‘एनपिएल’मे धूम मचौने मैथिली रैपर ओ म्यूजिशियनसब

बितल पूष ६ गत्ते २०८१, सिद्धार्थ बैंक, नेपाल प्रिमियर लिग (एनपिएल)क पहिल संस्करणक उपाधी जनकपुर बोल्ट्स जितलक। जाहिसँ पूरा मिथिला-मधेशक युवा-युवतीसब झुमि उठल, एतबे मात्रे नइँ की अभिभावकसब सेहो खुसी ओ गौरवान्वित भेलथि। आश्चर्यक बात तऽ ई जे बहुत लोककेँ क्रिकेट खेल एवं एकर नियमसभक बारेमे बहुत बात जानकारी नइँ छनि, मुदा जीतक उपलक्ष्यमे जे खुशी आ उल्लास पसरलै, ओहिमे कतेको घर-परिवारसब दियाबती धरि कएलथि-मनएलथि।
एहि जीतक संग मिथिला-मधेश-नेपालमे एकटा आओर बहुत महत्वपूर्ण बात देखल जा रहल छै – ओ ई, जे एहि खेल अवधी भरि त्रिभुवन विश्वविद्यालयक खेल मैदान पर एवं जीतके बाद जनकपुरसँ लऽकऽ काठमाण्डु धरि मात्रे नइँ, विदेशमे सेहो ‘जनकपुर बोल्टस’ टीमके उत्साह प्रवर्धन लेल निर्माण कएल गेल दूटा गीत पर क्रिकेट प्रेमीसब, युवा-युवतीसब एवं दर्शकसब झूमैत रहलथि आ एखनो झुमि रहल छथि। कतेको युवा-युवतीसब एहि दूनू गीत पर बहुत रास रील्स बनौलथि, आ सोसल मीडियाक पर समेत अपन साथी-संगीसबकेँ झूमौलथि। ओ दूटा गीत छै –
‘जनकपुर बोल्टस् औफिसियल एन्थेम’ आ ‘ओधबाध’।
‘जनकपुर बोल्टस् औफिसियल एन्थेम’ गीतके रचनाकार ओ गायक छथि – ओडी म्यूजिक (OD Music) अर्थात् सन्तोष झा तथा ‘ओधबाध’ गीतक रचनाकार एवं गायक द्वय छथि – मानिया एवं ए.के. रैन जी।
ओडी म्यूजिक लगभग १० वर्षसँ हिपहप म्यूजिक फिल्डमे सिखैत-संघर्षरत छथि तथा आब तऽ सृजन ओ निर्माण सेहो कऽ रहल छथि। रैप म्यूजिक संसारमे ओडी म्यूजिक (OD Music) उपनामसँ पहिचान बनाइब रहल सन्तोष जी स्नातक (Bachelor) धरिके अध्ययन पुरा कऽ लेने छथि। संगहि नेपालक किछु हिपहप म्यूजिक प्रतिस्पर्धा कार्यक्रममे सेहो सामिल भेलथि, आ अपन मातृभाषा मैथिली लेल एवं निम्न स्तरीय अश्लील गीतसभक विरूद्धमे स्वयंकेँ बहुत तिब्र रूपमे प्रस्तुत कएलथि। कार्यक्रम ओ प्रतिस्पर्धाक दौरान गाओल गेल हिनकर गीतसब युट्युब पर उपलब्ध छै। जेना – ‘नेपहपके श्रीपेंच’, ‘रैप स्टार’। एहि कार्यक्रमसबमे हिनका बेसी सफलता नइँ भेटलनि, मुदा नेपाली हिपहप म्यूजिक क्षेत्रक दिग्गज कलाकार (गिरिश खतिवडा, मानस घले, डोंग) सब जे ‘जज’के रूपमे उपस्थिति रहथि, हिनकर स्वरचित गीत, गायकी, आवाज ओ शैलीकेँ प्रसंशा करबाक लेल बाध्य अवश्य भेलथि।
स्कूलक समयसँ हिपहप म्यूजिक सुनैत आबि रहल ओडी (OD Music) बेसी काल जमैकन-अमेरिकन म्युजिसियन ‘सैग्गी’ (Orville Richard Burrell CD) तथा लिल बेबी (Lil Baby) केँ सुनैत छलथि। एहि बिच किछु गीत-संगीतमे प्रयोगसब करैत रहलथि तथा सृजन सेहो। आरम्भ नेपाली तथा अंग्रेजीसँ कएलथि, मुदा किछुए समय बाद अपन मातृभाषा मैथिली तथा अपन संस्कृतिकेँ प्राथमिकता दैत मैथिलीमे सेहो रैप गीत-संगीतक सृजन आरम्भ कएलथि। एहि क्रममे ‘ठिक छी की नइँ’, ‘जनकपुर’, ‘पारो’ गीतसब बहुत हद धरि लोकप्रिय रहलनि। रैपर ओ म्यूजिशियन अपूर्व संगक गीत ‘आइफोन’ किछु हटि कऽ आएल, जे एखनो लोकप्रिय भऽ रहल छै।
मिथिला-मधेशक युवा-युवतीसब देखऽमे केहनो रहथि, यदि नेपालीमे बजै छथि तऽ ठीक, मुदा यदि अपन मातृभाषा मैथिलीमे अपनो साथी-भाईसब बिचमे बजै छथि, तऽ धोती कैह कऽ घृणा आ बेज्जत कएल जाइ छै। एहन ज्वलन्त घृणायुक्त अनुभव ओडी सेहो भोगने छथि। मिथिला-मधेशक युवा-युवती आ आमलोकसबकेँ मधेशी, बिहारी, धोती, भैया, मर्सिया कहि कऽ घृणा करएबला अपनाके नेपालक किछु बेसीए नेपाली मानएबला सभक दुषित आ निच मानसिकता ‘एनपीएल’मे सेहो बहुत प्रष्ट रूपमे देखल गेल। मुदा, नेपालक हरेक साकारात्मक परिवर्तनमे मिथिलाक लाल ओ धियासभक पहिल आ अतुलनीय योगदान रहैत आबि रहल छै। तेँ, बिना कारण अपमानित-अपहेलीत, तिरस्कृत होति आबि रहल मिथिलाक लोकसब अपन जोश आ साहस संगहि धैर्य धारण करबाक क्षमता सेहो देखैबति आबि रहल छथि। ओ धैर्य आ सहनशीलता ‘जनकपुर बोल्टस’ टीम द्वारा जीतल गेल समयमे सेहो देखल गेल।
मात्र एक-दू लाइन भोजपुरीमे तथा पुरा गीत मैथिलीमे लिखल एहि गीतक क्लिप सोसल मीडिया पर बहुत बेसी भाइरल भेल। जनकपुर बोल्ट्सके फाइनल धरि पहुंचएबाक एहि रोमाञ्चकारी यात्रामे रैपर-सिंगर-म्युजिसियन ओडीक गीतक शब्दसब एहि तरहेँ लिखल गेल छै –
की जीतै छी की सीखै छी क्रिकेट छै तऽ जीवित छी
शुरूवे बलसँ पिटै छी
भाई नै छै कोनो मिस-हिटिंग
पिच पऽ आबि कऽ टिकै छी
एबीडी हम थ्री सिक्सटी (३६०)
स्विप बाईर कऽ सिक्स (६) हिटिंग
पिच पर आबि कऽ मिस्टर भी (V)
सराराराराऽऽऽ एलौ मिथिलाके शान
बोले सराराराराऽऽऽ हर मधेशीके जान
बोले सराराराराऽऽऽ बौवा जीतबे तू केना
बोले सराराराराऽऽऽ छै जनकपुरके सेना।।
आइल बानी कप जिते रे बौआ सब जिते।
आइल बानी कप जिते पुरा जग जिते।।
एलौ जनकपुर बोल्ट्स, बोल्ट्स
एलौ जनकपुर बोल्ट्स, बोल्ट्स।।
आइल बानी कप जिते रे बौआ सब जिते।
आइल बानी कप जिते पुरा जग जिते।।
बोल्ट्सकेँ फाइनल धरि पहुंचबाक रोमाञ्चकारी यात्रामे रैपर-सिंगर-म्युजिसियन मानिया ओ ए.के. रैनक गीत सेहो एखनो जबरजस्त रूपेँ लोकप्रिय भऽ रहल छै। वस्तुत: एहि दूनू रैप म्यूजिक इन्जिनियरके बारेमे अलगसँ लेख लिखबाक अति आवश्यक बुझाइछ। कारण, ई दूनू स्रष्टा मिथिला-मैथिली समाज-राज्यक सभटा बहुआयामी पक्षकेँ बहुत सुक्ष्म रूपेँ तथा प्रत्यक्ष ओ अप्रत्यक्ष रूपेँ अपन पँजामे समेटबाक भरिसक प्रयत्न करैत देखल जाइत छथि। ई बात हिनकर तथा ओडीक म्यूजिक भिडियोमे सेहो बहुत प्रष्ट रूपमे देखल जाइछ।
मानिया आ ए.के. रैन द्वारा लिखल आ गाओल गेल दोसर गीत जनकपुर बोल्ट्सकेँ फैनसबकेँ मात्रे नइँ अपितु पुरा मिथिला-मधेशके जोस, उत्साह, गौरवकेँ अखनो बढा़ रहल छै। ‘एनपिएल’ अवधी भरि तथा अखनो युवा-युवती, किशोर-किशोरी तथा बच्चा-बुच्ची सभक बिचमे लोकप्रिय भऽ रहल दोसर गीतक किछु पाँति एना छै –
जय जानकी जी, जनम धर्ती से हमसब छी
आइटम नै छी
राजाके राज ई, पानीमे आग ई
आ सर पऽ पाग ई
केशर गुलाबी ई
नारी इन सारी एतऽ
खेल खेलाड़ी एतऽ
मूहजबानी बाजी जतऽ
खत्तम होइबेबे पत्ता
सम्हरि जबौ हँ गीरकेऽ
अबौ अगाड़ी चिरतेऽ
धनुष – तीरसे किरकेट
. . . . . . . . . . . . . . . +
ओधबाध, ओधबाध।।
उपरोक्त दूनू गीतमे मिथिलाक ई तीनू लाल जनकपुरधाम सऽ लऽकऽ काठमाण्डु आ पटना धरिके आधुनिक मैथिलीक ठेठ शब्द ओ टोनसभकेँ एतेक निकसँ समेटबाक सचेष्ट प्रयास कएने छथि, तेकर जवाब नइँ। कोनो जगह रैन जी स्वयंकेँ ‘म्यूजिक इन्जिनियर’ कहने छथि। वास्तवमे बहुत सही कहने छथि। एखुनका समयमे मैथिली भाषाक अस्तित्व जोगएबाक संगहि मैथिली भाषाक आन्तरिक स्वरूपकेँ विभिन्न छद्म (झूठा) नाम दऽ सर्वनाश करबाक षड्यंत्रके चीरबाक संगहि युवा-युवतीसभमे अपन मातृभाषा मैथिली प्रति आकर्षित करबाक लेल जाहि तरहक गीत-संगीत लेखन ओ सृजनक आवश्यकता छै, ओहि आवश्यकताकेँ बहुत अगाड़ी धरि अनपेक्षित रूपेँ पुरा कऽ रहल छथि रैप गीत-संगीतक ई ‘म्यूजिक इन्जिनियर’सब कहल जाय, तऽ अतिशयोक्ति नइँ होएबाक चाही। लिखित आ बाजल जायबला भाषाक स्वरूप किछु हद धरि भिन्न आ फराक होई छै। आ मैथिलीमे तऽ ई स्वरूप आओर बेसी भास्ट छै, एकर प्रयोगक आन्तरिक संरचना बहुत बेसी सुक्ष्म ओ जटिल छै। ओहि सुक्ष्म जटिलतासभकेँ विभिन्न खण्डमे तोड़ि कऽ किछु धूर्त नेतासब आ तथाकथित अभियानीसब अपन राजनीतिक लोभ-लालचबला स्वार्थ पुरा करबाक षड्यंत्रमे लागल छै। मुदा, ई सोसल मीडियाक जमाना छै, सही आ गलत, झूठ, पाखण्ड आ षड्यंत्र, उचित आ अनुचित बुझऽमे समय नै लगै छै।
ओना, भाषाक अन्तर्राष्ट्रीय सिद्धान्त ओ मान्यताक सम्बन्धमे नेपालक भाषाविद डा. सूर्य प्रसाद यादव कहैत छथि जे, –
“तथाकथित रूपेँ जेकरा दू टा भाषा कहल जाइ छै, ओइ दूनूमे यदि साठि प्रतिशत (६०%) शब्दसब एवं बजबाक / लिखबाक शैली मिलैत-जूलैत अछि, समान अछि, तऽ ओकरा दूइटा भाषा कहब भाषाक वैश्विक सिद्धान्त विपरीत आ अनर्गल अछि। एहन अनर्गल काजसँ अहाँ किछु सोझ लोकसबकेँ मात्र अपन निजी स्वार्थमे प्रयोग कऽ सकै छी।” मुदा, एहिठाम मात्र ६० प्रतिशतक कोन कथा, ९५ प्रतिशतसँ बेसी शब्दसब, वाक्य संरचना आ बजबाक-लिखबाक शैली प्रायः समान अछि। एहन अवस्थामे अंगिका, बज्जिका, ठेठी, किसानी, देहाती लगायत छद्म आ भ्रमित करएबला नाम सबसँ मैथिली भाषाक विशाल भूखण्डकेँ तोड़बाक घृणित षड्यंत्र चलाओल जा रहल छै।” मुदा, ओई सबटा भ्रान्तिसबकेँ मानिया, ए.के. रैन, OD Music, डिके सागर (DK Sagar), अक्षय बंकर, बिनोद वेदर्दी जेहन किछु सचेष्ट मैथिली रैप म्यूजिक इन्जिनियरसब तोड़ि रहल छथि।
सोसल मीडिया पर समेत मानिया ओ रैन जी मैथिलीक आलावा दोसर भाषाक प्रयोग अर्नगल रूपेँ नहिए बराबर करैत छथि। मुदा, ओधबाध गीतक बीचमे एकटा हिंदी फिल्मक बहुत छोट संवाद ओ सीन – ‘बेटा तुम से न हो पाएगा।’, प्रयोग कएल गेल छै, एकर कारण की ?! ओना, ई कटाक्ष प्रतिद्वंद्वी टीमसभक लेल प्रयोग कएल गेल छै, मुदा ओतबे तिब्रतासँ ई कटाक्ष स्वयं ‘जनकपुर बोल्टस’ पर सेहो लागू होइ छै। जाहि संवाद ओ सीनके बारेमे सोंचला पर एकटा मनोवैज्ञानिक पक्ष सामने अबै छै। नेपाल प्रिमियर लीगक खेलमे विपक्षी टिमकेँ ‘ओधबाध’ करबाक लेल जोश प्रवर्धन कऽ रहल शब्द सभक बीचमे ‘बेटा तुम से न हो पाएगा’ संवाद एहि कारण राखल गेल छै जे, यदि ‘जनकपुर बोल्टस्’ टीम हारै छै, तऽ मिथिला-मधेशक युवा-युवती तथा आमलोक समेत बहुत निराश तऽ होइबे करतै, संगहि सोसल मीडिया पर ओहि टीम आ खेलाडी़सभ पर एहने मीम सेहो बनत। तेँ, अपन सम्पूर्ण जोश, साहस आ सामर्थके प्रयोग करू, आ जीतबे करू। खेलाड़ी सभक लेल एहन सबल मनोवैज्ञानिक पक्ष अपन गीतमे राखब वस्तुत: खेलक दूनू पक्ष – ‘हार आ जीत’केँ बहुत दूरेसँ देख सकबाक योग्यता थिक। संगहि एहि दूनूमे सँ जे परिणाम अपन पक्षमे आओत, ओहि अनुसारक प्रतिक्रिया समाज-राज्यसँ भेटत। खेलक एहि दूनू पक्षकेँ ई दूनू युवा स्रष्टा नकारलथि नइँ, अपितु शुक्ष्म रूपेँ दूनू मनोभावकेँ एकसंग प्रयोग कएलथि। ओना, मिथिला-मैथिलीमे ‘ओधबाध’क शाब्दिक अर्थ होइछ – ककरो निकसँ पिटपाइट देब।
एहि दूनू गीतक म्यूजिक भिडियो सेहो सामान्य जकाँ बुझाइछ, मुदा जतेक सामान्य बुझाइछ, ओतेक सामान्य नइँ छै। वा कही तऽ विशिष्ट अछि। भिडियोमे किछु प्रमुख खेलाड़ीसभक संगहि समाजक सामान्य बालक, विद्यार्थी, युवा लगायत गाम-शहरक सामान्य लोकसभकेँ देखाओल गेल छै, जे स्वयंमे विशिष्ट छै। विशिष्ट एहि द्वारे जे भाषा मात्र विशिष्ट लोकसभक वा कोनो जाति विषेशक नइँ होई छै, भाषा सर्वसाधारण लोक सभक होइ छै। तेँ सर्वसाधारण लोक ओ युवा-युवती, तथा बाल-बच्चासभक चित्रण अति आवश्यक भऽ जाइछ, जाहिमे समाज-राज्य स्वयंकेँ देख सकै। जेकरा एहि दुनू गीतमे निकसँ चित्रण कएल गेल अछि।
ओधबाध गीतमे, विवाहमे बजाओल जायबला बैंड पार्टी ‘जयनुल बैंड’के बहुत सुन्दर ओ सचेष्ट रूपेँ प्रयोग कएल गेल छै। बैंडमे एकटा मुस्लिम वादक तथा बाँकी सदस्यसब सेहो महरा जातिक छथि, जिनकासबकेँ समाजमे एखनो तथाकथित उच्च जातिसब द्वारा हिन भावना ओ व्यवहारसँ देखल जाइ छै। मुदा, हिनकर सभक गुण ओ क्षमताकेँ मानिया ओ रैन जी बहुत महत्वपूर्ण रूपेँ सुक्ष्मता आ सुमधूरतासंग प्रयोग कएने छथि, जे समाजक हरेक पक्षकेँ आदरपूर्वक जोड़बाक लेल विशिष्ट छै। वयह विशिष्टता आ दूरदर्शीता वस्त्रसँ पंडित लागएबला एकटा पंडितके पाग सहितक परिधानमे देखाओल गेल छै। ओना, गैर ब्राह्मण जातिसब पर पाग किछु ब्राह्मणसब द्वारा थोपल जाइत रहल भ्रान्ति बहुत मजगूत सऽ पसरल गेल छै। मुदा, एहि गीतमे मिथिला पागक प्रयोग आदरपूर्वक कएल गेल छै। एतेक धरि जे मिथिला-मैथिलीक ई दुनु स्रष्टा अपन म्यूजिक स्टुडियोमे गीत रेकर्ड करैत कालमे सेहो मिथिला पागकेँ एकटा अमूक मास्क (anonymous mask) पर प्रयोग कएने छथि। जे मिथिला, मैथिली भाषा एवं विशेष अवसर पर माथ पर पहिरल जाएबला मिथिला पागक बारेमे पसारल गेल सभटा भ्रान्तिकेँ तोडै़त छै। हिनकर सभक ई दुरदर्शीता ओ सहृदयतासँ हम व्यक्तिगत रूपेँ आश्चर्य चकित छी। एतबे मात्र नइँ, एहि दुनू गीतमे एकटा मूसलमानकेँ सेहो अपन श्रद्धा ओ भक्तिमय अवस्थामे अल्लाहके प्रार्थना करैत देखाओल गेल अछि। जे मिथिलामे सौहार्दताकेँ सेहो इंगित करैछ।
दूनू गीतक भिडियोमे इयह छोट-छोट मुदा बहुत महत्वपूर्ण बात सब दूनू गीतकेँ विशिष्ट बना देने छै, आ इयह कारणेँ गीत सेहो बहुत लोकप्रिय भऽ रहल छै। अपन माटि-पानि, ओ समाज-राज्यसँ जोड़ि रहल छै।
मैथिली रैपर, म्यूजीसीयन ओ म्यूजिक इन्जिनियर सभक लेल हमरा लग प्रशंसाक बहुत शब्दसब अछि, मुदा हिनका सभक आगा चुनौतीसब सेहो बहुत बड़का। वस्तुत: ई दुनू गीतक लोकप्रियता हिनका सभक स्वयं लेल चुनौती भऽ गेल कही तऽ अनर्गल नहिए होइत। चुनौती ई जे, मैथिली भाषाक विशिष्ट ओ आन्तरिक संरचना सभकेँ अपन गीत-संगीतमे समेटै, जे काज ई म्यूजिक इन्जिनियरसब पहिनहिं सँ कए रहल छथि, मुदा करबाक तऽ बहुत छै, अनन्त छै। ओना, मिथिला-मैथिली समाज-राज्यककेँ चारू भरसँ किछु क्षद्म प्रवृत्तिक अगुवा आ नेतासब अपन निकृष्ट स्वार्थ लेल नोचैत आबि रहल छै, एकर संरक्षण-सम्वर्द्धन करब सभक दायित्व। दोसर तरफ, साहित्य ओ गीत-संगीत समाज-राज्य लेल अति आवश्यक ओ अति महत्वपूर्ण, तथा सृजनक सीमा सेहो अनन्त-अथाह, आ सभक सामर्थमे सेहो नइँ।
मुदा, नव-नव ओ विशिष्ट सृजना तऽ अध्ययन, निरन्तरता ओ साधनादिसँ जन्मै छै। तेँ, ओडी, ए.के. रैन, मानिया, डि.के. सागर जेहन रैप गीत-संगीतक इन्जिनियरसबसँ जनकपुर सऽ लऽकऽ काठमाण्डु ओ गंगा धरिके मैथिली भाषीसभकेँ अपन गीतमे जोडैत आ समेटैत रहबाक अपेक्षा आओर बढ़ि जाइ छै।
मिथिला मैथिली समाज-राज्यमे सेहो रैप गीत-संगीतक माध्यमसँ अपन कथा-व्यथा कहबाक एकटा शसक्त माध्यमके रूपमे आगा आबि रहल छै, तेँ स्रष्टासभ द्वारा एकर उच्च स्तरीयता कायम राखब अति आवश्यक भऽ जाइ छै। संगहि, अपन फुर्सदबला समयक उपयोग करैत किछु महिला रैपर सब सेहो एहि सृजन क्षेत्रमे आबि सकै, तेहन सम्मानित माहौलके निर्माण करब आवश्यक छै।