
किसान आन्दोलन कविता
देखैछी , आगिके बड्का धन्धोरा !
कहै छै , भ्रष्टाचारी नइँ छोरबौ तोरा !
जेना टायर डहैके गन्ध छै , चौक टोला !
भाग भाई पुलिस मारे , आश्रु बमके गोला !!
किसानक देशमे मल खाधके अभाव !
नेतासभ बनल अछि लख्नौवा नबाव !
सरकार करै गरिब किसानपे दबाब !
चुनाबमे दियौ नेतासबके करारा जबाफ !!
गरिब किसानके कहिया हेत , भलाइ!
सर्वहारा शोषकके कहिया हेत सजाय !
कि भ्रष्ट कर्मचारीके एहने रहत रजायी !
जागि उठल जनता आब करत जन कार्वाही !!
किसान सभहक आवाज बुलन्द करु !
भ्रष्टाचारी नेतासबके नाकोदम करु !
शान्तिपूर्ण आन्दोलनमे तोडफोड सेहो बन्द करु !
कृषि बिकास देश बिकासके आधार जोरसे कहु !!

कवि : सन्तोष सिंह
हाल: न्यूयोर्क अमेरिका कार्यरत,
घर: गोलबजार नगरपालिका-१०(सिरहा)
बितल १ वर्ष देखी अमेरिकेसँ अपन कलम चलाइब रहल छथि। बिशेष तह: मैथिली माटि पानिसँ जुड़ल समय सन्दर्भिक कविता लेखै छै। देशक अवस्थापर चिन्तीत, सन्तोष सिंह कोइरी जी अपन मातृभाषामे रचना लिखै छथि। अपन लेखनसँ साहित्यीक चेतना देखेनिहार रचनाके इ एकटा उदाहरण अछि। – I Love Mithila