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हनुमाननगर जेल काण्ड: गणतन्त्रके ऐतिहासिक संघर्ष

हनुमाननगरसँ जेल तोड़ि भागल छलाह जयप्रकाश नारायण आ लोहिया

वि. सं. २००० साल जेठ ९ गतेक रातिक अन्हारमे सगरमाथा अंचल आ सप्तरीक सदरमुकाम हनुमाननगरमे नेपाल आ भारतक इतिहास बदलैबला घटनाके बीजारोपण भेल छल। ओहि समय नेपालमे राणा शासनके कठोरता उच्च सीमामे छल आ भारतमे अंग्रेजी शासन। दुनू शासक क्रान्तिकारी आवाजकेँ दवाबैमे एकेमत छल।

भारतमे जयप्रकाश नारायण आ डा. राममनोहर लोहियाजकाँ समाजवादी नेताके नेतृत्वमे स्वतन्त्रता आन्दोलन उग्र रूप लैत छल। नेपालमे सेहो राणाविरोधी लहर धीरे-धीरे बढ़ि रहल छल। धर्मभक्त, शुक्रराज, गंगालाल, दशरथ चन्द जेकाँ देशक सपूत सब केँ फाँसी द’ राणा शासन अपन क्रूरता देखा चुकल छल।

जयप्रकाश नारायणकेँ अंग्रेज शासन गिरफ्तार क हजारीबाग जेलमे राखने छल। क्रान्तिकारी सब जेलभितर नाटक करबाक बहानासँ जयप्रकाशकेँ भगेबामे सफल भेल छलाह, जे अंग्रेज शासन लेल अपमानजनक साबित भेल।

जेलसँ भागिक जयप्रकाश नारायण आ अन्य नेतासभ मुम्बईसँ बिहार आएलाह आ डा. लोहियासँ मिलि क ‘आजाद दस्ता‘ नामक सशस्त्र संगठन गठन कएलक। भारतभितरे क्रान्तिकारी गतिविधि करबामे कठिन होए लगलाक कारण ओ सब नेपालके सीमावर्ती क्षेत्रके आधार बनए लगाल। बिहारक नेता सुरजनारायण सिंहसँ संगे ओ सब सप्तरीके कोइलाडी बरसाइन आएल, जत रामेश्वरप्रसाद सिंह, चतुरानन्द सिंह, जयमंगल प्रसाद सिंह सहितके राणाविरोधी स्थानीय नेतासभसँ भेट भेल।

नेपाली नेतासभ भारतीय क्रान्तिकारीकेँ समर्थन देबाक वचन देलैन। ओहि समर्थनक आधारपर सुनसरीक हल्दीबारी नजिक ट्रेनिङ क्याम्प बनाओल गेल आ चुरे क्षेत्रमे सशस्त्र तालिम शुरू भेल। आर्थिक सहायता हेतु भक्तपुरक जमिनदार दलबहादुर प्रजापति अपन आम्दनी क्रान्तिकारीसभक भरणपोषण लेल देबए लगल।

अंग्रेजके दबाबके कारण राणा शासन भारतीय नेतासभ विरुद्ध कड़ाइके साथ प्रस्तुत हुअ लागल । हल्दीबारी क्याम्पसँ जयप्रकाश नारायण, डा. राममनोहर लोहिया, कार्तिकप्रसाद सिंह, डा. बैजनाथ झा, ब्रजकिशोर शास्त्री आ बाबा श्यामनन्दनकेँ गिरफ्तार कएल गेल आ हनुमाननगर गारथमे राखल गेल। राणा शासनक योजना छल ओ सबकेँ अंग्रेजके नियन्त्रमे देबाक। ओ सबकेँ फाँसी देबाक अंग्रेजके योजना छल।

एहि खबरसँ भारतीय आ नेपाली क्रान्तिकारीसभमे चिन्ता फैलि गेल। आन्दोलनकेँ बचाबै लेल जयप्रकाश नारायण सबकेँ जेलसँ भगेबाक योजना बनाओल गेल। रामेश्वरप्रसाद सिंह, जयमंगलप्रसाद सिंह, चतुरानन्द सिंह, मीनवहादुर सिंह आदि अइ योजना सबमे लागल छल।

हनुमाननगर जेल काण्ड
हनुमाननगर जेल काण्ड, AI द्वारा बनाएल गेल

जेठ ९ गतेक राति १२ बजे जेलपर आक्रमणके समय निर्धारित कएल गेल। ओहि दिन बरसाइनमे रामेश्वर प्रसाद सिहंके बेटीके विवाह सेहो छल, जाहिसँ घरमे लोकके भीड लागल रहए आ राणाके जासूस सबकेँ शंका नइँ भेल। विवाह लेल बनाएल गेल भोजन आजाद दस्ताके लडाकुसभकेँ खुआ क गारथपर आक्रमण करए लेल पठाओल गेल।

लडाकुसभ गारथपर आक्रमण केलक। पुआरके टालमे आगि लगा क सिपाहीसभके बीच हल्ला फैलाएल गेल जे आगि लागि गेलैन, सीपाहीके ध्यान फेरल गेल। ओहि मौकाकेँ उपयोग करैत लडाकुसभ सिपाहीसभकेँ कब्जामे लेलक, बन्दुकसँ गोली प्रहार केलक आ जयप्रकाश नारायण, डा. लोहिया सहित सातु व्यक्तिकेँ गारथसँ भगा देलक। गोलीके आवाज सुनलाक बाद बडाहाकिम सेहो नुकाए गेल। जेलसँ छुटलाक बाद नेपाली नेतासभकेँ भारतीय सीमा सप्तरीके सटले नेउर लग पठा देलथि।

ई घटनासँ नेपाली भूमि अंग्रेज विरोधी संघर्षक मजबूत आधार बनल आ भारत-नेपालक क्रान्तिकारी एकताकेँ नव दिशा भेटल।

हनुमाननगर जेल काण्ड: गणतन्त्र बीजके ऐतिहासिक संघर्ष

भोरमे जेठ १० गते बडाहाकिम तुलाविक्रम राणा सप्तरीमे व्यापक गिरफ्तारी सुरू कएलक। सप्तरीभरिसँ करिब १०५० गोटेके गिरफ्तारी भेल। काठमाण्डूँसँ सुनवाइ करएलेल राणा कर्णेलसभके टोली हनुमाननगर आएल। जाहिमे ४८ गोटेके उपर मुद्दा दायर कएल गेलै, भादब २ गते राजविराज जेलसँ काठमाण्डूके केन्द्रिय कारागारमे पठाएल गेल। जाहिमे रामेश्वरप्रसाद सिंह, जयमंगलप्रसाद सिंह, चतुरानन्द सिंह सहित करिब २०० स्थानीय नेता आ कार्यकर्तासभ छल। ओहि जेलमे सप्तरीक अब्दुल मियाँ आ कृष्णबिर कामीक राणाक यातनासँ मृत्यु भ गेल।

हनुमाननगरमे २००० साल जेठ ९ गते भेल जेल काण्डक असर किछुए समयमे देखाए लगल। सन् १९४७ अगस्ट १५ तारिके भारत अंग्रेज शासनसँ स्वतंत्र भ’ गेल, मुदा नेपालमे राणा शासन आओर क्रुर बनल। जेल तोड़ि भारतीय नेतासभकेँ भगेलाक बाद राणासभ नेपाली स्वतन्त्रता पक्षधरपर दमन तेज क देलक।

एहि घटनासँ राणा शासनक विरुद्ध काठमाण्डू बाहिर सर्वप्रथम गोली चलल, जे सप्तरी सहित देशक अन्य भागमे आन्दोलनक नव आधार बनेलक। जेल तोड़ि भारतीय नेतासभकेँ भगेलाक बाद सप्तरीक जनतामे नव चेतना आ साहस जागृत भेल, जे राणाविरोधी लहरकेँ तेज क’ देलक।

एहि संघर्षक गम्भीर परिणाम भोगनिहार जयमंगलप्रसाद सिंह—जिनका लोक ‘जंगलीबाबु’ कहैत छल—काठमाण्डू जेल पठाओल गेल। हुनक नौ वर्षक बेटा रामराजा प्रसाद सिंह जखन अपन पिताकेँ भेटै गेल, तँ राणाक अधिकारी कहलक: “ए! उसैको छोरा हो? ल, यसलाई पनि थुन्दे।” आ ओहि निर्दोष बालककेँ सेहो जेलमे ठेलि देल गेल।

ई अन्यायपूर्ण अनुभव रामराजा प्रसाद सिंहक मनमे राणा-राजशाहीक विरुद्ध गहिर आक्रोश आ गणतन्त्रक दृढ संकल्पक बीजारोपण क देलक। ओहि दिनके चोट आ अन्याय ओना जे छोट लागल हो, मुदा कालान्तरमे ओहि बालकके गणतन्त्र नेपालक मुख्य प्रणेता बना देलक।

हनुमाननगर जेल काण्डक ओहि आगि, जे प्रारम्भमे सीमित संघर्ष जेकाँ देखाएल गेल, अन्ततः नारायणहिटी दरबार धरि पहुँचिक राजतन्त्रकेँ संग्रहालयमे बदलि देबाक अभियानक मुख्य प्रेरणा बनल। रामराजा प्रसाद सिंहक जीवन आ विचारधारामे अइ घटनाक प्रभाव अतुलनीय रहल।

यद्यपि नेपाली इतिहास लेखनमे ई ऐतिहासिक घटना बहुतो हद तक अन्हारमे अछि, तथापि हनुमाननगर जेल काण्ड नेपाल आ भारतक क्रान्तिकारी सबके एकता, राणा-ब्रिटिश गठबन्धन विरुद्धक संघर्ष आ गणतन्त्र प्राप्तिक लम्बा यात्रामे अविस्मरणीय कड़ी बनिक अपन स्थान सुरक्षित कएने लेलक अछि।  (गजेन्द्र गजुर)
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साभार :
– यादव, डा. पिताम्बरलाल। प्रजातान्त्रिक आन्दोलन र सप्तरी। प्रकाशित मिति: वि.सं २०७०।
– झा, अवधेश कुमार। “हनुमाननगर जेल काण्डका ७५ वर्ष पूरा।” कान्तिपुर। प्रकाशित मिति: जेष्ठ १०, २०७५।
– झा, अजय कुमार। “गणतन्त्र नेपाल र हनुमाननगर जेलकाण्ड।” अनलाइन खबर। प्रकाशित मिति: फागुन २४, २०७७।

गजेन्द्र गजुर

Gajendra Gajur [गजेन्द्र गजुर] is News Editor of Ilovemithila.com . Maithili Language Activist. He is Also Known for His Poetry. One of the Founder of Music Maithili App. गजेन्द्र गजुर एहि वेबसाइटक समाचार संयोजक छथि। कवि सेहो छथि। Email- [email protected],

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