मिथिला साहित्य-कला प्रतिष्ठान नेपाल भाषिक जागरणके लेल यात्रा मिथिलाक गाम-गाम अभियान पछिला महिनासँ सुरु कएलक अछि। काल्हि सप्तरी जिलाके राजगढ़ गाउपालिका, नरघोके विद्यापति चौक लग आयोजन भेल छल। “मैथिलीकेँ जे हाल धरि जिवित राखने छै ओ गामके लोके सब छियै तँ आब मैथिली प्रत्येक गतिविधि गामसँ सुरु हेबाक चाही। तँए गामसँ सुरु कएलियै” संयोजक शम्भु श्री I Love Mithila के जानकारी देलथि।
कार्यक्रमके अध्यक्षता स्थानिय वुद्धिजिवी अर्जुण प्रसाद यादव , तथा मैथिली साहित्य परिषद् राजविराजक सतिश दत्तके आतिथ्यमे कार्यक्रम भेल रहए। जाहिमे स्थानिय व्यक्तिसभ अगुवा बनिक अभियान कार्यक्रमक लेल संस्थासँ आग्रह कएने छल।
भाषा एकेटा होइतो भाषिका अलग अलग रहि सकै छै। भाषिकाके कारण भाषे अलग भेलै एहि औल-झौलमे नइँ पड़बाक छै ” संस्थाके स्थापक अध्यक्ष देवेन्द्र मिश्र बतेलथि।
तहिना संस्थाक अध्यक्ष श्रीराम मण्डल ‘भरोसी’ भाषिकेसँ भाषा सम्पन्न होइ छै, जेतेक अलग अगल बोली होइ छै भाषा तेतक धनिक बनै छै। जहिया हम जनकपुरमे पढ़ैत रहियै तँ हमे – होइ हइ, जाइ हबे कहैत रहियै। इहे सप्तरी हमहि जाइ छियै, खाइ चियै बोलै छियै तँए अपनासब अपन धनके चिन्हबाक लेल जरुरी छै।
कोयली आ सुगाके उदाहरण दैत ओहि कार्यक्रममे गजेन्द्र गजुर कहलथि “
रमिला साह कहलथि “मैथिली जन जनके भाषा छियै । अपन अधिकारक लेल आबो आगू आबै पड़तै। “
तहिना अशोक कुमार यादव कहलथि” भाषा बारेमे बहुत अज्ञानता छै, कोइ पुछै छै तोहर कोन भाषा छियौ तँ राष्ट्रिय भाषा नेपाली नाम कहै छै, वा जे जानै छै हिन्दी कहै छै । अपन भाषा मतलब जे जानै छियै से नइँ जे अहाँके मातृभाषा छियै माँएसँ जानलियै से छै ।
प्रमुख अतिथि ” सब संस्थाके मिलिके गाम गाम अभियान करबाक चाही। मातृभाषाक संरक्षण लेल जोड़देलथि।
कार्यक्रमके उद्घोषण श्यामप्रित मण्डल कएने छल। एहि तरहेँ राज राय, सरोज बिरपुरिया, चुडामणि यादव लगायत अभियानसभके आ गामबासीके उपस्थितिमे कार्यक्रम सम्पन्न भेल।