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अपराध आ कानून : अधिवक्ता महेन्द्र कुमार पासवान‌

नेपालमे कानुनक ऐतिहासिकता देखल जाए तऽ जयस्थिति मल्ल कालमे लागू भेल वि.सं. १९१० क मुलूकी ऐनकेँ बुझल जाइत छै। जाहिमे कानुनी व्यवहार सञ्चालन करबाक लेल अदालत आ न्यायिक तथा अर्धन्यायिक निकायसभकेँ सहजता प्रदान करबाक लेल देल गेल छल। तहिना समाजक बदलैत परिस्थिति अनुसार परिभाषित कए कऽ १९१० के मुलूकी ऐनकेँ संसोधन कऽ २०२० के नयाँ मुलूकी ऐन लागू भेल रहै।

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समाजमे अपराधक स्वरूप आ प्रकृति फरक होइत गेल आ एखन आबिकऽ विश्वक नीक-नीक कानुनसभकेँ आत्मसात करैत भादो १ गते २०७५ सँ फौजदारी कसुरक सन्दर्भमे मुलूकी अपराध संहिता २०७४, मुलूकी देवानी संहिता २०७४ आ मुलूकी देवानी कार्यविधि २०७४ कार्यान्वयनमे आएल अछि। दोसर तरफ, समाजमे नयाँ-नयाँ अपराध आ अपराधसभक उत्पत्ति आ सृजना भऽ रहल अवस्थामे अत्याधुनिक तौर-तरीका अपनाबिकऽ घटना घटब/घटाएब प्रवृत्ति बढ़ि रहल छै। एहन अपराधसबकेँ न्युनीकरण करबाक लेल आवश्यक ऐन-कानुनक निर्माण विधायिकासँ होइत अछि।

समाज, अपराध आ कानुन एक-दोसरसँ सम्बन्धित विषयवस्तु रहल अछि। एहन अन्तरनिहित विषयमे अपराध करबाक लेल विभिन्न अपराधक तत्त्वसब सापेक्ष रुपमे अन्तर सम्बन्ध बनाओल गेल रहैत छै। ओ अपराध करबाक लेल अपराधक काम, मनसाय आ उदेश्य तथा प्रतिफलसँ जुटल विषय छै। जखन समाजमे अपराधी प्रवृत्तिक मनुक्खक उच्छृंखल गतिविधिसभक शुरुआत होइत छै तखन आपराधीकेँ कानुनक प्रयोगसँ सम्बन्धित निकायसब आवश्यक कारबाही करैत छै।

अपराध निरपेक्ष नइँ भऽ सकै छै, ओ कहियो सापेक्षे रहैत छै। कएला की अपराध प्रवृतिक मनूक्ख अपन आवश्यकताक परिपूर्ति अवैध रस्तासँ शुरू करैत छै, तखन समाज अपराधक विरोधमे कानुनक सहारा वा कानुनक प्रयोग करबाक लेल बाध्य होइत छै। कुलतमे लागल / फँसल युवासभद्वारा लागूऔषध (अवैध ड्रग्स) सभक प्रयोग, चोरी, डकैती, साइवर अपराधसभमे संलग्नता रहल युवासभक जमात दिनानुदिन बढ़ैत जा रहल अवस्था छै। अर्थात राज्य-देशमे बढ़ैत जा रहल अव्यवस्था, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, अस्थिर सरकार, महगी, परनिर्भरता, जेहन यावत तत्त्वसभक कारण आइ देशमे आतङ्क, हत्या, चन्दा असूली, अवैध व्यापार-व्यवसाय जेहन गतिविधि जोड़ पकड़ने अछि।

अपराधक न्युनीकरण करबाक लेल आधुनिक २१म शताब्दीमे कठीन छै। किए की, तीव्र गतिमे नयाँ-नयाँ हथियार उत्पादन, विभिन्न प्रकारक युद्ध उपकरण एवं साधनसभक दिनानुदिन बढ़ोत्तरी भऽ रहल छै, जाहि बारेमे आवश्यक जानकारी राखब आ चुस्त-दुरुस्त सरकारी सुरक्षा प्रणाली तैनाथ राखब कठीन छै। एहन अवस्थामे युद्ध अपराध एक देशमे, एक क्षेत्रमे सीमित नइँ रहि पुरा विश्वमे पसैर रहल छै। दोसर तरफ विश्वव्यापारीकरणक कारण अन्तर्राष्ट्रीय गिरोह, आतङ्कवाद, विभिन्न लड़ाकू समूहसभ राजनीतिक बलके आड़मे, धार्मिक, साम्प्रदायिक, जातिय, वर्गीय द्वन्दक सिजर्ना तीव्र रूपमे बढ़ैत जा रहल छै।

आब एहन अपराध नियन्त्रण एवं न्यूनीकरण करबाक लेल सामाजिक, राजनीतिक अपराधक तत्त्वसभकेँ पहिचानि कऽ ओहि यावत कारक तत्त्वसभकेँ सम्बोधनके माध्यमसँ निराकरण कएल जा सकैछ। एहिमे अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय आ स्थानीय तह-तप्का, इन्टरपोल, सीआइबी एवं अन्तर्राष्ट्रीय कानुनी अपराधसभकेँ न्यायिक ढङ्गसँ समाधान करबाक लेल युएनओ (United Nations Organization) क आइसीजे (International Court of Justice) समेतके स्थापना भेल छै। समग्रमे कहल जाय तऽ हरेक देश अन्तर व्यापार, अन्तर राजनीति, अन्तर कानुन सम्बन्धसँ आगा बढ़ि रहल अवस्थामे सम्बन्धित देश समयक मांग-परिस्थिति ओ आवश्यकता अनुसार एकर व्यवस्थापन करब अत्यन्त आवश्यक देखल जा रहल छै।
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■ स्तम्भकार / लेखक परिचय :

अधिवक्ता महेन्द्र कुमार पासवान‌ औरही (कमलपुर), सिरहा निवासी छथि। पासवान एल.एल.बी. तथा समाजशास्त्र एवं मानवशास्त्रमे एम.ए. कएने छथि। भुतपूर्व बैतनीक वकिल, प्रदेश कानुनी साहायता अधिकृतक पदपर रहि काज कएने अनुभव सहेजने पासवान सिरहा जिला अदालतमे आठ वर्षसँ वकालत करैत आबि रहल छथि।

कैलाश कुमार ठाकुर

कैलाश कुमार ठाकुर [Kailash Kumar Thakur] जी आइ लभ मिथिला डट कमके प्रधान सम्पादक छथि। म्यूजिक मैथिली एपके संस्थापक सदस्य सेहो छथि। Kailash Kumar Thakur is Chef Editor of ilovemithila.com email - [email protected], +9779827625706

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