
साहित्यकार धीरेन्द्र प्रेमर्षिद्वारा अनुवादित आ सम्पादनमे पन्द्रहम् शताब्दीक साहित्यकार महाकवि विद्यापतिक संस्कृत कथासङ्ग्रह ‘पुरुष परीक्षा’ क नेपाली अनुवाद लोकार्पण भेल अछि। नेपाली कला साहित्य डटकम प्रतिष्ठानद्वारा काठमाण्डूमे पाठशाला नेपालमे शुकरदिन आयोजित एक कार्यक्रमक बीच पूर्व प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली, नेपाली कांग्रेसक महामन्त्री विश्व प्रकाश शर्मा, प्रतिष्ठानक अध्यक्ष मोमिला, अनुवादक प्रेमर्षि स्वयं तथा आन अतिथिसभ ओहि कृतिक विमोचन कएने छथि। अइ सङ्ग्रहकेँ अम्बर प्रकाशन बजारमे लौने अछि ।
कृतिक सम्बन्धमे मन्तव्य राखैत भाषाविद् तथा पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालयक पूर्व उपकुलपति डा. रामावतार यादव प्रेमर्षिक अनुवाद प्राञ्जल कएने टिप्पणी कएलनि। मैथिली आ अङ्ग्रेजी भाषाक ज्ञाता प्राध्यापक यादव विद्यापतिकेँ रवीन्द्रनाथ ठाकुर सेहो अपन प्रेरणाक श्रोत कहैत ओ मिथिलाक सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा रहल बतौलथि। यद्यपि ओ विद्यापतिक कथामे ब्राह्मण आ महिलाक चित्रण कनि नकारात्मक रहल पक्ष स्वयंके खटैक रहल बतौलथि।
प्रमुख वक्ताक रूपमे बजैत समालोचक महेश पौड्याल विद्यपतिक कथा उत्कृष्ट व्यक्तित्वक निर्माणक सम्पूर्ण आधार विन्दुसभक पुञ्ज रहल कहलथि। ओ कहलनि, ‘विद्यापति कल्पना कएने जेहन प्रजा वत्सल त्यागी नेता, कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारी आ देशभक्त जनता यदि होएब तँ देशक स्थिति दोसरे तरहक होयत।’ ओ मौलिके रचना जकाँ कृति आएल कहैत अनुवादक प्रेमर्षिक कार्यक प्रशंसा कएलथि। ओ पन्द्रहम शताब्दीक विद्यापितक आलोचना आजुक समयमे सैद्धान्तिक आधार पर कएलो पर हुनका प्रति न्यान नइँ हुअ सकत बतौलनि।
प्रमुख अतिथि पूर्वप्रधानमन्त्री केपी ओली
विद्यापतिक रचनामे राजनीतिज्ञके लेल मनन करबाक बहुत बात रहल बतौलथि। स्वयं अपने विविध प्रसङ्गमे विद्यापतिक गीतसभक उल्लेख राजनीतिक व्याख्याकेँ लेल कएने स्मरण करैत पूर्वप्रधानमन्त्री ओली विद्यापतिक कथामे तत्कालीन समाजक चरित्र, मूल्य आ मान्यताकेँ जनमानसकेँ समक्ष राखने टिप्पणी कएलथि।
ओ नेपालक भूमि अनेक ज्ञान, विज्ञान, सिद्धान्त आ दर्शनकें लेल उद्भव भूमि रहल कहैत इ भूमि विद्यापति जेहन महान सर्जक आ चिन्तककेँ जन्म देने कहैत हमरा सभक लेल गौरवक विषय भेल कहलनि।
दोसर अतिथि नेपाली कांग्रेसक महामन्त्री विश्वप्रकाश शर्मा विद्यापतिक कथा अनेक दृष्टिएँ प्रेरक आ मार्गदर्शक रहल बतौलथि। विद्यापतिक कथा सभमे राजनैतिक सहिष्णुता आ वस्तुनिष्ठताक सेहो ज्ञान रहल कहैत आजुक राजनीतिज्ञसभ सेहो पूर्वाग्रह छोरि वस्तुनिष्ठ भऽ सकब तँ बहुत बात सभक समाधान निकलि सकत टिप्पणी कएलथि।
अतिथिक रूपमे बजैत प्रतिष्ठानक प्रमुख संरक्षक डा. विमल कोइराला विद्यापतिक कथा नेपालीमे अनुवाद भऽ कऽ आएब अति हर्षक विषय रहल बतौलथि। स्वयं मिथिलामे कार्यरत् रहिते समससँ विद्यापतिक कृतित्वसँ परिचित भेल कहैत विद्यापति जात-पाति, लिङ्गभेदसँ उपरकेँ चिन्तन रहल टिप्पणी कएलथि। अनुवादक प्रेमर्षि मूल संस्कृतसँ नइँ अपितु मैथिली आ अङ्ग्रेजी स्रोतसँ अइ कृतिक अनुवाद कएने कहलथि।
सभापतिक आसनसँ बजैत प्रतिष्ठानक अध्यक्ष मोमिला प्रेमर्षिक स्तुत्य कार्यकेँ अपन संस्थाद्वारा सार्वजनिक करबाक अवसर भेटलाक कारण स्वयं हर्षित भेल बतौलथि। आगामी दिनमे सेहो अनुवाद कार्यकेँ प्रश्रय दैत लऽ जाएब ओ नेतृत्व कएने प्रतिष्ठानक अभिष्ट रहल बात जानकारी देलथि।
प्रा.डा. गोविन्दराज भट्टराई तथा प्रा. डा. उषा ठाकुर जेहन अनुवादक विशेष उपस्थित ओहि कार्यक्रममे प्रतिष्ठानक उपाध्यक्ष, कवि राजेश्वर कार्की प्रतिष्ठानक लक्ष्य, उद्देश्य, प्रयास आ प्राप्तिक परिचय देने रहथि। पाठशाला नेपाल तथा सिन्नुपानी नेपाल संयोजन कएने ओहि कार्यक्रमकेँ सञ्चालन लोकप्रिय सञ्चारकर्मी टीकाराम यात्री कएने रहथि।