ArticlesEntertainment

चर्चित युवा रैपर-सिंगर ‘अपूर्व’ के म्यूजिक करियरक कथा

बाल्यकालमे वाग्दोष (स्पिच-डिस्आर्डर) क समस्यासँ परेशान रहल अपूर्व रैप-म्यूजिकमे लोकप्रिय भऽ रहल

बाल्यकालमे वाग्दोष (स्पिच-डिस्आर्डर) क समस्यासँ परेशान रहल अपूर्व रैप-म्यूजिकमे लोकप्रिय भऽ रहल

रैप गीत-सङ्गीत (Rap music) केँ अङ्गरेजीमे “Rhymes and poetry” कहल जाइत अछि। एहि दूटा अंग्रेजी शब्द मादे रैप गीतक अर्थ कहल जाय तँ “तुकबंदी युक्त कविता वा गीत” कहल जा सकैत अछि।
एहि गीत-सङ्गीत मादे समाजमे भऽ रहल छुआछूत, भेदभाव, शोषण, गरिबी, सरकारक कमीकमजोरी – निरीहता, अपराध आदि सभसँ आएल समस्यासभ व्यक्त कएल जाइत अछि तथा अपन भाषाकेँ, जड़िकेँ, गौरवशाली इतिहास, साहित्य, संस्कार, परम्परा आदि इत्यादिकेँ सेहो समेटल जाइत अछि।

तेँ अखुनका समयमे सेहो समाजमे व्याप्त रहल गरिबी, अशिक्षा, शोषण, भेदभाव, छुआछूत, सरकारक अकर्मण्यता-भेदभाव, गलत निति सभसँ परेशान आ दिशाहीनतामे कैद भेल युवासभ, एहि गीत-सङ्गीतमे अपने जीवनमे विद्यमान रहल समस्या सभ, अध्ययनमे, प्रेममे भेल असफलतासभक चित्रणसभ देखैत छथि। जाहि कारण रैप गीत-सङ्गीत युवा-युवतीबीच बड्ड लोकप्रिय होइत आबि रहल छै। भारत-नेपालमे रैप गीत-सङ्गीत 1980–90 केँ दशकसँ लोकप्रिय भऽ रहल अछि।

Related Articles

मानल जाइत अछि जे, रैप गीत-संगीतक आरम्भ सदियो बर्ष पहिने पश्चिम-अफ्रीकामे भेल छल। इतिहासकारसभकेँ मानी तँ ओहिकालमे अफ्रीकाक प्रबुद्ध वर्गसभ गाम-गाम जाकऽ अपन समुदायक साहस, संघर्ष ओ विरताक कथा-पेहानी ढोलकक साधारण तालपर लयबद्ध खिस्साक रुपमे सुनाएल करथि।

एहि तरहक वा एहिसँ किछु फरक ओ परिस्कृत स्वरुपमे गीत-सङ्गीत-गायन संस्कृति तँ मिथिलामे हजारो बर्ष पहिनेसँ होरी/फागुआमे चलैत आबि रहल छै, कही तँ अतिसयोक्त नइ होएबाक चाही।

हिप-हप संस्कृतिक एकटा हिस्सा रहल रैप गीत खास शैलीमे तुकबंदी, ताल ओ बाजल जाएवला बोली ओ भाषा सामिल कऽ एकटा निश्चित तालपर गाओल जाइत अछि। एहि गीतक प्रचलन कारी-गोरक आधारपर रंगभेदक सिकार होइत आबि रहल अमेरिकामे कारीलोकसभ वा अफ्रीकनसभद्वारा समाजमे जनचेतनाक विकास करबाक लेल आ बदलाव अनबाक लेल भेल रहै से मानल जाइत अछि।

मैथिली रैप गीत-सङ्गीतमे सेहो किछु युवा ओ कलाकारसभ निक काज कऽ रहल छथि आ खास कऽ मैथिल युवा-युवतीसभ बीच बड़ लोकप्रिय भऽ रहल छथि। ओहि अंग्रपन्तीमे अपूर्व सेहो छथि।

बाल्यकालमे स्कूल पढ़ाइ-लिखाइक समयमे वाग्दोष (स्पिच-डिस्आर्डर) क कारण अपन बात लोकक सामने निकसँ नइ राखि सकैवला अपूर्व अखनधरि अनेको मैथिली आ हिन्दी रैप-गीत गएने छथि, जे गीतसभ लोकप्रिय भेल अछि आ भऽ रहल अछि। ओहि वाग्दोष (स्पिच डिस्आर्डर) समस्याक बारेमे बुझिकऽ–जुझिकऽ आगा बढ़ल अपूर्व किछुए दिन पहिने युट्यूबषर अपन एकटा आओर गीत रिलीज कएने छथि –

“तोरे प्यारमे गोरिया तोरे यादमे,
एतहि पागल भेलौँ प्यारमे,
ए गोरीया तोरे गाँवमे …”

एहिसँ पहिने हिनकर बहुत रास गीतसभ युट्यूबपर रिलीज भेल अछि, जे लोकप्रिय तँ अछिए, मुदा ओहि गीतसभकेँ बहुत महत्वपूर्ण बनबैत अछि मिथिलाक माटि-पानि, भाषा, साहित्य, संस्कृतिसँ सम्बन्धित समेटल गेल शब्दसभ आ विषयवस्तु। हिनकर लोकप्रिय गीतसभमे सँ किछु गीतक बोलसभ एहि प्रकारेँ अछि –
मिथिलाक लाल मिथिलाक लाल,
मिथिलाक लाल चलू करू कमाल।।
____________________________

सब किछु छोड़ि कनी आऊ हमरा पास,
भेटत नइ एत्तऽ केओ हमरासँ खास,
कनीमनी सज्जन कनी बदमाश,
फ्लाई करू बिजनेसमे फर्स्ट क्लास …
… बुझलियै, बुझलियै, बुझलियै…।।
________________________________

यौ महाराज कहू मिथिलाके जय,
मिथिलाकेँ नारी सबसँ परैऽ,
मिथिला बखान क्यो कखनो करैऽ,
पहिले नारीकेँ गोड़ लगै।।
__________________________________

अपूर्व चौधरीक जन्म १९९६ मे कोलकात्तामे भेल छल आ लालन-पालन, पढ़ाइ-लिखाइ सेहो कलकत्तेमे।
अपन बारेमे अपूर्व एना कहैत छथि, “हमरा स्पिच-डिस्आर्डरवला समस्या छल, जाहि कारण हम इन्ट्रोभर्ट (अन्तरमुखी) टाइपके छलौँ स्कूलमे। हमरा स्वयंकेँ एक्सप्रेस(अभिव्यक्त) करऽके बाट नइ भेटि रहल छल। तेँ हम बड़-बेसी डिमोटीभेटेड रहैत छलौँ।”

स्कूलक पढ़ाइ-लिखाइ पूरा कएलाक बाद अपूर्व पहिने सि.ए. एम.बीए. पढ़ऽ गेलथि मुदा ओहिकेँ छोड़ि एनिमेशनमे आएलाह, फेर एनिमेशन छोड़िकऽ म्यूजिकमे अएलथि। फेर म्यूजिकसँ हटि कऽ भिडियो क्लिप बनाबऽ लगलाह आ बादमे ओहो एप्लिकेशन (टिकटक एप्प) बैन भऽ गेलै। जाहि एप्लिकेशनपर ओ बहुत बेसी निर्भर छलथि। एहन अवस्थामे स्वभाविक छै कोनो युवा बहुत दुःखी आ डिमोटिवेटेड भऽ जाएत। आ उहए बात अपूर्वसङ्ग भेलै, अर्थात ओ सेहो बहुत दुःखी आ डिमोटिवेटेड भऽ गेल रहथि।

शुरूमे हिन्दीमे रैपगीत गाबहिबला आ एन्टि मिथिला-मैथिली अर्थात मिथिला मैथिलीकेँ विरुद्धमे रहल अपूर्व, कोना कऽ मैथिली रैप-म्यूजिकमे एलथि, ओ वृतान्त अपूर्व एना कहैत छथि।

“– चारि-पाँच साल हिन्दीमे रैपगीत गबैत रहलौँ आ बादमे कोरोनाक लकडाउन समयमे सनै-सनै मैथिलीमे सिफ्ट भेलहुं। पहिने हम एन्टि मिथिला छलौँ, बेसी बात हमरा अपने मिथिलाक बारेमे जानकारी नइ छल। बादमे हमर मम्मी, बहिन मैथिली भाषाक बारेमे बहुत किछ कहलखीन आ ‘सखि-बहिनपा’क आरती झा हमरा बहुत मोटिवेट कएलखिन, तखन हम मैथिल रैप-गायनमे अएलौँ। हम मिथिलामे मात्र पढ़ाइसँ मिलल छुट्टीक समयमे वा कही तँ ‘समर भैकेसन‌’ बिताबऽ लेल अबैत छलौँ। ओना तँ घर पर हम सभ अपने भाषा मैथिलीए बेसी बजैत छी, हिन्दी बहुत कम। तेँ मैथिलीमे गीत लिखऽ लेल बेसी दिक्कत नइ भेल। स्कूलक समयमे हम बेसी फ्रेंड सर्कल (साथी-संङ्गी) मे नइ छलौँ, पढ़ाइ-लिखाइमे एभरेज रही, तेँ लास्ट बेन्च पर बेसी काल बैसैत रही। स्कूलमे हमर मार्क 60-80% रहैत छल।”

जखन अपूर्व रैप गीत गावऽ लगलथि, ओहि समयमे हिनकर घरमे माय-बाबु जीकेँ कोनो जानकारी नइ भेलनि। हुनका सभक मन रहै जे बेटा सिए. वा एम.बीए. वा इन्जिनियरिंग करथि। मुदा स्कूल लाइफमे पढ़ाइ-लिखाइसँ बेसी इन्ट्रेस्ट (उत्सुकता) अपूर्वकेँ आर्ट्समे रहैऽ, स्केचिंगमे रहै। एलिमेंट्री स्कूलसँ हाईस्कूल अबैत-अबैत हिनकर उत्सुकता एनिमेशनमे भऽ गेलनि, मुदा तहिया भारतमे-मिथिलामे एनिमेशनकेँ बेसी स्कोपे नइ रहै, आ बेसी लोककेँ बुझलो नइ रहै जे आखिर एनिमेशन होयत की छै। तेँ अपूर्व जखन घरमे माय-बाबु समक्ष अपन बात रखलनि जे आगाँ हिनका एनिमेशनमे किछु करबाक अछि, वा आगाँ जाऽकऽ एनिमेशन पढ़बाक अछि तँ घरमे केकरो एहि बात पर उत्सुकता नइ भेलनि आ एनिमेशनकेँ बारेमे जानकारीक अभाव सेहो रहनि। तेँ केओ सपोर्ट-सहयोग नहिं कयलनि। एहि बारेमे अपूर्व कहैत छथि – “मम्मी-पापा कहलखीन जे इ कि होई छै … ? एहिसँ किछु नइ हेतौ, तोँ सि.ए. कर, एम.बीए. कर, इन्जिनियरिंग कर, एहि सबसंँ किछु हेतौ।” मुदा, हमर हाईस्कूल पुरा भेलाक बाद ओहि बीचमे दू-तीनटा एनिमेशन बला फिल्मसभ आबि गेल रहै, तखन ओ सभ फिल्म देखलाक बाद हुनकासभकेँ ई बुझबामे आबि गेल रहै जे एनिमेशन विषय सेहो किछु होइ छै, एहुमें किछु भऽ सकैत छै।”

हाईस्कूल पास भेलाक बाद अपूर्व एकटा एनिमेशन इन्स्टीट्यूटमे एडमिशन लेलथि आ पढ़ाइ करऽ लगलथि, ओहिमे हिनकर उत्सुकता आओर बेसी बढ़ैत गेलनि। सब किछु ठीक जा रहल छलै, मुदा घरमे ओहि समयमे फाइनान्सियल वा आर्थिक रुपेँ बहुत दिक्कत भऽ गेलनि। आ दोसर तरफ हिनकर स्वास्थ्य सेहो बहुत खराब भऽ गेलनि आ दू-तीन महिना धरि हिनका घरे पर रेस्ट करऽ पड़लनि। कारण, अपूर्व एक तरफ एनिमेशनकेँ पढ़ाई कऽ रहल छलथि, तँ दोसर तरफ बि.कम. (BCom) सेहो कऽ रहल छलथि। तेँ स्वभाविक छै जे मेहनति बेसी चाही, आ ओहि कारण हिनकर स्वास्थ्य सेहो बहुत खराब भऽ गेलै आ ओहि दौरान एनिमेशन अध्ययनसँ हिनकर उत्सुकता लगभग पूर्णतः हटि गेलनि, मुदा माय मिथिलाक एहि लालकेँ ध्यान-मन आकृष्ट भेलनि रैप-म्युजिक तरफ। इमिनेम’क गीतसँ प्रभावित भेल अपूर्व मनेमन निश्चित कयलनि जे म्यूजिकेँमे हिनका किछु करबाक छै, एहिकेँ लऽकऽ अगाड़ी बढबाक छै।

रैप-म्युजिक सम्बन्धमे बहुत किछु इन्स्इटीच्युटसँ बेसी इन्टरनेटसँ सिखने अपूर्व कहैत छथि – “घर पर ककरो जानकारी नइ छलै जे हम एनिमेशनकें पढा़िसँ हटि गेल छी आ म्यूजिकमे किछु कऽ रहल छी। तेहन अवस्थामे माए-बाबू जीक, आ परिवारक केहन प्रतिक्रिया होएत से अपने सभ बुझि सकैत छी‌। तथापि, म्यूजिकमे लागल रहलौँ। हमर म्यूजिक आ भिडियोसभ लोकप्रिय भऽ रहल छल, एक-दू लाख भ्यूज तँ साधारण बात भऽ गेल रहै। मुदा ओहिबीच ओ एप्लिकेशन (टिकटिक एप्प) बन्द भऽ गेलै, जाहिपर हम बहुत बेसी निर्भर भऽ गेल रही, तेँ बहुत बेसी निराश भऽ गेलौँ आ पूरा दू महिनाधरि हम किछु नइ कएलौँ, घरमे ककरोसँ कोनो बातचित धरि नइ करैत छलौ एतेक दुःखी आ निराश भऽ गेल रही।”

मुदा, घर-परिवार आ खास कऽ माए आ दिदीसभ गीत-सङ्गीतक प्रति हिनकर गंभीर लगाव आ क्षमताकेँ बुझि फेरसँ आगा बढ़बाक लेल प्रोत्साहित कएलक मुदा
हिन्दीमे नइ की अपन मातृभाषा मैथिलीमे।

मुदा मैथिलीमे रैप गीत-सङ्गीतक रचनाक बारेमे सोचियो नइ सकैवला अपूर्व अपना लेल मैथिलीमे किछु स्कोप नइ रहल सोचने छलाह। ओ कहैत छथि जे – “मतलब मैथिलीमे रैप हम सोचियो नइ सकैत छलौँ, तथापि, सोसल मीडियापर हम खोजिकऽ देखलियै जे मैथिली रैपमे कि सभ छै। तेकर बाद, हम एकटा मैथिली रैप गीत बनेलौँ, जे की बहुत लोकप्रिय भेल, एतेक बेसी लोकप्रिय की पहिलुका पाँच-छ मासमे जतेक भ्यूज नइ भेटल रहै, ओतेक भ्यूज तँ मात्र दू-तीन घण्टामे आबि गेलै। जाहिसँ हम बहुत बेसी प्रभावित भेलौँ। मुदा, संभवतः किछु टेक्निकल कारणेँ ओ भिडियो हटि गेलै यूट्यूबसँ, फेरसँ बहुत दिक्कत भेल आ ‘डिमोटिवेटेड’ भऽ गेलौँ। फेरसँ घरमे सभगोटेँ हौसला देलक आगाँ बढ़ऽ लेल। मुदा हम सोंचलौँ जे यदि फेरसँ ओहि भिडियोकेँ हम अपलोड करबै तँ थोड़े नें ओइ तरहसँ भ्यूज अएतै आ शेयर कएल जेतै ?” मुदा, तइँयो हम हुनकर सभक बातपर फेरसँ भिडियो अपलोड कएलौँ आ बहुत आश्चर्य चकित भऽ गेलौँ जे फेरसँ ओहि तरहक भ्यूज एलै आ शेयर कएल गेलै। तखन हमरा बुझाएल जे मैथिलीक आवश्यकता हमरा अछि आ हम मैथिलीक आवश्यकता छी। तेँ आब एहिकेँ लऽकऽ आगाँ जएबाक छै। किया की अमेरिकन / अफ्रिकन सिंगरसभकेँ देखबै तँ हिप-हप आ रैपमे सेहो अपन रुट / जड़िकेँ देखबैत छै। तेँ, हमर रुट/जड़ि तँ मिथिला-मैथिली अछि, तेँ एहिकेँ लऽकऽ आगाँ बढ़ब हमर दायित्व भऽ जाइत अछि जेना हमरा लागल। रुट/जड़िसँ जुड़ल हमर इहए काजसँ आइ हम लोकप्रिय छी आ जानल जाइत छी।”

अपूर्व आगाँ कहैत छथि – “हिन्दी, अंग्रेजी, नेपाली गीतसभ बेसी देखऽ-सुनऽवला मिथिलाक हम युवासभ जखन आन भाषाक फिल्मसभ देखैत छी, जाहिमे पंजाबी आ आओर स्थानीय भाषासभक गीतसभ, संवादसभ रहैत छै मुदा मैथिली गीत आ संवादसभ एकरत्ती नइ रहैत छै। आ ओ आन भाषासभ हमसभ बुझबो नइ करैत छी, आ नइ तँ कोनो मतलब। मुदा तइयो हम सभ देखैत छी, सुनैत छी। तंँ ई बात मैथिलीमे किया नइ होए? अर्थात हिन्दी वा आन भाषाक फिल्मसभक विषय-वस्तु यदि मिथिलासँ सम्बन्धित छै त ओहिमे मैथिली गीत आ किछु संवादसभ किया नइ सामेल कएल जाइत छै?!” प्रश्न करैत अपूर्व कहैत छथि जे अखन धरि एहन काजसभ तँ नइ भेल अछि, मुदा आगाँ जरूर हेतै तेकर प्रबल संभावना छै।

■ लेखन/सम्पादन : कैलाश कुमार ठाकुर

कैलाश कुमार ठाकुर

कैलाश कुमार ठाकुर [Kailash Kumar Thakur] जी आइ लभ मिथिला डट कमके प्रधान सम्पादक छथि। म्यूजिक मैथिली एपके संस्थापक सदस्य सेहो छथि। Kailash Kumar Thakur is Chef Editor of ilovemithila.com email - Contact@ilovemithila.com, +9779827625706

Related Articles