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मैथिली-भोजपुरीमे फिल्म बनेबाक कतेक फायदा आ घाटा ? : निर्देशक नितिन चन्द्र

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बिहारक भाषासभ भोजपुरी /मैथिली / मगही, इत्यादिमे बिहारेमे नीक फिल्मसभ बनेबाक फायदा आ घाटासभ कि रहल अछि त ?

■ फायदासभ ;-

१. स्थानीय कलाकारसभकेँ अपने मातृभाषामे अपन मातृभूमि अपने बिहारेमे काज भेटत।

२. बेसीसँ बेसी स्थानीय भाषामे साहित्य रचना आरम्भ हएत।

३. पहिनुकवा लिखल साहित्यसभ पढ़ल जाएत आ ओहिपर फिल्म बननाइ शुरू हएत।

४. अहाँ अपन कथा अपने भाषामे कहिक’ अपन रियलिटी ढुका सकैत छी जाहि कारण अहाँ मराठी, बांग्ला, असमिया, मलयालम आदिमे जेना अपनासभ देखल करैत छी।

५. कलाकारक भाषामे कलाकारक लेल रोजगार आ व्यवसायक शुरूवात आ विकास हएत।

६. कलाकार सभक पलायन काफी हदधरि बन्द भऽ जाएत।

७. सिनेमाक सङ्ग सङ्ग रंगमंचक व्यवसाय सेहो बढ़त।

८. रङ्गकर्मीसभक लेल सालभरिके काज बनल रहत सिनेमाक सहयोगसँ।

९ अहाँकेँ हिन्दी जबरजस्ती नइ सुधार’ पड़त। अहाँ अपन मातृभाषामे सुधार मात्र कऽ सकैत छी, एना क’ अहाँ अपन मातृभाषाकेँ समृद्ध क’ सकैत छी । जेना आन विकसित राज्यसभ करैत अछि।

१०. टेक्नोलॉजीसँ सम्बन्धित लोक जेना कैमरामैन, एडिटर, आदि सभकेँ अपने राज्य बिहारमे काज भेटत।

११. सिनेमा आ साहित्य जखन बढ़ैत अछि तखन पहिचानकेँ सेहो सम्मान भेट’ लगैत अछि। जेना बंगाल, दक्षिण वा मराठी, गुजरातीक साहित्य आ सिनेमासँ हुनकासभके अपन पहिचान आ मान-सम्मान स्थापित अछि।

१२. बिहारक समस्यापर लगातार फिल्म बना क’ अहाँ जनतामे परिवर्तनक संदेश द’ सकैत छी, एतेधरि जेँ अहाँ कोनो मुद्दापर आंदोलन शुरू क’ सकैत छी।

१३. अहाँ लगातार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत सकैत छी। जेना बंगाल 100 सँ बेसी राष्ट्रीय पुरस्कार जितने अछि। बिहारक भाषा (मैथिली) मे मात्र एकटा राष्ट्रीय पुरस्कार भेटल अछि। ई एकटा सॉफ्ट पावर अछि।

१४. बिहारमे रहैत कमाइ-धमाइ कएलासँ बेसी समृद्धि भेटत आ मुंबई पलायन कक’ कुंठित हेबासँ बचब। देशके 12-15 राज्यक कलाकारसभकेँ बम्बईमे भटकैक’ खगत नइ रहतै।

१५. फिल्मक लागत बहुत कम भ’ जाइत अछि आ डिजिटल युगमे कमाइ बेसी आसान भऽ जाइत अछि।

१६. बिहारमे हुआवला “अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव” मे बिहारक सिनेमा सेहो देखाओल जाएत।

१७. अश्लीलता रसे-रसे कम होएत आ बिहारक पहिचान भोजपुरीक अश्लीलता आ हल्का पोर्न फिल्मसँ नइ कि बल्कि नीक फिल्मसँ होएत।

१८. आम लोक अपन भाषाक नीक सिनेमा देखिक’ असली गर्व करत। तखनहि बिहारपर सुच्चा गर्व करबाक वास्तविक कारण बनत।

१९. हिन्दीमे काजक लेल भटकैत लोक, बम्बईसँ बिहार आबि जाएत आ हुनका लेल नीक फिल्मक विकल्प सेहो रहत।

२०. हमरासन कतेको निर्देशक, लेखक, लोककेँ बम्बईमे रहबाक बाध्यता नइ बनत।

२१. बिहारक कथा सभकेँ बेसी दर्शक भेटत जेना सत्यजीत रेक फिल्म, दक्षिणी आदिकेँ भेटैत छै।

२२. बिहार सरकार सिनेमाक करसँ करोड़ोंक कमाइ करत।

२३. पर्यटन व्यवसाय बढ़त।

२४. अन्य व्यवसाय जेना खानपान, यात्रा, होटल व्यवसाय आदिसभ बढ़त।

२५. हरेक क्षेत्रमे रोजगार आ व्यवसाय बढ़त।

■ घाटा  ;- एतेक फायदासभके आगू घाटा बुझाइए  ? घाटा एकोटा नइ।

● लेखक :

नितिन नीरा चन्द्र, फिल्म निर्देशक-निर्माता

( देसवा, भोजपुरी
मिथिला मखान, मैथिली
जैक्सन हॅल्ट, मैथिली )

कैलाश कुमार ठाकुर

कैलाश कुमार ठाकुर [Kailash Kumar Thakur] जी आइ लभ मिथिला डट कमके प्रधान सम्पादक छथि। म्यूजिक मैथिली एपके संस्थापक सदस्य सेहो छथि। Kailash Kumar Thakur is Chef Editor of ilovemithila.com email - Contact@ilovemithila.com, +9779827625706

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