कएनिहार पहिल देशभक्त, आ नेपालक प्रजातान्त्रिक आन्दोलनक क्रान्ति-वीर शहीद छथि। २०१७ साल पुष १ गतेक निर्णयबाद पञ्चायती व्यवस्था विरूद्ध ओ उतरल छलनि। हजारो सुरक्षाकर्मीक बीच हजारो नेपालीक बलिदानसँ आर्जित प्रजातन्त्रकेँ हत्या कऽ निरकुंश शासन लाधल गेल कहैत ओ २०१८ माघ ९ गते जनकपुरमे राजा महेन्द्र चढ़ल गाड़ीमे बम प्रहार कएने छलनि। ओहि अभियोगमे पकड़ल गेल हुनका पञ्चायत सरकारद्वारा मृत्युदण्ड देल गेल छल।
आ गुप्तचरकेँ छकाबैत ग्रिनेड प्रहार कएने छलनि। प्रहारसँ राजा महेन्द्र चढ़ल ल्याण्डरोभर गाड़ीक पछाड़ीभाग सामान्य क्षति भेलोपर राजाकेँ किछु नइँ भेल छल।
■ प्रारम्भीक जीवन : दुर्गानन्द झा
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दुर्गानन्द झाक जन्म वि.सं. १९९९ साल बैशाख १४ गते धनुषाक दक्षिणबरिया गाम जटहीमे भेल रहनि। माए सुकुमारी देवी झाक गर्भसँ जन्मल दुर्गानन्दक बाबु देवनारायण झाक निधन दुर्गानन्दक जन्मलाबाद किछुओ वर्षमे भगेल छल। दुर्गानन्द नेन्हिएसँ नीक फूटबल खेलाड़ी छलाह आ नीक गीत सेहो गाओल करैत छलनि। नेपालक जटही गाममे प्राथमिक शिक्षा पएलाबाद आगूक पढ़ाइके सरकारी व्यवस्था ओतऽ नइँ भेलापर ओ माध्यमिक तहके अध्ययनक लेल भारतक उँमगामके एक विद्यालयमे भर्ना भेलनि।
■ राजा उपर बम प्रहार : दुर्गानन्द झा
१८ वर्षिय दुर्गानन्द जानकी मन्दिरलग सेना आ गुप्तचरकेँ छकाबैत ग्रिनेड प्रहार कएने छलनि। प्रहारसँ राजा महेन्द्र चढ़ल ल्याण्डरोभर गाड़ीक पछाड़ीभाग सामान्य क्षति भेलोपर राजाकेँ किछु नइँ भेल छल। तकराबाद दुर्गानन्द झा भागिकऽ भारतमे रहल सशस्त्र क्याम्पममे पहुँचल छलनि। एम्हर दुर्गानन्दक परिवार, अपनैति, मित-यार, दर-दियाद काङ्ग्रेस नेता लगायत ५६ गोटेकेँ पकड़िकऽ पैघ यातना देलक। दुर्गानन्द अपनैति, मित-यारकेँ देल यातनासँ दुःखी भऽ तत्कालीन सरकारकेँ चिठ्ठी लिखैत गिरफ्तारी देने छलनि।

गिरफ्तार ककऽ जलेश्वर जेलमे एक राति रखलाबाद परकौली सैनिक क्याम्पसँ हुनका सेनाके हेलिकप्टरसँ काठमाण्डू लाबि सुन्धारास्थित भद्रगोल जेलमे राखल गेल छल।
■ मृत्युदण्ड : दुर्गानन्द झा जीवनी
एहि केसक छानविन करऽ लेल एक विशेष अदालतकेँ गठन कएल गेल छल।
२०१९ भादो १९ मे हुनका कोनो सुनुवाइँक मौका नइँ दऽ मृत्युदण्डक सजाय तोकल गेल छल। नेपालके तहियाक कानून अनुसार ब्राह्मणक मृत्यदण्ड देबाक लेल निषेध छल। स्वयं राजा महेन्द्र कानुन (Muluki Ain) क संशोधन कऽ मृत्युदण्डक घोषणा कएने छलनि। हुनका २१ वर्षक उमेरमे २०२० साल माघ १५ गते मध्यराति केन्द्रीय कारागारमे पञ्चायत सरकारद्वारा गोली मारिकऽ हत्या करैत मृत्युदण्ड देल गेल छल।
मृत्युदण्डक पछिला दिन २०२० साल माघ १४ गते ओ माए आ श्रीमती काशीदेवी झाकेँ किछु देर भेटिकऽ सान्त्वना देने छलनि। दुर्गानन्दकेँ विभिन्न शारिरीक आ मानसिक यातना दकऽ माफी माङ्गि बिन्तीपत्र लिखऽ लेल कहितो ओ नइँ मानल छलनि। मृत्युक पहिने राति जेलमे ओ गीता पढ़ि सुतल छलनि आ जेलमे रहल मित्रकेँ ठीक समयपर उठा देबाक लेल सेहो आग्रह कएने छलनि। अन्त: हुनका मृत्युदण्ड देल गेल छल।
माए लगायत परिवारद्वारा पञ्चायत सरकारसँ हुनकर लहाश माङ्गलोपर नइँ देल गेल। कुशक लहाश बनाकऽ भारतक गयामे हुनक दाहसंस्कार भेल छल। दुर्गानन्दक माएक २०६० भादओ ३१ गते निधन भेल छल।
आ गुप्तचरकेँ छकाबैत ग्रिनेड प्रहार कएने छलनि। प्रहारसँ राजा महेन्द्र चढ़ल ल्याण्डरोभर गाड़ीक पछाड़ीभाग सामान्य क्षति भेलोपर राजाकेँ किछु नइँ भेल छल।
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हुनक विषयमे मैथिली भाषाक दू सुप्रसिद्ध साहित्यकार लिखैत छथि।
….शहीद दुर्गानन्द । जे मृत्यु स्वीकार कयलक, अपन राजनैतिक आस्था आ प्रतिबद्धता स बैमानी नइँ कयलक । ओ राजतन्त्र विराेधी आ लोकतन्त्र समर्थक छल, तैँ जखन राजा देशपर निरङकुशता लदलक त ओ राजा पर बम प्रहार कयलक । ई गणतन्त्र एहने बहुताे दुर्गानन्दके महान शहादतके परिणाम अइछ । २०१८ साल माघ ९ गते जनकपुरमे राजा महेन्द्रके जीपपर बम प्रहार भेल छल । एकटा विशेष अदालत बिना सुनवाई मृत्यु दण्डके फैसला सुनाैलक। स्राेतसबहक अनुसार माफी मँगलापर मृत्युदण्डक सजाय आजीवन कारावासमे बदैल देबाक विकल्प सेहाे देल गेल, लेकिन नेपाली जनताके ओ
महान बेटा निरङकुशता आ अन्यायक विरूद्ध माथ झुकाबयके लेल तैयार नइँ भेल । २०२० साल माघ १५ गते काठमान्डूके सदर खाेरमे ओेकरा गाेली माइर क’ हत्या क’ देल गेल । अपन मृत्युके समय दुर्गानन्द एक्कैस बरखक छल । दुर्गानन्द शहिद मात्र नइँ, एकटा पथ के नाम अइ । एकटा परम्परा अइ, जे निरङकुशता, अन्याय, उत्पीडन आ अनीतिके विरूद्ध माथ नइँ झ्रुकयबाकलेल, बरू आवश्यक परय त हँसैत हँसैत माथ कटाब’लेल प्रेरित करैत अइ । ई पथ चे ग्वेभारा, भगत सिंह, गंगालाल आ कृष्णसेन इच्छुकसन श्रमजीवि जनताके सन्तानसबके अमरताके महान पथ अइ । महान शहीद दुर्गानन्द जिन्दाबाद !
रोशन जनकपुरी
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“लोकतन्त्रकेर आत्मासँ ओइ तपस्वीक अनुबन्ध छलै
– धीरेन्द्र प्रेमर्षि
हँसि हँसि फाँसी झूलि गेल, ओ सपूत दुर्गानन्द छलै
शब्दक गुणन आ भागक दमपर कविकाठी बनि गेल कते
ओ गमकल बस भाव जकर जीवन गणतन्त्रक छन्द छलै”