मङ्गलदिन दुपहरसँ उत्पला क्याफे( Utpala Cafe ) आइ धरि निरन्तर तीन दिन मिथिलाके भोजनके स्वाद लेल गेल। Mithila Food Festival नाम देल गेल उक्त आयोजन उपत्यकाके बाैद्धमे छल।
भात,दालि, कोबी भण्टाके तरकारी,करेलाके भूजिया, दाल मखाना,फोफी,खेरही दालि,पापर,तिलाैरी , फूलाैरी,चचाैरी,चङ्गलत्ती,खीर,दही चीनी,कचरी, अल्लु-कोबी-भण्टा-करेला -तरूआ, तील-आमके चटनी, आमके अचार, पुरी ।अनार,केरा,सेब,अङ्गुर,, फलफूल सेहो राखल गेल छल।
कार्यक्रमक उद्घाटन सङ्गीत तथा नाट्य कला प्रज्ञा प्रतिष्ठान नेपालक प्राज्ञ धीरेन्द्र प्रेमर्षिद्वारा कएल गेल । तहिना चित्रकार एस. सी. सुमन, सामाजिक अभियन्ता राकेश झा,रूपा झा,काजल कर्ण विशेष आतिथ्य रहल छल। एहि सबके हृदय केन्द्र छलथि – महेश्वर साह ! सबटा संचालनके योजना,परिकल्पना हिनके छल।

महेश्वर साह सन् 2000 मे BHM ( Hotel Management ) अपन गाँम सबैला छोरिके पढ़बाक लेल गेल छल। कलकत्ता,बनारस सहित भारतके बहुते ठाममे १४ वर्ष एहि पेशामे बितल।
हमरा एखनो याद आबैय ओ दिन जहिया माए हमर खदीके रोटी बनाबै रहथि,तइपर सुखय माछके चटनी ! बथुआ साग !
– Maheshwar Shah
उत्पाला क्याफेमे संचालन भेल Mithila Food Festival मे विदेशी नागरिकसभके बहुत बेसी सहभागी छल। करिब ८० प्रतिशत विदेशी नागरिक स्वाद लेलक ।

Wau So Yemmi ! So Testy !!!
विदेशीसभके मूहसँ एहने वाक्य बहराइत छल। से कार्यक्रममे सहभागी अभियानी चित्ररांश लाभ I Love Mithila केँ जानकारी देलक।

मिथिला पेन्टिङ्गमे तेजीसँ प्रगती क’ रहल मनिशा शाहके मिथिला चित्रकला सेहो आकर्षक ढङ्गसँ प्रस्तुत कएल गेल छल।
मिथिला पेन्टिङ्ग समग्र वातावरणमे मिथिलाके चितरित कएने छल। मिथिला पेन्टिङ्गकेँ आधुनिक बनबैत सचेनासँ भरल पेन्टिङ्ग सबकेँ देखबाक लेल भेटल। सङ्गे एहने Mithila Food Festival अन्य अन्य ठाममे सहाे भेलासँ मिथिलाक संस्कार तथा चेतनात्मक स्तरके आओर देखार हेतै। उक्त क्याफेेँके प्रबन्धक दीपक बोहरा सेहो मिथिला स्वाद विदेशी पर्यटककेँ आकर्षित कएलक से बात कहलनि। तहिना विशेष रूपसँ कार्यक्रममे काजल कर्ण सहित अन्य बहुतेकके उपस्थित रहल छल।