Ghazal

आनन्द मोहन झाक पाँचटा गजल

चर्चित गजलकार आनन्द मोहन झाक पाँचटा गजल प्रस्तुत अछि

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१.

सभ मुश्किल आसान हेतैक
जौं करतबकेँ ज्ञान हेतैक

बूझत सेवाकेर जे पैघ
से असली संतान हेतैक

हौं हौं कयलासँ किछु भेल
बरखा भेने धान हेतैक

जौं नहि भावक ओहिमे भान
गीत गजल निष्प्राण हेतैक

नापल जोखल गीत गेताह
कवि बनियाँक समान हेतैक

२.

देखलहुँ भगजोगनीक इजोत
दिनमान कहाँ देखलहुँ
कविताक नमहर कतेक
वितान कहाँ देखलहुँ

चानधरि पहुँचति
देखलहुँ विकास दर
फँसरी लगाक’ मरैत
किसान कहाँ देखलहुँ

चानन त्रिपुंड कएने
विद्या वारिधि सभ
माथा झुकाबी जतय
श्रीमान् कहाँ देखलहुँ

द्वापर छलै कृष्ण
एलखिन मददिमे
कलजुगमे धीके रखैत
सम्मान कहाँ देखलहुँ

शब्दक छिनरपनमे
कविता ओझरायल
कवि कल्पनाके असीम
उड़ान कहाँ देखलहुँ

३.

ठोढ़ सीने अपन चुप रहल नहि गेलै
फूसि हुनकर प्रशस्ति लिखल नहि गेलै

छल सामर्थ्य नहि से एहन बात नहि
छोड़ि साहित्य सत्ता गहल नहि गेलै

जीब रहलै बहुत लोक मुरदा जकाँ
संग मुरदाक हमरा मरल नहि गेलै

नाम जिनकर शहादतमे उपरे रहै
फूसिओमे एको दिन जहल नहि गेलै

गीत कविता गजल छन्द सभटा पढ़ल
प्रेमके ढ़ाइ आखर पढ़ल नहि गेलै

४.

ओ नदी ओ समुंदर रहै
ई कते पैघ अंतर रहै

पीठ जनताक दकचल गेलै
ओ व्यवस्थाक हंटर रहै

टूटि गेलै मुदा की कहू
आँखिमे स्वप्न सुन्दर रहै

पीबि लैतै उठाकेँ गरल
ओ कहाँ कोनो शंकर रहै

संग निमहत कते दिन कहू
काँच ओ त’ ई कंकड़ रहै

५.

ढोलपर जे थाप पड़लै सभ सुनलकै
चामपर की बीत रहलै के देखलकै

चान सबके अंगना उतरत योजना छै
आस द’ क’ दीप घ’रक के मिझेलकै

रेत रहलै प्रेमसँ गर्दनि गरीबक
ई मुदा होशियार चिकबा के चुनलकै

बोल आश्वासन के दू टा बाजि एलाह
काटि रहलै माय अहुँछिया के बुझलकै

ई व्यवस्था प्रेमके नहि मान देलकै
तइँ कवि प्रतिरोध के कविता लिखलकै

विद्यानन्द बेदर्दी

Vidyanand Bedardi (Saptari, Rajbiraj) is Founder member of I Love Mithila Media & Music Maithili App, Secretary of MILAF Nepal. Beside it, He is Lyricist, Poet, Anchor & Cultural Activist & awarded by Bisitha Abhiyanta Samman 2017, Maithili Sewi Samman 2022 & National Inclusive Music Award 2023. Email : [email protected]

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