आइ लभ मिथिला, जनकपुरधाम।
मिथिलाक परिकार सबके खुवाब लेल देशविदेशमे सेहो आउटलेट /रेस्टुरेंट संचालन करब योजनाक साथ बीबीसी मास्टर सेफ सन्तोष साह जनकपुरमे मिथिला थाली रेस्टुरेन्ट सुरु कएने छथि। ओ पाँच वर्ष भितर एक सय शाखा सञ्चालनमे लाएब योजना सेहो बनौने छथि।
जनकपुरक रामानन्द द्वारसँ कनिकेँ उत्तर एकटा नव प्रकारक रेस्टुरेन्ट खुलल अछि। ओहिमे भितर गेलाक बाद, मिथिला आर्टक कोनो ग्यालरीमे चलि आएल अपनेके अनुभव होएत, पुरा दिवाल पर पेन्टिङ सभ छै। प्रवेशद्वार लगेमे छै, मिथिला चित्र बनाओल गेल माटिक चारिटा मग, आ ताहिमे राखल जिवमे सँ पानि छोड़ाब बला चारि तरहक अँचार।
समृद्ध मिथिलाक कोनो गामक दर्शन जेहन अनुभव कराब बला रेस्टुरेन्ट भितर पलङ छै, पुवारक बिछौना बिछाएल अछि। बेलायती सञ्चार संस्था बीबीसीक पाककला प्रतियोगिता यूके मास्टरसेफ प्रोफेसनल्स रिम्याच २०२१क विजेता मास्टर सेफ सन्तोष साह मिथिलाक ८४ व्यञ्जन खुवाब लेल बुध दिनसँ सञ्चालनमे लौने ई मिथिला थाली रेस्टुरेन्ट छै।
जनकपुरसँ सन्तोषक अलगे सामीप्यता छै। सिरहा कर्जन्हाकेँ साह बाल कालमे जानकी मन्दिरक दर्शन लेल जनकपुर अबै रहथि। मास्टर सेफ मादे पाककलाक ख्यातिमे उचाइ धरि पहूचलाक बाद ओ जनकपुर अएलाक बाद हुनका ५४ किलोक मालासँ स्वागत कैल गेल रहै। बेर-बेरक जनकपुर आन-जानक क्रममे हुनका एकटा बात मनमे खुटकैत रहल जे एहि ठाम मिथिलाक उच्चतम स्वादयुक्त खान-पिनक प्रवर्द्धनके बहुत बेसीए अभाव छै। बितल वर्ष जनकपुरमे रहैत काल दू-पहरमे हुनका भुख लगलनि। साथीसँङ्गे एकटा होटल जाऽकऽ ओ जिरा-राइस अर्डर कएलनि। एक कौर मुहमे देलाक बाद ओ बुझि गेलनि जे ई त ‘बसीया भात भुंजि कऽ लौलनि।’ ओकर बाद हुनका लगलनि, जनकपुरमे स्वादिष्ट खाना खुवाब बला जगहकेँ / होटलकेँ बहुत अभाव छै।
एहने एकटा आओर तीत घटना हुनका संङ्ग अछि। एक बेर ओ जनकपुरमे कोनो रिक्सावालाकेँ पुछलनि, ‘अईठाम स्वदगर खाना कतए मेटै छै ?’ रिक्सावाला एक क्षण गुम्मी लदलनि लेकिन किछु नै बाजि सकलाह। ई दु टा अनुभव हुनका किछु करबा लेल प्रेरित कएलनि। ‘जनकपुरक लेल एकटा निक एडिसन छै मिथिला थाली,’ मास्टर सेफ साह कहलनि, ‘जनकपुरक खाना अन्डररेटेड छल।’ ताहि लेल हमर पहिल रेस्टुरेन्ट जनकपुरमे खोललौं।’ मिथिला थालीक उद्घाटन सन्तोष आ हुनक माय कएलनि। २४ प्रकारक परिकार बनौने पहिल दिन खानासंङ्ग फोटो खिचाब लेल भीड़ लागि गेल छल।
भीड़ बहुत भेलासँ खानपिन व्यवस्थापनमे समस्या भेल छल। ‘सुरुवातहिमे मिथिलाक अपन खानाक प्रेमी सभक भीड़ देखि हम बड़ उत्साहित छी,’ ओ कहलनि।
हुनका अनुसार मिथिला थालीमे परसल जाएबला खानाक १५ प्रकारक परिकार नियमित रहतै। बिरियाक, करीबरी, आलु चोखा, आलुक भुजिया, चार प्रकारक तरुवा (आलु, परोर, भन्टा, सजमनि), तिरौली-फुलौरी, माछ, मिथिलामे उत्पादित चाउरक भात, तरकारी आ राहिरक दालि आ ओहि पर शुद्ध गरम-गरम घिउ। ‘हम सभ खानाक परिकारमे कोनो सम्झौता नइँ करैत छी, खानाक गुणस्तर आ स्वादकेँ उत्तम बनएबा लेल भानसमे ८ गोटे सेफ छथि।’, सेफ संतोष कहलनि।
मिथिला थालीमे दू टा भानस अछि। एकटा भानसमे मिथिलाक देहातमे बनाएल जेहन। माटिकेँ चुलही पर जारनि सँ पकाएल जाई छै खाना, सिलौट पर मसल्ला पिसल जाई छै। मिथिला खाना बनाबऽ के लेल भानसमे ५ गोटे छथि। ‘मिथिला थाली सस्ता आ स्वदगर अछि, ननभेज आ भेजके लेल अलग-अलग भानस छै,’ सन्तोष कहलनि। ‘मिथिला खानाक भानसमे एकल महिला सभकेँ प्राथमिकता देने छी, हुनकर बच्चा सभकेँ हमहीं सभ शिक्षाकेँ व्यवस्था कएने छी, मिथिला खाना बिक्री भेल हरेक थाली पर ३ रुपैयाँ अनाथालयकेँ दैत छी।’, सँतोष कहलनि।
हिमालय ग्लोबल इन्भेस्मेन्ट कम्पनी मादे करिब दू करोडक लगानीमे सन्तोष मिथिला थालीक पहिल आउटलेट जनकपुरमे खोललक अछि। मिथिला थालीक संङ्ग ओ एहि ठामक महिला सभकेँ जोड़बाक कोसीस कएने छथि। अदौरी, कुम्हरौडी़, बिरिया, तिलौरी साहक टिम गाम–गामसँ संकलन कए कऽ लबैत छथि।
मिथिलाक ई परिकार बनाबऽ लेल साह गाम-गाममे महिला समूह बनाईब कऽ आयआर्जनके लेल काममे लगौने छथि। ओ महिला समुहसँ मिथिला थाली रेस्टुरेन्ट बिरिया १ हजार ७ सय रुपैये किलो आ तिलौरी ५ सय रुपैये किलो खरिद करैत छथि। ‘हम सब बजार भाउसँ बेसीए मोल दऽ रहल छी,’ सन्तोष कहलनि, ‘स्टोरेज निर्माण कऽ तरकारी, बिरिया, तिलौरी सब किछु राखल गेल अछि। मिथिला थालीमे ई परिकार खाएल जाईत अछि, आ सनेष रूपमे सेहो लऽ जा सकैत छी।’
मास्टर सेफ सन्तोषक लक्ष्य महत्त्वाकांक्षी अछि। ओ अगामी ५ वर्षमे अपन रेस्टुरेन्टके मिथिला थालीक एक सय शाखा सञ्चालनमे लएबाक घोषणा कएने छथि। आब, ओ दोसर आउटलेट कतारक दोहामे खोईल रहल छथि। मिथिला थालीकेँ विश्वव्यापी करब हुनक एहि अभियानकेँ हिमालय ग्लोबल इन्भेस्टमेन्ट कम्पनीक दीपक श्रेष्ठ, रोबट विश्वकर्मा आ सविन महर्जन साथ देने छथि।
‘दोहामे मिथिला थालीक डिमान्ड छै। तेँ, दोसर ब्रान्च बहुत जल्दीए दोहामे खोईल रहल छी,’ सन्तोष कहलनि। ‘काठमाडौंमे थकाली खानाक मात्र हजार जतेक होटल छै। आब, काठमांडूमे सेहो मिथिला थाली खुवाईब।’ कतारक दोहामे नेपाल, भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका आ बंगलादेशक कामदार प्रशस्त छथि। ओ सभ सेहो दाईले-भात खाईत छथि। ‘दोहामे हप्तामे एक बेर मात्रे ई देश सभक कामदार खाना खाय लेल अबथि तँ ठिके छै,’ ओ कहलनि, ‘दोहामे २ सँ लऽकऽ ३ डलरमे मिथिला थाली बेचब हमर योजना अछि।’
दोहा, पोखरा, मुग्लिन, काठमांडू, वीरगन्ज, विराटनगर लगाईत ठाउँमे ५ वर्षमे मिथिला थालीक शाखा सञ्चालनमे लाएब से दाबी कएलनि। मिथिलाक रेसेपी विश्वव्यापी बनाईब अभियान रहल ओ बतौलनि। ‘हमरा बहुत ठाममे एप्रोच करै छथि, रेस्टुरेन्ट खोली कैह कऽ,’ ओ कहलनि, मुदा ‘हम चाहने रहितौँ तँ कतौ खोलने रहितौँ। मुदा, जनकपुरमे सेहो स्वदगर खाना भेटै छै, से कहि कऽ पहिल आउटलेट एहि काम खोललौँ अछि। आब, अओर ठाममे सेहो मिथिला थाली खुलैत जाएत।’