Opinion

विचार : मिथिलाक संघर्ष दूत: डा.बैद्यनाथ चौधरी “बैजू” | डा. महेन्द्र नारायण राम

डा. बैद्यनाथ चौधरी “बैजू”जीक जन्म 22 अक्टूबर, 1953 ई कें भेलनि।  जन्म कालसँ आइ धरि ओ सम्पूर्ण मिथिला समाजक जनसेवाक लेल निर्लोभ रूपेँ तल्लीन रहलाह अछि। दरभंगा जिलाक मुख्यालय लहेरियासरायसँ बहेडी मार्ग पर आगाँ जाए क एकटा गाम अछि – आनन्दपुर सहोरा । इएह सहारा हिनकर गाम। हिनक पूर्खा वर्तमान मधुबनी जिलान्तर्गत मधेपर प्रखण्ड अवस्थित “सुखेत” गामसँ आबि अइ ठाम बसलाह ।

बैजू जीक पितामह राम उदार चौधरी सोझकें संत छलाह। पुत्र राजेन्द्र चौधरीक जन्मक तुरन्त बाद हिनक पत्नी दिवंगत भ गेलीह। पाछु ओ रामभद्रपुरमे दोसर बिआह कएलनि जाहिसँ चारि गोट पुत्र क्रमश: महावीर चौधरी, उमेश चौधरी, रामकुमार चौधरी, रामसागर चौधरी आ एकगोट पुत्री रूक्मिनी भेलनि। राजेन्द्र चौधरी बैजूजीक पिता जे सेहो संत प्रवृत्तिक, माइ छलीह – देवकला देवी। हिनकर नैहर लगेमे बिशनपुर। माय-बापक बड्ड दुलारू। अत्यन्त गुणवन्ती !

बैजूजी सेहो परिवारमे बड्ड दुलारू, खास कs कक्का महावीर चौधरीक नजरि सदिखन हिनका पर। भरि घरक खेलौना बैजू। हिनका दू गोट पुत्र आ चारि गोट पुत्री । सब एक पर एक । पढ़ल-लिखल, डाक्टर-इंजीनियर, नोकरी-चाकरीमे कार्यरत। बिआह-दान सम्पन्न। मात्र एक गोट पुत्री जे नीक डाक्टर छलीह, गोलोकवासी भ गेलीह अछि।

बैजू बाबूक बिआह 5 जून 1978 ई कें हावीभौवाड निवासी स्मृतिशेष चौधरी गयानाथ रायक सुपुत्री रेणु कुमारीसँ भेलनि । ओहो पढ़ल-लिखल। पीएचडी धारी।  MLSM कालेजमे डिमान्ट्रेटर पद पर कार्यरत।

जहिया हिनक बिआह तहियो बैज जी वारंटी। सब दहसतमे। मुदा बिआह भेलनि। चारि दिनक बाद न्यायालयमे समर्पण कएलाह जत हिनक सन्दर्भित केशसँ मुक्त क देल गेल छल।

बैद्यनाथक प्रारम्भिक शिक्षा गामेक स्कूलमे भेलनि। ललितेश्वर मकसूदन उच्च विद्यालय, आनन्दपुरसँ 1969 ई. मे मैट्रिक, मारवाड़ी कालेजसँ 1970 मे प्री-साइन्स, सी एम कालेजसँ 1971 मे डीग्री पार्ट-1, सी एम कालेजसँ 1973 मे बी-एस सी, 1975 मे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयसँ एमए कएलनि। 1980-82 मे ला. आ. 2001 मे “मैथिली आन्दोलनक दशा-दिशा: एक सर्वेक्षण “बिषय पर ‘पीएचडी’क उपाधि प्राप्त कएलनि। ओ पढs मे तेज छलाह मुदा हिनकर ध्यान समाज सुधार दिस चलि गेलनि। ओ अपन श्रमकेँ अइ दिस लगा देलनि।

ओ परिवारक इच्छानुकूल चाकरी सेहो कएलनि। ओ आर एल कालेज, माधवनगर, पूर्णियामे सहायक प्राध्यापकक पद पर योगदान देलनि। जत 12 सितंबर 1976 केँ स्थायी कएल गेलनि। अइ ठामसँ 1990 मे स्थानान्तरित भs यू आर कालेज, रोसड़ा एलाह। 1996 मे मिल्लत कालेज दरभंगा आ अइ ठामसँ 2018 केर अक्टूबर मासमे अवकाश प्राप्त कएलनि।

बैजू शुरूमे विद्यार्थी संघक छात्र नेता छलाह। प्राथमिक अध्ययन कालमे आठ आना फीस बढोत्तरी विरोध कएने छलाह। 1961 मे AISF केर सदस्य बनल छलाह, मास्टर डिग्री धरि नेतृत्व करैत रहलाह। ओ 1965 मे केबी सहाय मुख्यमंत्रीकेँ हटेबाक लेल आन्दोलन कएलनि। ओ दरभंगा जिलाक छात्र संघक, सचिव 1967 मे प्रान्तीय स्तरीय पदाधिकारी पद पर सेहो रहलाह।

CPI केर सदस्य 1964 मे कामरेड भोगेन्द्र झाक नेतृत्वमे स्वीकार करैत बनलाह आ अइमे बहुत दिन धरि रहलाह। मिथिला-मैथिली करैत रहबाक कारणे अइमेसँ हटाओल गेलाह आ माननीय अटल बिहारी बाजपेयीक स्वागतमे भाजपासँ सन्नद्ध भेलाह।

डा.बैजू सदिखन समाजक प्रति चिन्तनशील रहल। इएह कारण ओ 1972 ई. मे विद्यापति सेवा संस्थानक स्थापना कएलनि। ओ तहियेसँ अइ संस्थानक माध्यमे मिथिला-मैथिलीक अलख जगबैत आबि रहलाह अछि। एकरे परिणामस्वरूप 2003 ई. मे मैथिली संविधानक अष्टम अनुसूचीमे प्रवेश पौलीह। मान्यवर अटलजीक परामर्शे “अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन “नामक संस्थाक निर्माण क “अधिकार-दिवस” देश-विदेशक विभिन्न स्थल पर मनबैत आबि रहल अछि।

डा. बैजू शिक्षाक महत्वकेंँ ध्यानमे रखैत गामसँ शहर धरि डेढ दर्जनसँ बेसी शैक्षिक संस्थानके स्थापना कएलनि। आइ अइ संस्थानक माध्यमे हजारो छात्र-छात्रा अध्ययन क रहल अछि, तँ दोसर दिस अइ माध्यमे हजारो परिवारक चुल्ही पजरि रहल अछि।

बैजू जी बहुतोक नायक, विभूति लोकनिक प्रतिमा विभिन्न चौराहा, बिभिन्न स्थान-स्थल पर लगबौलनि अछि। ओहि चौक सभक नामकरण संदर्भित विभूतिसभ पर कएल गेल अछि। एकर अतिरिक्त कतेको सड़कक नाम सेहो विभूतिसभक नाम पर नामाकरण कएल गेल अछि।

डा. बैजू अपना पन्चायतक 24 वर्ष धरि मुखिया रहल छथि। अइ क्रमे कतोक काज सम्पन्न करौलनि। तहिया हिनकर काजकेँ देखैत तत्कालीन आयुक्त बी. जयशंकर हिनका साढे तीन लाखक राशि सहित पुरस्कृत कएने रहथि।

सीनेट आ सिन्डीकेट कोनोहु विश्वविद्यालयक नीतिगत निर्णय लेबामे सहयोग करबाक लेल सहयोगी समिति होइछ, से बैजू जी 52 बर्षसँ ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयक सीनेटर आ 22 वर्षसँ सिन्डीकेटक सदस्य रहि कतोक कर्मचारी ओ समाजपयोगी कार्यक निर्वहन कएलनि।

आन्दोलन, धरना-प्रदर्शन ओ संघर्ष बैजूजीक रोम -रोममे लिखल छल, से तकरा लेल ओ जीवन भरि अग्रसर रहलाह। छात्र आन्दोलन हो अथवा मैथिली आन्दोलन मिथिला-राज्य आन्दोलन हो अथवा शोषणक विरूद्ध चलाओल गेल सीपीआई आन्दोलन, सबमे हिनकर भूमिका महत्वपूर्ण रहल। अइ लेल शतको बेर जेल-यात्रा कएलनि आ अइ क्रमे कतोक कष्टकर यातनाक शिकार सेहो भेलाह अछि।

डा. बैजू अपन जीवनमे निरन्तर अबैत विभिन्न तरहक बिघ्न-बाधाक उपरान्तो कहियो अपन लक्ष्यसँ विचलित नइँ भेलाह अछि। एखनो ओ अपन चालमे अनवरत बढि रहलाह अछि। ओ कहैत छथि –

“हमर जीवन मिथिला-मैथिली लेल समर्पित अछि!”

वस्तुत: बैजू विगत पचास वर्षसँ अधिक समयसँ मिथिलाक स्वरकेँ केन्द्र धरि पहुंचबैत रहलाह । मैथिली भाषाकेँ अपना घरसँ कार्यालय, शिक्षालय, गामघर, सभा, आयोग, संविधान, सरकार ओ देशसँ विदेश धरि उचित सम्मान लेल ओ सतत प्रयासरत रहलाह अछि।

विद्यापति सेवा संस्थान, अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन ओ अनेक विद्यालय, महाविद्यालय सुदृढ स्थापनाक संग सक्रिय क्रियाकलापक संचालनमे हिनक योगदान मिथिलाक इतिहासमे स्वर्णाक्षरमे अंकित रहत। दरभंगामे विश्वविद्यालयक गतिविधिमे अधिषदक सक्रिय सदस्यक रूपमे हिनक उत्साहजनक कार्य सदैव स्मरणीय रहत।विकासात्मक ओ सांस्कृतिक कार्य लेल सतत सक्रियता रखैत जन-जनमे प्रसिद्ध छथि। विद्वान, नेता, चिकित्सक, उच्चाधिकारी, कलाकार, छात्र, ओ संभ्रांत लोकक जुटान कs सोझा-सोझी समस्या पर विमर्श कs समाधान करब, हिनक मुख्य विशेषता छनि।

मिथिलाक शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, व्यापार, मार्ग, रेल, वायुयान, आदि समस्याकेँ राज्यसँ केन्द्र धरि पहुंचाबयमे आन्दोलन आ जनसंग्रह करब हिनका लेल आम भs गेल अछि। मिथिला राज्य केर मांग करैत रहब के ओ अपन अधिकारक कोटिमे रखने छथि। ओ हमरा सभक शान छथि, मान छथि, अभिमान छथि।

ओ अद्भूत अभियानी छथि, सफल आन्दोलनी छथि। ओ आइ हमरा सभक लेल एक किंवदंती पुरूष रूपेँ सोझा ठाढ छथि। ओ हमरा सभक गौरव छथि।

एहेन जे व्यक्तित्व छथि तनिका केन्द्रमे राखि हम एकटा पोथीक सृजन कएल। ओ पोथी छी –

“मिथिलाक संघर्ष दूत: डा.बैद्यनाथ चौधरी “बैजू”। ई हुनका प्रति हमर सदासयताक संग मिथिला-मैथिली प्रति कएल हुनक कृतिक लेल ऋण चुकायब थिक, जे हमर मानना अछि। मैत्रेयी प्रकाशनसँ प्रकाशित 408 पृष्ठक अइ पोथीक सृजनमे हमर सहयोगी बनलाह अछि – श्री प्रवीण कुमार झा।

पोथीक लोकार्पण विद्यापति सेवा संस्थानक द्वारा आयोजित 52म् मिथिला विभूति पर्व समारोह, दरभंगाक पहिल दिनक अवसर पर उपस्थित माननीय अतिथिगण सर्वश्री मंत्री महोदय हरि सहनी, राज्यसभा सांसद श्रीमती धर्मशीला गुप्ता, विधायक संजय सरावगी, कुलपति द्वय प्रोफेसर संजय कुमार चौधरी, प्रोफेसर लक्ष्मी निवास पांडेय सहित कतोक गणमान्यक कर-कमलसँ सम्पन्न भेल।
एतदर्थ जय मिथिला – जय मैथिली ***
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मिथिलाक संघर्ष दूत – डॉ. बैद्यनाथ चौधरी ‘बैजू’
मैत्रेयी प्रकाशन, दिल्लीसँ प्रकाशित अइ पोथी केर लेखक छथि आदरणीय डा. महेन्द्र नारायण राम आ श्री प्रवीण कुमार झा। कुल 408 पृष्ठक अइ पोथीमे बैजू जीक व्यक्तिगत जीवन संग मिथिला-मैथिली आंदोलन ओ एकर विकास यात्रासँ सन्दर्भित अनेक प्रसंगक रोचक ढ़ंगसँ वर्णन-चित्रण कएल गेल अछि।

गजेन्द्र गजुर

Gajendra Gajur [गजेन्द्र गजुर] is News Editor of Ilovemithila.com . Maithili Language Activist. He is Also Known for His Poetry. One of the Founder of Music Maithili App. गजेन्द्र गजुर एहि वेबसाइटक समाचार संयोजक छथि। कवि सेहो छथि। Email- [email protected],

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