नेपाल सङ्गीत तथा नाट्य प्रज्ञा प्रतिष्ठानद्वारा मिथिलाक परम्परागत सङ्गीत कला, वाद्य, वादन केन्द्रित कार्यक्रम आयोजनक नियार भेल अछि। प्रतिष्ठानक ‘एक प्रदेश, एक परम्परा’ कार्यक्रम अन्तर्गत मधेश प्रदेशमे व्याप्त मिथिलाक परम्परागत सङ्गीत कला, वाद्य, वादन सम्बन्धी कार्यक्रम जेठ १४ गते सप्तरी स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ छिन्नमस्ता मन्दिर परिसरमे आयोजन कएल जाएत। ‘परम्परागत तथा शास्त्रीय सङ्गीत विभाग प्रमुख धीरेन्द्र प्रेमर्षिक संयोजन तथा आमसञ्चार प्राधिकरण मधेश प्रदेशक अध्यक्ष श्यामसुन्दर यादवक अध्यक्षतामे राजविराजमे उक्त विषयपर मन्थन कएल गेल जानकारी भेल अछि। निर्णय अनुसार २०७९ जेठ १४ गते आयोजन कएल जएबाक उक्त कार्यक्रममे मिथिलाक परम्परागत वाद्य, वादनक अवस्था सम्बन्धी कार्यपत्र प्रस्तुतीकरणक सङ्गहि परम्परागत ढोल, पिपही, नकुवा, मृदङ्ग, ताशा इत्यादि वादन–प्रस्तुत करबाक जानकारी प्रतिष्ठानक प्राज्ञ धीरेन्द्र प्रेमर्षि देलनि । उक्त मन्थनमे मैथिली साहित्य परिषद(मैसाप), राजविराज आ मिथिला साहित्य–कला प्रतिष्ठान (मिलाफ) नेपालक पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र मिश्र, मिलाफक सह-सचिव तथा लोक गायक सुभाष विरपुरिया, संस्थापक सदस्य तथा मैथिली अभियानी शम्भू श्री , मैसाप आजीवन सदस्य मीरा मिश्रा, हरिनारायण यादव लगायतक सहभागिता रहल छल ।
● श्रोत : मधेश लाईभ