आइ लभ मिथिला
काठमाण्डू।
तीन दशकसँ बेसी शास्त्रीय सङ्गीतक फूलबारिकेँ सिंचित करैत आबि रहल साधक, गायक एवं सङ्गीतकार छथि गुरुदेव कामत । उहए प्रख्यात सङ्गीतज्ञ गुरुदेव कामतक एकल गायनमे ‘सुरम्य सन्ध्या २०७९’ कार्यक्रम सम्पन्न भेल अछि।
शास्त्रीय तथा आधुनिक सङ्गीतक प्रवद्धन करबाक उदेश्यसँ स्थापित गुरुदेव कामत सङ्गीत फाउण्डेशनक आयोजनामे बितल शनि दिन सम्पन्न भेल अछि।
सुरम्य सन्ध्याक २५ म श्रृंखलामे प्रस्तुति दैत दर्शकलोकनिकेँ मन्त्रमुग्ध कएने छलनि।
वरिष्ठ गायक कामत कार्यक्रममे ख्याल ठुमरी हिन्दी, नेपाली आ मैथिली भाषाक १ दर्जनसँ बेसी गीत-सङ्गीत प्रस्तुत कएने छलनि।
राग मधुमन्दीसँ शुरु भेर सुरम्य सन्ध्यामे कामत मैथिली, नेपाली आ हिन्दी भाषाका गीत गएने छलनि। ६७ वर्षिय गायक कामत शास्त्रीयक सङ्ग अपने कम्पोज कएल गीत समेत प्रस्तुत कएने छलनि। सामाजिक संजालमे रखिह बचाकऽ ई जीवनमा गे दैया, चुपके चुपके रात दिन, तिमी नै भन म रोऊ कि हाँसु, आदि भिडियो क्लिपसभ बेस्स देखल आ शेयर भेल देखल जा रहल अछि।
सुरम्य सन्ध्यामे बाजैत कामत सङ्गीत क्षेत्रमे आबऽवला नवका पिढ़ीमे शास्त्रीय सङ्गीतक शिक्षा प्रवाह हएबाक चाही।
कार्यक्रममे प्रसिद्ध साहित्यकार एवं सङ्गीतज्ञ धीरेन्द्र प्रेमर्षि, कवयित्री एवं रेडियोकर्मी रुपा झा, आदि वरिष्ठ सङ्गीत साधकलोकनि, मधेशी आयोगक अध्यक्ष विजय दत्त, आदि संवैधानिक आयोगक पदाधिकारीलगायत गीत-गजल प्रेमीसभक उपस्थिति रहल छल।
■ फोटो साभार : उमेश यादव