सप्तरी जिला स्वयंमे एकटा सतरङ्गी समागम अछि। ई माटिपर सातटा पराक्रम ॠषी रहैत छलाह तेँ सप्तॠषीसँ ‘सप्तरी’ क नाम आएल अछि। New Year 2021 मे सप्तरीक Tour Place मे लोहजारा दह Lohjara Dah Taal सेहाे एक नंम्वरमे अबैत अछि। शिक्षा, राजनीति, क्रान्ति, कला, सङ्गीत, साहित्य,खेलकुद क्षेत्र आ साँस्कृतिक एवं प्राकृतिक दृष्टीकोणसँ देखल जाए तँ सप्तरी जिला अपन प्रसिद्धीक परचम नेपालक भालपर सदियोसँ लहरा रहल अछि। राष्ट्रिय-अन्तर्राष्ट्रिय जगतमे एत’ क लालसभ कमाल कएने छथि आ क’ रहल छथि।
ई माटि इतिहासक पन्नामे अपन पहिचानक नव नव किर्तिमान गढ़ि रहल अछि। ई भूमी वीर दीनाभद्री,कृष्णसवरण सन सन दर्जनो लोकदेवता, विश्व प्रसिद्ध उदीत नारायण झा सन सन कएक दर्जन गायक, नेपालेमे पहिल बेर पाग लगाक’ नागरिकता लेनिहार महेन्द्र मण्डल ‘वनवारी’ सन सन दर्जनो कलाकार, विश्व गिनिस बुक ऑफ वल्ड रेकर्ड हल्डर मेहबुब आलम आ नेपालेके पहिल स्वर्ण पदक दिएनिहार अजित यादव सन सन दर्जनो खेलाड़ी, राजनेता गजेन्द्रनारायण सिहं आ रामराजा प्रसाद सिहं सनसन दर्जनो क्रान्तिकारी राजनीतिज्ञ, विविध ओजस्वी साहित्यकार/संचारकर्मी एवं विद्वान-विदुसीक गौरवशाली भूमी अछि।
लम्बा नामावलीक संग व्यक्ति विशेषक वखान तँ दोसरे लेखमे पार लागत। विशेषत: एत’ क साँस्कृतिक धरोहरक बात करी तँ विश्व सम्पदामध्येसँ नेपालक जे १० टा पड़ल अछि ओहिमध्ये एक छिन्नमस्ता सख्ड़ेश्वरी मन्दिर अछि। तहिना शक्तिपीठसभमे कही तँ कंकालनी मन्दिर, राजदेवी मन्दिर डाक्नेश्वरी आ कि शम्भूनाथ वा कि सम्भावनायुक्त शनि देव मन्दिर ई सभ धार्मिक-साँस्कृतिक केन्द्र रहल अछि। नेपालेके पहिल नहर चन्द्र नहर तँ अवस्थित अछिये। एहि ठाँ मठमन्दिर आ प्राकृतिक माधुर्य स्थलक तँ अम्बार लागल अछि।
वर्तमान किछु वर्षसँ कहीँ तँ सप्तरीक जन-जनक जीहपर आ मन-मनक डीहपर राज करैत अछि एक मनमोहक एवं मनोरम स्थल ओ अछि – लोहजारा दह ।
● परिचय : लाेहजारा दह “Lohjara Dah”
प्रकृति सौन्दर्य, रमणीय वातावरण, मनोरम दृष्यसँ भरपूर कूल ११ दशमलव ९ हेक्टर क्षेत्रफलमे पसरल सप्तरी जिलाक तिरहुत गाउँपालिका वार्ड नं ५ स्थित ऐतिहासिक एवं साँस्कृतिक स्थल लोहजारा दह पर्यटकीय गन्तव्यक रूपमे दिनोदिन विकसित एवं परिचित भ’ रहल अछि। एकरा बाबा लोहजारा ठाकुर दह सेहो कहैत अछि। आम जनताक आस्था, विश्वास आ भरोसाक रूपमे रहल कुलदेवता लोहजारा ठाकुर बाबाक नामसँ लोहजारा गामक नाम रहल अछि आ पूर्व गामपालिका लोहजाराक नाम रहल छल। स्थानियसभक कहब छनि ई दह प्राकृतिक अछि। नेपालकीय नव वर्ष, वैशाख १ गते भव्य मेला लगैत अछि जाहिमे दशो हजार श्रद्धालुक भिड़ रहैत आबि रहल अछि।
● लोक-आस्था :
लोहजारा बाबाक मन्दिरमे पूजाअर्चना एवं कौबला केलाबाद मनोकामना पूर्ण होइत अछि। जन-धनके रक्षा परिवारमे सुख-शान्ति एवं समृद्धि लेल समेत जनसामुदाय पूजा करैत अछि। मनोरथ सफल भेलाबाद तद अनुसार बली प्रदान क’ धुमधामक सङ्ग पूजापाठ कएल जाइत अछि।
● एहि ठामक मुख्य आकर्षण :
बाबा लोहजारा ठाकुरक मन्दिर : जे मन्दिर दहक बीचमे अवस्थित अछि। मन्दिर भितरमे कारी रङ्गके आकर्षक पात्थरसभ देवताक प्रतिमा रूपमे रहल अछि। देखलाबाद सहजे अलग चमक आ अदृश्य शक्तिक महशुस होइत अछि।
- संरक्षित वन : तालक उत्तरदिसक भागमे विविध प्रजातिक हरियर गाछ-वृक्षक जङ्गलमे विभिन्न प्रजातिक पंक्षी जेना सिल्ली, जानवार जेना नढ़िया,जङ्गली कुकुर पबैत अछि।
- पिक्निक स्पोट : उक्त संरक्षित वनमे पिकनिक अर्थात वनभोजक लेल सुविधा सम्पन्न सेडसभ निर्माण कएल गेल अछि। तहिना पिब’ लेल पानि आ शौचालयक सुविधा अछि।
- तालक सौन्द्रयता : जङ्गलक ८३ दशमलव १३ हेक्टर क्षेत्रफलसँग जोड़ल तालमे रहु, नैनी, भाकुर, बिघेट, सिलबर, कमनकारजकाँ माछ पर्यटकके लोभाएल करैत अछि ।
- बोटिङ शयर : तालमे बोटिङ करबाक व्यवस्था कएल गेल अछि।
- लोहजारा दहक गाछ : दहक उतरदिस विशेष प्रकारक गाछ अछि जेकरा व्यासक गाछ कहल जाइत अछि। ई गाछ वर्षमे २ बेर स्वरूप बदलैत अछि। कहियो पूर्णरूपमे सुखल भेटैत अछि तँ समय आ ॠतुक परिवर्तन अनुसार कहियो पूर्ण रूपसँ हरियार पातसँ भरल पुरल रहैत अछि।
- प्रतिक्षालय : प्रतिक्षालय जाहिमे पर्यटकसभ सङ्गी वा अपन लोकक सङ्ग बातचित्त क’ थकान मेटबैत अछि।
● रूट : सभसँ सुलभ बाट कही तँ महेन्द्र राजमार्ग,महुली बजारसँ ५ किलोमिटर दक्षिण सवारी साधन पकड़ि आ सप्तरी सदरमुकाम राजविराजक हुलाकी सडकखण्डसँ कञ्चनपुर रोड होइत करीब १३ किलोमिटर ग्राभेल काँच सड़क पकड़ि पहुँच सकैत अछि।
● प्रयटकीय प्रभाव :
प्रदेश २ क सप्तरी, सिरहा, धनुषा तहिना प्रदेश १ क सुनसरी जिलासँ ई lohajara dah मे आन्तरिक पर्यटक आ भारत, बिहारसँ बाहिरी पर्यटकसभ ई दहमे रम’ लेल/ पिक्निक लेल आएल करैत छथि । विशेषत: विदाक समय जिलाभरिक सर्वसाधारण दहमे रमेबाक लेल पहुँचल करैत छथि। पछिला समय दहमे पिकनिक मनेबाक लेल तथा घुम’ लेल एनिहारसभक सङ्ख्या वृद्धि होइत आएल अछि।
विशेषक’ अङ्ग्रेजी सम्वत्, नव वर्ष तथा जाढ़ महिना पिकनिक मनेबाक लेल तथा घुम’ एनिहारसभक कारण ई दह खचाखच भरल रहैत अछि। आइकाल्हि दैनिक १० सँ १५ गोटक समूहमे एत’ घुम’ लेल अबैत अछि। ई क्षेत्रमे शैक्षिक अध्ययन, अवलोकन भम्रण लेल शुक्र दिन, शनि आ बिदाक दिन कर्मचारी, विद्यार्थी तथा अन्य पर्यटक, युवायुवती रमेबाक लेल आएल करैत छथि।
” एहि ठाँ आब’ वला जे कियो मोहित होइत आएल छथि आ अखन भरि जिलावासीके धियान खिचिने अछि । “, स्थानीयवासी श्याम यादव कहै छथि ।
● किवंदन्ती : ८५ वर्षीय स्थानिय बलदेव साह अनुसार पूर्वजसभसँ सुनल दूटा कथा एना अछि।
किवंदन्ती
२) दोसर किवदन्ती ई अछि जे सजल-धजल पाड़ा ई दहसँ निकलि देवताक रूपमे आमजन्ताके दर्शन दैत छल आ पुन्ह तालमे भाँसि जाइत छल। जे दैवरूपी पाड़ाके दर्शन करैत छलाह साक्षात भगवान लोहजारा बाबाक दर्शन करऽ पेलहुँ,भाग्यमानी भेलहुँ से कहि दङ्ग रहैत छलाह।
● दहके जिर्णोद्धार , उद्घाटन आ हस्तान्त्रण :
विगत बहुत वर्षसँ राज्यक दृष्टीसँ दुर रहल ई दह गणतन्त्रण स्थापनाक बाद खूबे चर्चा बटोरि रहल अछि। नेपालक पहिल सम्माननिय राष्ट्रपति रामवरण यादवके संरक्षणमे रहल चुड़े तराई-मधेश संरक्षण परियोजना अन्तरगत पहिल बेर ई दह राज्यके नजरिमे पड़ल। उच्चित संरक्षण,सम्वर्द्धनक लेल नीक्के मेहनति आ लगनक सङ्ग तत्कालीन नेपाली सेनाक एक टोली भौगौलिक पूर्वाधार निर्माण लेल योगदान देने रहथि। वि.सं. २०७२ साल,अषाढ़ ०२ गते तत्कालीन राष्ट्रपति रामवरण यादवक हाथसँ उक्त स्थलक समुद्घाटन भऽ स्थानिय ठाकुर बाबा वन उपभोक्ता समितिके हस्तान्तरण कएल गेल छल।
● Lohjara Dah मे भेल आयोजन :
२०७६ सालमे नेपाल पर्यटन बोर्डद्वारा पत्रकार अनुराग अनन्त लगायत सङ्गतुरियाक अगुवाइमे आ देवानन्द मेहताक संचालनमे प्रवर्धन स्थानिय पर्यटन आ कृषि विकासक लेल प्रथम लोहजारा ठाकुर बाबा दह महोत्सवक आयोजन कएल गेल छल। उक्त कार्यक्रममे मैथिली भाषा-संगीतक सुप्रसिद्ध गायक आभाष लाभ, रश्मी रानी, देवेन्द्र सोनी, नवीन मिश्र, इत्यादी गायककलाकारके प्रस्तुति अखनो गामवासीक करेज झनकि रहल अछि से जनतब भेटल अछि। उक्त कार्यक्रममे प्रदेश २ क जनमान्य सांसदसभक विशेष उपस्थित छल।
नेपालेके नमूना दहक रुपमे स्थापित करबाक आ दूरदूरसँ पर्यटकके मोन खिचबाक उद्येश्यसँ प्राय: नेपालकीय नव वर्ष,अंङ्रेजी वर्ष आ पर-पावनिक अवसरपर विविध साँस्कृतिक कार्यक्रमसभक समेत आयोजन होइत आबि रहल अछि।
● लोहजारा दहके कोना व्यव्स्थित कएल जा सकैत अछि ?
- काट तारक बदला सिमेन्टेट दवालसँ घेरबाक चाही।
- चिड़ियाखाना स्थापना हेबाक चाही।
- विविध फूलसभक संगममे पार्क निर्माण हेबाक चाही।
- चिल्ड्रेन पार्क ( स्कूल विद्यार्थी आ बौआ बुच्चीसभक लेल ) निर्माढ हेबाक चाही।
- झोलुङ्गेपुल निर्माण होबाक चाही।
- थप प्रतिक्षालयक निर्माण हेबाक चाही।
- होटेल, लज वा Home Stay क सुविधा हेबाक चाही।
- Fishing Centre विकास करबाक प्रचुर सम्भावना अछि।
( वाडअध्यक्ष रमानन्द चौधरी आ जनसमुदायक मत । )
पछिला बेर प्रदेश नं. २ क सामाजिक विकासमन्त्री नवलकिशोर साह आ तिरहुत गामपालिकाक सहयोगमे भौतिक पूर्वाधार तथा सौन्दर्यीकरणक काम सम्पन्न भेल से वाडध्यक्ष चौधरीक कहब छनि।
उच्चित संरक्षण,सम्वर्द्धन एवं थप विकसित एवं व्यव्स्थित बनेबाक लेल स्थानिय तह,प्रदेश सरकार,संघीय सरकारक धियान जेबाक चाही आ कडा रूपमे पहल करबाक चाही। राष्ट्रिय-प्रादेशिक,स्थानिय संचार माध्यमद्वारा आ साहित्यकार/कलाकार/समाजिक-साँस्कृतिक अभियन्तासभद्वारा व्यापक प्रचार प्रसारक अति आवश्यक्ता बुझाइत अछि। विविध साँस्कृतिक कार्यक्रम आ विशाल महोत्सवसभक आयोजन होइत रहबाक चाही।
● प्रस्तुति : विद्यानन्द वेदर्दी
अग्नि शाईर कृष्णसवरण – ५, बनौली
आवश्यक तथ्य साभार संकलन कएल गेल : टुडे खबर (अनुराग अनन्त) आ न्यूज टुडे (श्यामसुन्दर यादव)
Where is Lohjara Dah ?
Best Place to visit in Saptari Nepal 2021
लीखाबट नीक मुदा विषयके गम्भिरतामे जाएब आरो आवश्यक बुझाएल । लोहाजरादहकेँ ऐहिासिकता सम्बन्धमे बात नइ फरिछाएल । जे गामक प्रचलित खेरहा कहने छी । ओ मिथिलाक्षेत्रक हरेक गामके पुराण पोखरि-सरोवरकेँ संग एहने कथा जुड़ल भेटत ।
दोष अहाँके नइ ! हमसभ जे पढ़ब ओहे बुझब । ओहे बुझाब आ सुझाबके काज करब, अहू कएने छी । अहाँके परिश्रमके सलाम ! मुदा खोज करु जीवन्त प्रमाण भेटत । कमस’ कम चारि हजारवर्ष पहिनेकेँ कथाक्रम जुड़ैत छै, सिद्धहस्त सन्त ज्ञानी गुणी महात्मासभकेँ । सरोवरकेँ नाम आदि सेहो । पर्यटकीय महत्वक व्यवस्थित स्थल बनो ओ आवश्यक छै ओकर सम्पूर्ण पूर्वाद्धार तयार होए चाही ।