हे पार्थ ! प्राप्त करू नइँ भाव नपुंसक, उचित ई किन्नहुँ नइँ।
त्यागि हृदय-दुर्वलताकेँ ई ,युद्ध करू बनू खिन्नहुँ नइँ। ( – श्री कृष्ण )
‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ पर्व आइ नेपाल-भारतभरि भगवान श्रीकृष्णक पूजा–आराधना क’ मनाओल जा रहल अछि। ज्ञानयोग, कर्मयोग आ भक्तियोगक प्रणेता मान’बला श्रीकृष्णक जन्म द्वापर युगमे भाद्रकृष्ण अष्टमीक मध्यरातिमे भेलाक कारण आजुक दिन ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ आ रातिके ‘मोहरात्री’ कहल जाइत अछि।
आजुक दिन विशेष कक’ महिलासभ ‘व्रत’ बसिक’ रातिभरि जागरण करैत अछि आ श्रीकृष्णके आराधना करबाक प्रचलन अछि। कृष्ण जन्माष्टमीके दिन विभिन्न धार्मिक संघ-संस्था झाँकी सहित शोभायात्रा निकालबाक आ श्रीकृष्णके विभिन्न रूप दर्शाएल सचित्र झुला झुलेबाक चलन अछि।
अनकर निकहा धर्मसँ अप्पन,कम असलो ओ अत्युत्तम अछि।
अनकर धर्म तँ भयकारी अछि,मरण नीक बरू रत स्वधर्म अछि। ( – श्री कृष्ण )
विगतक वर्षमे देशभरिके कृष्ण मन्दिरसभमे भगवान श्रीकृष्णक पूजा–आराधना, प्रवचन, भजनकीर्तन कएनाइ आ मेला लागनाइ एहि बेर ई वर्ष कोरोना भाइरस संक्रमणक जोखिमक कारण कृष्ण मन्दिरमे खासे चहल-पहल नइँ देखल गेल अछि। शोभायात्रा निकालनाइ आ झुला झुलेनाइ काज सेहो नइँ कर’ लेल स्थानीय प्रशासनसभ आग्रह कएलक।
एसिया महाद्विपमे तेसर सभसँ बड़का रथयात्राक आयोजन हुअबला विराटनगरक रथयात्रा स्थगित भेल अछि। जइँमे प्रधानमन्त्रीद्वारा आकाससँ हेलिक्पटरक माध्यमे अविर आ फूल बरसेबाक प्रचलन अछि।
New post:मुख्यमन्त्री राउत सब प्रति आक्रामक किए ?
पौराणिक कथन अनुसार अन्याय, अत्याचार आ राक्षसी प्रवृत्तिसँ सम्पूर्ण मानवक रक्षा कर’ लेल भगवान् विष्णुकक आठो अवतारक रूपमे जन्मल श्रीकृष्ण आजीवन सत्यक पक्षमे रहि सत्कर्मक लेल मानव समुदायके प्रेरित कएलथि।View Also:फोटो खिचनिहार पत्रकारके परिवार उपर आक्रमण
महाभारतक अनुसार कुरुक्षेत्रमे कौरवसभक सँगके लडाइँमे संलग्न पाण्डवसभ मध्येके अर्जुनके उपदेश देबाक क्रममे स्वयम् ओकराद्वारा व्यक्त ‘श्रीमदभागवत गीता’ हिन्दूसभक पवित्र ग्रन्थ मानल जाइत अछि।