
मैथिली गायन क्षेत्रमे नेपालीय आ भारतीय दुनू दिसक मिथिला क्षेत्रसँ लक’ राष्ट्रिय-अन्तर्राष्ट्रिय स्तरपर अपन प्रसिद्धीक परचम लहरेनिहार जनमनके गायक एवं सङ्गीतकार : कवि सुनिल मल्लिक शनि दिन एकल काव्य वाचन कएलनि।
मैथिली साहित्यकार सभाद्वारा आयोजित द्वैमासिक मैथिली एकल काव्य वाचनमे मल्लिक कविता आ गीत लगाक’ १४ टा वाचन कएलनि। काव्य वाचनमे सामाजिक परम्परा आ कुरिती, राजनीतिक विकृति आ विसंगति, शैक्षिक अवस्था, युवाक महत्व, वैदेशिक रोजगारीक व्यथा लगायतकेँ समटल गेल छल । गायक मल्लिक अपन सुर आ तालमे करीब एक घण्टासँ बेसी कविता आ गीत परसने छलनि । दर्जनोक संख्यामे उपस्थित साहित्यकार, गीतकार आ कलाकारलोकनि बीचमे गीत आ कविताक रस्वादनसँ मोहित भेल छल।
ओ अपन कविता आ गीत मार्फत वर्तमान अवस्थामे शिक्षा आ शिक्षकक अवस्था, वैदेशिक रोजगारीमे गेल युवासबहक परिवारक अवस्था, सामाजमे युवा युवतीकेँ देखबाक दृष्टिकोणकेँ दर्शने छलनि । ओ अपन कविता आ गीतमे सुझाव समेत प्रस्तुत कएने छलनि।
किछु गीतसब श्रोतासबकेँ निके भावुक बनेने छल । वर्तमान अवस्थामे वैदेशिक रोजगरीमे गेल युवासबहक परिवारकेँ ई समाज कोन दृष्टिसँ देखैत अछि, समाजमे एकदोसरसँ सहयोग करबाक भावना कोन उत्पन्न हुअ सकत आ अन्त्यमे तीन तहक सरकारसँ जनता कते अपेक्षित अछि आ ई सरकारक भूमिका केहन रहल अछि लगायत विषयपर प्रस्ट कएने रहथि।
सभापाल प्रेम विदेह ललनक अध्यक्षतामे भेल एकल काव्य वाचनमे मल्लिकद्वारा प्रस्तुत कएल गीत आ कविताक समिक्षा प्रोफेसर रामचन्द्र झा रमण कएने छलनि ।
■ श्रोत : शैलेन्द्र मल्लिक, जनकपुर