गत जुन महिनामे अन्तरिक्षमे पठाओल गेल नासाक वैज्ञानिक ओ अन्तरिक्षयात्री द्वय ५८ वर्षीय सुनिता विलियम्स आ ६१ वर्षीय बुच विल्मोर पृथ्वीसँ करिब ४०८ किलोमिटर दूर अवस्थित इन्टरनेशनल स्पेस स्टेशनमे तीन महिनासँ फंसल छथि।
ई दूनू अमेरिकी अन्तरिक्ष वैज्ञानिक ‘अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेन्सी‘ आ नासाक सहयोगमे बोइङ कम्पनीद्वारा निर्माण कएल गेल ‘स्टारलाइनर’ यानक परीक्षण एवं अनुसन्धान कऽ आठ दिनमे घुरि अएबाक योजना छल।
नासाक ई दूनू वरिष्ठ अन्तरिक्षयात्रीक यान पृथ्वीक कक्षमे पुगलाक पश्चात यानमे समस्या सुरु भेल छल। मुदा, तइयो यानकेँ आईएसएससँग कुशलतापूर्वक जोड़ल गेल छल। किछु दिनक अध्ययन पश्चात नासा द्वारा कहल गेल जे उक्त अन्तरिक्ष यात्रीद्वय ओहि यानमे पृथ्वी पर घुरि नइँ आबि सकत। तेँ, ओहिठाम अन्तर्राष्ट्रिय अन्तरिक्ष केन्द्र (आईएसएस) मे रूकबाक लेल बाध्य भेल छथि। हिनका दूनूकेँ पृथ्वी पर घुरि अएबाक लेल सांगोपांग सात-आठ महिना घरि प्रतिक्षा करहि पड़त।
नासा द्वारा देल गेल जानकारी अनुसार हिनका सभकेँ २०२५ क फरवरी धरिमे आवश्यक तैयारी कऽ पृथ्वी पर फिर्ता लाओल जा सकैछ। पृथ्वीसँ बहुत दूर अन्तरिक्षमे रहल स्पेस स्टेशनमे एखन सुनिता आ बेरीसँग कुल ९ गोटे अन्तरिक्षयात्रीसभ छथि। अन्तरिक्ष स्टेसनमे रहि कऽ अनुसन्धान एवं दैनिक आवश्यक दिनचर्याबला काज करब सहज नइँ होइछ, कारण गुरूत्वाकर्षणयुक्त पृथ्वी जकाँ वातावरण अन्तरिक्षमे नइँ होइछ। केहन होइछ स्पेस स्टेशनमे रहब ?
बेलायती अन्तरिक्षयात्री मेगन क्रिश्चियन (यूके) क अनुसार अन्तरिक्ष स्टेशनमे रहबाक क्रममे अन्तरिक्षयात्री स्नान नइँ कऽ पबैछ। प्यास लगला पर अन्तरिक्ष यात्रीसब अपन पिसाबहिकेँ शुद्धीकरण कऽ प्रयोग करबाक बाध्यता होइछ। सुतब, खाना खाएब, ब्रशसँ दाँत-मूंह साफ करब, पानि पीबि समान्य नइँ होइछ। बुझबाक बात ई जे अन्तरिक्षमे रहब बहुत कठीन होइछ, संगहि हिनकासभकेँ सदैव हानिकारक विकिरणक सामना करऽ पड़ैछ।
मेगनक अनुसार, स्पेस स्टेशनमे स्नान करबाक लेल आवश्यक पानि ओ बाथरुमक व्यवस्था नइँ भेलाक कारणेँ अन्तरिक्षयात्रीसभ एक प्रकारक भिजल तौलियाक प्रयोग करैछ। गुरुत्वाकर्षण बहुत न्युन वा नइँ भेलाक कारणेँ शरीरमे सेहो हानि भऽ सकैछ।
पृथ्वीक तापीय मण्डल तहमे रहि पृथ्वीकेँ दैनिक डेढ़ घण्टामे एक बेर परिक्रमा करैछ। अर्थात, अन्तरिक्षमे हिनका सभक लेल ९० मिनटमे सुर्य अस्त आ उदय होइत छनि, तेँ एहि सौर्यचक्रक अभ्यासमे रहऽ पड़ैछ।
अन्तर्राष्ट्रिय अन्तरिक्ष केन्द्र (आईएसएस) मे विभिन्न १५ टा देशक अन्तरिक्ष संस्थासभक समन्वय रहल अछि। अमेरिकाक नासा, रुसक रसकसमस, युरोपक ईएसए, जापानक जेएएक्सए आ क्यानडाक सीएसए जेहन एजेन्सीसंभ संयुक्त रूपमे प्रयोग एवं व्यवस्थापन करैत आबि रहल उक्त अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष केन्द्र सन् १९९८ सँ निरन्तर सञ्चालनमे रहल अछि।
हिनक अनुसार शौचालय प्रयोगक लेल विशेष प्रकारक सक्शन ट्वाइलेट होइछ, जे दिसा-पिसाब सहित शरीरक तरल पदार्थसभ संकलन करैछ।अन्तरिक्षमे पृथ्वी जकाँ शौचालयक प्रयोग नइँ कएल जा सकैछ, आ दोसर बात, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षणक कारण हरेक वस्तुसभ अन्तरिक्ष स्टेशनमे तरि रहल होइछ। तेँ, दिसा-पिसाब करबाक लेल विशेष प्रकारक रबर ब्यागयुक्त सौचालयक निर्माण एवं व्यवस्था कएल गेल रहैछ।
आगामी फरवरीमे आरो दूटा यात्रुसहित अन्तरिक्षमे जाए लागल Space X ‘क्रु ड्रागन क्याप्सुल यान’मे आरो दूटा सिट समायोजन कऽ नासा अन्तरिक्षमे फंसल ई दूनू यात्रीद्वयकेँ पृथ्वी पर फिर्ता लएबाक व्यवस्था कएल जा रहल बताओल गेल अछि। अन्तरिक्ष यात्रा एवं अन्तरिक्षमे अनुसन्धानक क्रममे एहन चुनौतीसभ अकल्पनीय नइँ होइछ। तथापि, एहन विकट परिस्थितिमे सुनसान एवं भयावह अन्तरिक्षमे रहि कऽ कएल गेल विभिन्न प्रकारक खोज-अनुसन्धान मानव लेल बहुत आवश्यक ओ महत्वपूर्ण सिद्ध होएत।