‘मातृभाषा बचेबाक लेल अभिभावकेँ सेहो जागरूक होबाक चाही’
सालभरि मैथिलीमे संचालित वा नयाँ बनाबैबला बेवसाइटसभके निशुल्क रूपसँ सेवा देबाक आइ लभ मिथिलाद्वारा घोषणा कएल गेल अइछ।

काठमाण्डू, ९ फागुनः अन्तर्राष्ट्रिय मातृभाषा दिवसके अवसरमे आयोजित ‘भाषाक भविष्य’ अन्तरक्रिया कार्यक्रममे वक्तासभ मातृभाषा बचेबाक लेल विशेष रूपसँ घरके अभिभावकसभकेँ अपन बालबालिकाकेँ उत्साहित करबाक आ प्रेरित करबाक महत्त्वपर जोड़ देलनि अछि।
शुक्रदिन लभ मिथिलाद्वारा आयोजित “भाषाक भविष्य” अन्तरक्रिया कार्यक्रममे नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानक प्राज्ञ रमेश रंजन झा कहलथि, “प्रदेश सभक भाषा आयोगके सुझाव प्रतिवेदनके आधारमे मात्रे प्रदेशके भाषासभ निर्धारण करबाक चाही। सुझावसभमे उल्लेख नइँ कएल गेल भाषासभकेँ प्रदेशक कामकाजी भाषा बनेबाक काज नइँ होबाक चाही।” मिथिला पेन्टिंग चित्रकार आ नेपाल ललितकला प्रज्ञा प्रतिष्ठानक प्राज्ञ एसी सुमन मैथिली भाषाक प्रति दिन-प्रतिदिन चुनौती बढै़त गेल अछि, से कहलैथ आ मैथिली भाषीसभकेँ विभिन्न माध्यमसँ भाषाक संरक्षण लेल अग्रसर होबाक लेल युवासभक प्रोत्साहन कएलनि।
विमर्श फाउण्डेशनक अध्यक्ष विभा झा कहलथि “मातृभाषा अपन जीवनके अविभाज्य हिस्सा अछि आ एत तक की जँ माए नहियो सङ रहैत छथि तइयो मातृभाषा मृत्यु पर्यन्त सङ रहैत अछि। ओ कहलैन, “मातृभाषा मात्रे राज्यक जिम्मेवारी नै छै, अभिभावकसभकेँ सेहो मातृभाषाक संरक्षण लेल जागरूक भ क प्रयास करबाक जरूरी अछि।”
अर्चनाकृत रामायणके मैथिलीमे अनुवाद करैत काल अपन अनुभव साझा करैत लेखिका अर्चना झा कहलनि “हम मैथिलीके विविध भाषिकाके स्विकारैत मैथिलीके हइ, हवे बला भाषिकामे रामायणके अनुवाद केने छियै, ई बहुतके शुरुमे बहुत अपच भेल छलै। जँ अपनासभ मैथिलीके अपने भाषिकासभके लड़ाइ कराएब तँ भाषा जल्दिए मरि जाएत, तँ हम अइपर चिन्तित छी।”
AI द्वारा मातृभाषा मैथिलीक विकाशमे एकटा ऐतिहासिक उपलब्धि भेल जे ChatGpt, Deepseek AI, Claude Ai सबमे मैथिलीक स्थान भेटल। एहिसँ भाषाक भविष्य उजज्व भेल कार्यक्रमक सहजकर्ता गजेन्द्र गजुर कहलनि।
पत्रकार शिवम असगरूवा कहलनि “पत्रकारितामे मैथिलीपर संकटन किछु कम तँ भेल छै, मुदा अवसरके सर्वथा अभाव कायमे छै। मैथिलीमे संचालित साइटसभके हाल खराब छै। टेक्नोलजीसँ पाछु छै, जँ जनशक्ति खोजबो करी तँ नइँ भेटत। युवासभ नइँ लागब तँ अवस्था सुधार नइँ होएत।”
मैथिलीमे भारतके संविधान अनुवाद, भारतीय संसदमे मैथिली भाषा उपलब्ध भेनाइ, राष्ट्रिय समाचार समितिमे मैथिलीके समाचार भाषा बनेना अइ सालक मुख्य उपलब्धी भेल साहित्यकार विकाश वत्सनाव बताैलनि।
सालभरि मैथिलीमे संचालित वा नयाँ बनाबैबला बेवसाइटसभके निशुल्क रूपसँ सेवा देबाक आइ लभ मिथिलाद्वारा घोषणा कएल गेल अइछ। जाहिमे पुरान बेवसाइटके फेरसँ बनाएब तथा नवका मैथिली भाषा समाचार, ब्लगके निर्माण, सहायता, परामर्श निशुल्क देबाक आइ लभ मिथिला बेव र्सभिसके टिम जानकारी देलनि।
कार्यक्रममे गायिका ज्योति विश्वकर्मा, चित्रांश लाभ, पत्रकार अमरेन्द्र कुमार यादव, आनन्द काैशिक, अभय प्रसाद यादव आदि विचार व्यक्त कएलैन।
मधेश पुस्तकालय तथा अनुसन्धान केन्द्रमे आयोजित अइ अन्तरक्रिया कार्यक्रमक अध्यक्षता रामरत्न कएने छलथि।
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राष्ट्रिय समाचार समिति (रासस)