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आइ हनुमान जयन्ती देशभरि श्रद्धापूर्वक मनाएल जा रहल

प्रति वर्ष चैत्र शुक्ल पूर्णिमाक दिन मनाएल जाएबला रामभक्त हनुमानक जन्मजयन्ती आइ देशभरि विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमसभक आयोजना क मनाएल जा रहल अछि।

विश्वास अछि जे चैत्र शुक्ल पूर्णिमाक दिन हनुमानजीक पूजा आ आराधना करबासँ बल, बुद्धि आ विद्या प्राप्त होइ छै आ दुःख-संकटसँ मुक्ति भेटैत अछि। अइ अवसरमे काठमाण्डूक हनुमानढोका, पशुपतिके हनुमान मन्दिर, गोकर्णेश्वर नगरपालिका–४ उत्तरगया स्थित पञ्चमुखी हनुमान मन्दिर सहित देशभरिके विभिन्न हनुमान मन्दिरसभमे विशेष पूजा आराधना कएल जा रहल अछि। हनुमानढोका दरबारक नासलचोक नजदीक अवस्थित पञ्चमुखी हनुमान मन्दिरमे परम्परानुसार केवल पुजारीद्वारा पूजा कएल जाइत अछि।

हनुमान आराधना मण्डल, मारवाडी सेवा समिति, अग्रवाल सेवा केन्द्र आदि संस्थासभ हनुमान जयन्तीक अवसरमे विविध कार्यक्रम आयोजित करैत आबि रहल अछि। संस्कृत व्याकरण अनुसार ‘हनु’ धातुमे ‘मतुप’ प्रत्यय लगलासँ ‘हनुमान’ शब्द बनल अछि, जतए ‘हन्’के अर्थ गति होइत अछि। अइ आधारपर हनुमानक अर्थ वेगवान, गतिशील शक्ति मानल गेल अछि। एकर दोसरो अर्थ आज्ञापालक सेहो बताएल गेल अछि, ताहि कारणेँ हनुमानके भगवान रामक समर्पित भक्त कहल जाइत अछि।

भय मानवक मूल प्रवृत्ति होइत अछि, आ दुष्ट शक्तिक प्रभावसँ रक्षाक लेल हनुमानके शक्ति रूपमे पूजल गेल छै। पहिने बान्दरक दर्शन अशुभ मानल जाइत छल, मुदा हनुमानके मंगलमूर्ति आ संकटमोचक माइन क पूजा कएल जाए लागल। अइ आधारपर बालसँ बूढ़धैरसभ लोक भयमुक्तिक लेल ‘हनुमान चालिसा’के पाठ करै छथि।

हनुमानके वायुपुत्र मानल गेल अछि। विश्वास अछि जे हनुमान कोनो रूप धारण करएमे सक्षम छथि। शतरुद्र संहितामे हुनका एकादश रुद्रमेसँ एघारम रूप मानल गेल अछि। अइ आधारपर रामायणक पूर्व कालमे हनुमानक अस्तित्व रहबाक शास्त्रीय मान्यता अछि। रामायण हनुमान सम्बन्धी सबसे प्रामाणिक स्रोत मानल जाइत अछि। वैदिक ग्रन्थसभमे वर्णन अछि जे भगवान राम विष्णुक अवतार रूपमे अवतरित भेलाह आ हुनकर सहयोग लेल हनुमान शिव अवतार रूपमे जन्म लेलनि।

स्कन्द पुराणक अवन्तिखण्ड अनुसार हनुमानसँ पैघ कोनो प्राणी जगतमे नइँ अछि। ओ परब्रह्म, उत्साह, बुद्धि, प्रताप, नीति, गाम्भीर्य, चातुर्य, धैर्य आदिक प्रतीक मानल गेल छथि।

एहि अवसरमे स्त्री, पुरुष, बाल-वृद्धसभ पवित्र नदीमे स्नान क व्रत आ पूजा-आराधना करैत छथि। हनुमानके बजरंग बली सेहो कहल जाइत अछि, कारण हुनकर शरीर वज्र सम सुदृढ़ मानल गेल अछि। पवन देव हुनकर पालन-पोषण कएलैन, ताहि कारणेँ ओ पवनपुत्र कहल जाइत छथि।

पञ्चमुखी, तेजस्वी, पञ्चतत्त्व स्वरूप, भयंकर रौद्र रूपधारी हनुमानक धीयान करबाक लाभ सब काजक सफलता मानल गेल अछि। धर्मशास्त्र अनुसार हनुमानक पूजासँ रोग-व्याधि, बाधा, भय, प्राकृतिका संकट, पिशाच शक्ति, भूत-प्रेत आदिसँ मुक्ति भेटैत अछि।

हनुमान भक्तियोग आ कर्मयोगक माध्यमसँ भगवान रामक निकटता प्राप्त कएलैन। वैष्णव सम्प्रदायमे हुनकर पूजा यौगिक शक्तिक प्राप्तिक लेल सेहो होइत अछि। हुनका अणिमा, महिमा, गाैरव, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशित्व, वशित्व—एहि आठ प्रकारक यौगिक शक्ति प्राप्त छल।

हनुमानक मूर्तिके सिन्दूर लगाएल जाइत अछि, जे शरीर निर्माणक दृष्टिकोणसँ महत्वपूर्ण मानल गेल अछि। आइ देशभैरिक हनुमान मन्दिर आ मूर्तिसभमे पूजा-आराधना सङे शोभायात्रा सेहो निकालल जा रहल अछि।

मंगल आ शैनके दिन हनुमानक विशेष आराधना कएल जाइत अछि, अइ वर्ष हनुमान जयन्ती शैनके दिन पड़लासँ ई आओरो विशेष अवसर मानल गेल अछि। धर्मशास्त्रविद् प्रा. डा. रामचन्द्र गौतम कहलनि ” आइ शैनके दिन हनुमान आराधना कएनाइ अत्यन्त शुभ मानल गेल छै।”
— (rss Maithili)

गजेन्द्र गजुर

Gajendra Gajur [गजेन्द्र गजुर] is News Editor of Ilovemithila.com . Maithili Language Activist. He is Also Known for His Poetry. One of the Founder of Music Maithili App. गजेन्द्र गजुर एहि वेबसाइटक समाचार संयोजक छथि। कवि सेहो छथि। Email- [email protected],

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