प्रादेशिक स्तरमे प्रज्ञा प्रतिष्ठान गठन कर’ लेल मधेश प्रदेश आगू बढ़ल अछि। अन्य प्रदेशमे कुलपति लगायतक किछ पदमे प्रदेश सरकार प्रमुख तथा सरकारी कर्मचारी राख’ कए व्यवस्था क’ रहल अवस्थामे अछि त मधेश प्रदेश प्रख्यात साहित्यकार रामभरोस कापड़ि ‘भ्रमर’ केँ प्रतिष्ठानक अध्यक्ष चयन कएल गेल अछि ।
किछ माससँ विचाराधीन रहल प्रतिष्ठानमे नियुक्ति योजनाकेँ मन्त्रिपरिषद्क बैठक स्वीकृत कएने अछि। स्वीकृत विधानअनुसार प्रतिष्ठानक दैनिकी कार्य कर’ लेल तीन सदस्य आ एकटा संचालक समिति गठन कएने अछि । सञ्चालक समितिक अध्यक्ष पदमे भ्रमरकेँ नियुक्त कएल गेल अछि।
भ्रमर विगत पाँच दशकसँ मैथिली भाषा साहित्यक सेवा करैत आएल छथि । हिनक पच्चासीम पुस्तक ‘मिथिलाक लोकजीवनः लोक सन्दर्भ’ किछ मास पहिने जनकपुरधाममे विमोचन भेल अछि।
अइसँ पहिने ओ साझा प्रकाशनक अध्यक्ष आ नेपाल सरकारक नियुक्तिमे नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानक प्राज्ञ परिषद सदस्यक रूपमे काम क’ चुकल छथि। भ्रम्रर नेपाल आ भारतमा दर्जनो सरकारी तथा गैरसरकारी सम्मान तथा पुरस्कार प्राप्त कएने छथि ।
विगत किछ वर्षसँ मधेश सरकार प्रदेशमे भाषा, साहित्य आ संस्कृतिको चौतर्फी उत्थानक लेल भाषा, साहित्य आ संस्कृति प्रतिष्ठान स्थापना करबाक प्रस्ताव राखि रहल छलनि। किछ स्थानीय संघसंस्था मुख्यमन्त्री लालबाबु राउतकेँ ज्ञापनपत्र समेत बुझेने छल। मुदा निदान हुअ नइँ सकल छल।
मधेश आन्दोलनक आधारमे नेपालमे आएल संघीयतासँ गठन हुअ पहुँचल मधेश सरकार मातृभाषा, संस्कृति, कला, रंगमञ्च, सङ्गीत आ पुरातत्वक उत्थान लेल व्यवस्थित संस्था बनाब’ बहुत पहिनेसँ कसरत आ उभर-खाभरक बादे ई स्वरुप प्राप्त हुअ सफल भेल ।
नेपालमे आगामी मंसीर ४ गतेमे आमनिर्वाचन भ’ रहल अछि। वर्तमान सरकारक कार्यकाल किछुये समय बाँकी रहल अछि यद्यपी ई भाषा आ साहित्यक क्षेत्रमे लागल-भिड़लसभक लेल संस्थासभ बनाक’ बहुत महत्त्वपूर्ण कार्य कएने अछि ।
नवनियुक्त अध्यक्ष भ्रम्रर हाल प्रतिष्ठानक कार्यालय स्थापनाक काम भ’ रहल आ तकराबाद निर्धारित कार्यकेँ आगू बढ़ाएब कहलनि।
एकर कार्यदिशा भाषा, साहित्य, कला, रंगमञ्च, सङ्गीत, पुरातत्व आदिक विकास लेल विभिन्न कार्य करत। तहिना संस्थान उपर उल्लेखित सम्पूर्ण क्षेत्रमा हराएल वा नुकाएल प्रतिभाकेँ ताकिक’ ओसभक संरक्षण, प्रवर्द्धन तथा सम्मान आ पुरस्कारक व्यवस्था करब भ्रमर कहलनि।
मधेशमे छिराएल भाषा, साहित्य, कला आ सांस्कृतिक सम्पदालाई अभिलेख कएल जाएत आ अइक्षेत्रक विज्ञसभक सहयोगमे अनुसन्धान कक’ तैयार कएल जेबाक पुस्तकसभ प्रकाशित कएल जाएत अध्यक्ष भ्रम्रर कहलनि । ओ मधेश प्रदेश मूर्त अमूर्त सम्पदासँ भरल-पूरल प्रदेश भेल कहैत एहन परम्परागत आ विलुप्त हुअ जा रहल सम्पदासभकेँ संरक्षण आ सम्वर्द्धन सेहो प्राथमिकताक सङ्ग कएल जेबाक विश्वास व्यक्त कएलनि ।
एहन महत्त्वपूर्ण संस्था स्थापना करबाक लेल प्रदेश सरकारकेँ धन्यवादसमेत व्यक्त कएने छथि।