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मलेशियाक मूद्रा पर बहूआयामी अड़हूल

अड़हुल फूलके सम्प्रति मलेशिया एवं हवाइ द्वीपक राष्ट्रीय फूल

डा. विद्यानाथ झा
अड़हुल पुष्पके आध्यात्मिक जीवनमे विशेष महत्व अछि ।

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शक्ति-पूजा स्वरूप श्यामा, काली पूजनमे अड़हुल फूलक प्रयोग श्रद्धापूर्वक कएल जाइछ। संस्कृतमे ‘जपा’ नामसँ ख्यात एहि फूलक अन्तरराष्ट्रीय वानस्पतिक नाम हिबिस्कस रोजा- साइनेन्सिस-(Hibiscus rosa-sinensis Linn.) अछि।

अड़हूल परिचय

अंग्रेजीमे सामान्यतः एकरा China Rose, Chinese Hibiscus Shoe Flower नामसँ जानल जाइछ। हिन्दीमे अड़हुल, गुड़हल आ जवा नाम प्रचलित अछि। मैथिलीमे अढू़ल सेहो कहल जाइछ, ई कपास कुल मालवेसी (Malvaceae) क सदस्य अछि।

अड़हुल एक उष्ण-उपोष्ण कटिबंधीय गुल्म अछि। जकर ऊँचाइ 5 सँ 8 फीट धरि होइछ । साल भरि एहिमे फूल फुलाइछ, जे एकल (solitary) एवं अक्षीय होइत अछि ।

अड़हूलके भूमिमा

अड़हुलक मूल स्थान एशिया मानल जाइ छै। भारतक पूर्वी क्षेत्रकेँ सेहो एकर मूल स्थानमे मानल जाइछ। संयोगवश देशक पूर्वी भाग बंगाल, असम, मिथिला सहितशक्ति पूजाक प्रमुख केन्द्र अछि, जतय दुर्गा, काली, श्यामा आदि विभिन्न रूपमे शक्तिक पूजा कयल जाइत अछि। एकरा संगे तान्त्रिक अनुष्ठानमे सेहो फूलक विशेष प्रयोग होइछ।

अड़हुलक रक्त पुष्प लोककेँ सहज रूपसँ आकर्षित करैत अछि । मिथिला क्षेत्रमे कार्तिक आ माघ मासमे नदी कातमे पूर्णिमाक राति आमक गाछीमे होइवला तांत्रिक अनुष्ठानमे यंत्र पर अड़हुल फूलक विशेष सज्जा कोनो आगन्तुककें सहजें ध्यान खीचि लैछ। देवी मंदिरमे मूर्ति आ फेर मृत्तिका पिण्ड पर एकर फूल ओ फूलमालाक छटा देखिते बनै छै।

वैज्ञानिक लोकनिक मानव अछि जे भारतीय मूलक लोक द्वारा पूर्वमे एकरा पोलिनेशिया (Polynesia) ल’ जाएल गेल जतयसँ ई चीन एवं प्रशान्त क्षेत्रीय देश सभमे गेल । सजावटी (ornamental) गुल्मक रूपमे ई उष्ण-उपोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रमे सर्वत्र लगाओल जाइ छै। ठंढरोधी हिबिस्कसकें अन्य प्रजातिसँ संकरित कऽ एकर ठंढरोधी संकर प्रभेद (cold hardy hybrids) सेहो विकसित कयल गेल अछि।

अड़हूल आ मलेशिया

“Queen of Tropical Shrubs” वा “Queen of Tropical Flowers” नामसँ विख्यात अड़हुल फूलके सम्प्रति मलेशिया एवं हवाइ द्वीपक राष्ट्रीय फूल हेबाक प्रतिष्ठा प्राप्त अछि।

एना मानल जाइछ, जे 12म शताब्दीमे मलय प्रायद्वीपीय क्षेत्रमे बाहरसँ एकरा लs जायल गेल। 1958 इ० मे आन किछु पुष्पक संगे ओतय राष्ट्रीय फूल लेल नामित कयल गेल ।

28 जुलाइ 1960 कें एकरा ओतयक राष्ट्रीय फूल घोषित कयल गेल । ओतय एकरा ‘बुंगा राया’ (Bunga Raya) नामसँ जानल जाइछ। एकर अर्थ होइछ उत्साह आ जीवन्तताक प्रतीक, जे तीव्र गति सँपुष्पित होइत अछि।

मलेशियाक मुद्रा (notes) एवं सिक्का पर एकर चित्र छापल एवं उत्कीर्ण कयल जाइछ। अड़हुलक विशेषता एकर बहुगुणित (Polyploid) होयबा मे अछि जकर अर्थ अछि एहिमे गूणसुत्र (chromosomes) केर दू पूर्ण सेटसँ अधिक संख्यामे भेनाइ ।

एहि कारण संकरण पद्धति द्वारा एहिसँ अनेकानेक प्रभेद एवं प्रतिरूप (varieties, cultivars etc.) बनेबाक संभावना बढ़ि जाइछ ।

अड़हूल प्रयोग

अड़हुल फूलक प्रयोग लिटमस पत्रक तरहें घोल केर pH (Potentia Hydrogenii) अर्थात् अम्लक्षार-मान ज्ञात करबा लेल सेहो कयल जाइत अछि। अम्लीय घोलकें गुलाबी रंग आ क्षारीय घोलकें हरिअर रंग मे बदलि दैत अछि।

पुष्प रस आयुर्वेदमे अड़हुलकें कफपित्तशामक, रक्तरोधक, सौमनस्यजनक, मस्तिष्कवल्य, स्तम्भक, हृद्य, शोणितस्थापक, प्रदरनाशक आ मूत्रसंग्रहणीय गुण सँ सम्पन्न कहल गेल अछि। एहि सँ बनल ‘जावा कुसुम’ तेल प्रसिद्ध अछि। अड़हुलक पंखुड़ीक प्रयोग केशके सुदीर्घकाल धरि कारी बना कS रखबामे होईछ ।

ब्राह्मी आ धात्रीक रसक संग विशेष रूपसँ एकर रस मिलाक’ औषधि बनाओल जाइछ। मस्तिष्कक त्वचा एवं केशकेँ निखारबामे एवं आन त्वचा कोमल बनेबामे एकर विशेष प्रभाव देखल गेल अछि ।

ई स्त्रीमे मासिक स्रावक दिक्कति दूर करैछ । चीनमे एकर फूलक रसक उपयोग पनही (जूता ) क चमक बढ़बामे कयल जाइछ आ एहि प्राचीन परम्पराक कारण एकरा Shoe flower सेहो कहल जाइछ ।

एकर ई प्रयोग भारतमे सेहो किछु भागमे हेबाक चर्च अछि जकरा ‘उपानह पुष्प’ रूपमे व्यक्त कयल गेल अछि। एहि फूलसँ रंग सेहो बनेबाक चर्च अछि। फूल पीसिक प्राप्त होइवला रस सँ हल्लुक कारी रंगकें प्राप्त कयल जाइछ ।

गर्भ निरोधक गुणसँ सम्पन्न होयबाक कारण परिवार नियोजनमे सेहो अड़हुल फूल सेवन सँ लाभ होइछ। एकर अतिरिक्त अड़हुल फूल वीर्यह्रासकेँ रोकबामे सेहो गुणकारी हेबाक चर्च अछि।

प्राकृतिक उपयोगसँ परिवार कल्याणक लक्ष्यकें प्राप्त करबाक देहाती संसाधनक रूपमे एकर भूमिका पर शोध करबाक आवश्यकता अछि।

ई एक आश्चर्यक विषय अछि जे एतेक विशिष्ट आध्यात्मिक महत्वक एहि फूलमे सुगन्ध नइँ अछि। ई आवश्यक अछि जे एकैसम शताब्दीमे जैव प्रौद्योगिकीय प्रयोगसँ सुगन्धिकारक जीनक प्रवेश कराकऽ एकर गन्धयुक्त प्रभेद विकसित कयल जाय ।

अइ पोस्टके लेखक ।

डा. विद्यानाथ झा

कैलाश कुमार ठाकुर

कैलाश कुमार ठाकुर [Kailash Kumar Thakur] जी आइ लभ मिथिला डट कमके प्रधान सम्पादक छथि। म्यूजिक मैथिली एपके संस्थापक सदस्य सेहो छथि। Kailash Kumar Thakur is Chef Editor of ilovemithila.com email - [email protected], +9779827625706

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