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कस्सल पटकथा आ सशक्त अभिनयक “बेजोड़” प्रयोग ‘जॅक्सन हॉल्ट’ : किसलय कृष्ण

Jackson Halt Review

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By Kislay Krishna

करीब एगारह मास पहिने मधुबनी सँ एकटा पैसेंजर ट्रेन मे सवार भ’ उगना हॉल्ट उतरल रही ! उद्देश्य दूइ टा छल – पहिल अभिनेता मित्र रामबहादुर रेणु सँ भेंटघांट आ दोसर मैथिली मे बनि रहल ओहि फिल्मक निर्माण प्रक्रिया केँ लगीच सँ देखबाक सेहेन्ता, जे एखन प्रदर्शित आ प्रशंसित भ’ रहल अछि । से जेठक ओहि तपल दुपहरिया मे मित्र रेणु सँ भेंट आ गपशप सँ कनेक शीतलता’क अनुभव कयने छलहुँ, निर्देशक नितिन छायांकन प्रक्रिया मे बाझल छलाह, तेँ मात्र हाइ-हेल्लो भ’ सकल, मुदा रेणु भाय संग फिल्मक सेट देखबा लेल भीतरी भाग गेल छलहुँ आ तकर महीनी देखि हमरा काजक प्रति सकारात्मकता केर अनुभव तहिये भ’ गेल छल आ से बीतल राति सपरिवार जखन नव प्रदर्शित मैथिली फिल्म “जैक्सन हाॅल्ट” बेजोड़ एप्प’क माध्यमे टीवी स्क्रीन पर देखय लगलहुँ, तँ ठीके बेजोड़ लागल !!


दहेज, पाग, सिनूर, माछ, मखान आदि सन एकरसाह विषय-वस्तु मे ओझराएल मैथिलीक सिनेमाइ यात्रा क्रमश: गामक घर, लोटस ब्लूम्स, धुइन आदि फिल्म सँ अपन दशा आ दिशा बदलबाक उपक्रम मे लागि गेल छल, जकरा एकटा नव परिणति प्रदान कयलन्हि अछि प्रयोगधर्मी निर्देशक नितिन चन्द्रा अपन टटका फिल्म “जैक्सन हॉल्ट” सँ ।


दरभंगा हवाई अड्डा पर ऋषि राज (निश्चल अभिषेक)क आगमन सँ आरम्भ फिल्म गाम-घर आ परिजन-पुरजन केँ छूबैत बड़ा महीनी सँ जैक्सन हाल्ट’क कन्ट्रोल रूम पहुँचैत अछि आ कथानक’क असली पारा एतहि चढ़ब आरम्भ होइत अछि, जाहि मे दर्शकक आँखि सँ ल’ कय मन:स्थिति धरि बन्हाएल चलि जाइत अछि । फिल्मक बारह आना सँ बेसी हिस्सा यैह कन्ट्रोल रूमक विभिन्न फ्रेम बनबैत अछि आ कथावस्तु स्टेशन मास्टर (रामबहादुर रेणु), ऋषिराज (निश्चल अभिषेक) आ हेल्पर (दुर्गेश कुमार)क वाचिक सँ ल’ कय आंगिक अभिनय सँ सम्पूर्णता मे गस्सल रहैत अछि आ दर्शकक मोन मे प्रतिक्षण एकटा उत्सुकता जे आब किछु गड़बड़ हेतै आ एहि उहापोहक स्थिति मे फिल्म बढ़ल जाइत अछि, मुदा उबाउ कखनहुँ नहि होइत अछि ।


राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय सँ प्रशिक्षित अभिनेता रामबहादुर रेणु’क अभिनय कौशल, बेर बेर मुँह सँ वाह निकलबाबैत अछि । हिनक कुटिल मुस्कान आ भाव भंगिमा लगातार दर्शकक मोन पर अपन छाप छोड़ैत बढ़ैत रहैत अछि फिल्म मे आ मैथिली फिल्मक यात्रा मे गजराज वा ब्रह्मा सिंह रूपी खलनायिकी’क चर्च सँ बहुत आगू निकलि गेलाह अछि जैक्सन हाल्ट’क स्टेशन मास्टर ठाकुर जी मने रामबहादुर रेणु । तहिना सुडौल देहयष्टि’क स्वामी नायक निश्चल अभिषेक’क चेहरा पर बेर-बेर उभरैत भयातुरता आ संवाद। सम्प्रेषण मे भयमिश्रित भाव हिनक अभिनय कौशल केँ जाहिर करैत अछि ! “देखै छीही ने विनोद….!!!” मने वायरल मीम’क विनोद, पंचायत’क बनराकस दुर्गेश कुमार बहुत कम संवाद रहितहुँ अपन उपस्थिति आ एक्टिविटी सँ दर्शक केँ बेर बेर अपना दिसि खींचबाक काज करैत रहैत अछि । फिल्म मे शेषपात्र’क उपस्थिति मात्र क्षेपक वा संदर्भ मिलान लेल अछि आ ताहू मे शिवानी शाण्डिल्य, रामसेवक ठाकुर, पूजा आदिक उपस्थिति नीके सन ।


वस्तुत: ससपेंस थ्रिलर आ सेहो सीमित पात्र संग एकटा खास लोकेशन पर फिल्माकय दर्शक केँ दू घण्टा धरि बान्हिकय रखनाइ चुनौतीपूर्ण अछि आ निर्देशक एहि चुनौती केँ स्वीकारैत पूर्णत: सफल भेलाह अछि । हिन्दी मे रामगोपाल वर्मा’क कौन, वेटिंग रूम अहाँ सभ देखने होयब, मुदा जैक्सन हाल्ट तकरा सँ आगूक यात्रा अछि सिनेमाइ परिदृश्य मे । बहुत लोकक कहब छन्हि जे एहि फिल्मक मात्र पात्र सभक भाषा मैथिली अछि, बाँकी फिल्म सम्पूर्णता मे वैश्विक अछि आ ताहि सँ हमरो सहमति जकाँ अछि , मुदा जँ ई फिल्म आनो भाषा मे डब क’ देल जाय तँ मैथिलपन बरकरार रहत , से दरभंगा एयरपोर्ट सँ ल’ कय विद्यापति-चन्दा झा’क बहन्ने हो कि तरूआ आ मिथिला मे ट्रेनक उपलब्धता केर चर्चाक बहन्ने । फिल्मक अन्त मे श्लोका’क गाओल ” हे रौ बौआ….” एकदम युवातूर लेल झाँस भरैत पचफोरना जकाँ । आह… जँ मुखड़े जकाँ शेषांश सेहो मैथिली मे रहितैक तँ सोन पर सुहग्गा !


छायांकन सँ ल’ कय पार्श्वसंगीत धरि पूर्णत: स्तरीय आ भारतीय सिनेमाक संग कदमताल करैत । हँ… एतय एकटा गप्प बस ओहिना मोन पाड़य चाहब, जे भारतीय रेल मे कोनो रेलवे हाल्ट पर कन्ट्रोल रूम वा स्टेशन मास्टर नहि रहैत अछि आ अधिकांश हाल्ट ठीकेदार सभ द्वारा संचालित होइत अछि आ सेहो मात्र एकटा टिकट काउण्टर संग । मुदा एहि विन्दु पर निर्देशक सिनेमेटिक लिबर्टी लेने छथि उक्त फिल्म मे आ कल्पनाशीलता नीके छन्हि ।


एखन एतबे…. जे समग्र मिथिलावासी बेजोड़ एप्प/वेबसाइट पर जाउ आ निर्धारित न्यूनतम शुल्क दैत फिल्म देखू ः शत प्रतिशत संतुष्टि भेटत । सम्पूर्ण टीम केँ बधाइ ।

किसलय कृष्ण

Guest Writer of I Love Mithila. Kislay Krishna is a famous anchor, lyricist & journalist of Maithili Industry

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