नेपालसँ लगभग ४०० किलाे मिटर दूर अछि देवघर । “पछिला साल साउन महिनाक टहटहौवा रौदमे ३२ गोटा साइकिल यात्रा करि झारखण्ड स्थित देवघर पहुचँल छलहुँ। हाल काेराेना संकटके कारणेँ देवघर यात्रा निरन्तरता नइँ देल गेलै सभके कहब छलै जे एहिबेर अपने सप्तरीक महादेव मन्दिरमे जलार्पण करबै।” सुभाष वीरपुरिया ilovemithila केँ जानकारी देलक । मिथिला साहित्य कला प्रतिष्ठान नेपालक संयाेजकत्व तथा मैथिली साहित्य परिषद् राजविराजक समंवयमे “सप्तरी बाेलबम यात्रा” सम्पन्न भेल अछि।
यात्रा सुरू कत’सँ भेल ?
यात्रा ४ गते रविदिन राजविराजसँ सुरू भेल छल । जाहिमे छिन्नमस्ता गाउपालिका(वीरपुर),लाेखरम,मलेठ आदि स्थानसँ ४२ गाेटा यात्रीसभ सहभागी रहथि। पहिल दिन राजविराजक तेतरीगाछ लगसँ मैथिली साहित्य परिषद्क पुर्व अध्यक्षद्वैय देवेन्द्र मिश्र ,शुभचन्द्र झा ,अशाेक मंडल सहित स्थानीय दर्जनाे लाेकसभकेँ सहभागितामे पानि पड़ि रहल समय यात्रीसबके मिथिला कलेण्डर दैत बिदाह कएलक।
काेराेना कालमे सप्तरी बाेलबम यात्रा
हनुमाननगर हाेइत भारदहक कंकालनि मन्दिर पहुँच रातिके किर्तन भजन कएल गेलै आ भेरे हमसभ ५ गते साेमदिन काेशीमे जल ग्रहण करि बलुवा सीतापुर- शम्भूनाथ महादेव- बाबा भूतनाथ- बाबा हरिनन्देश्वरनाथ-बाबा भाेलेनाथकेँ जल चढ़ेलहुँ काेराेनासँ रक्षार्थ सुवुद्धिक लेल कामना कएल ,यात्री सराेज वीरपुरिया कहलक।
अनुभव केहन रहल ?
साइकिल यात्रासँ बहुतेक फायदा छै। शाररिक लाभ त छैहे , मुदा लाेकके विकट समयमे साइकिल प्रति भराेस आओर प्रगाढ बनि रहल स्पष्ट देखाइछ। सराेज वीरपुरिया फेर कहलक, “हमसभ बेजाेर पानिमे लगभग सदिखन भिजले रहलहुँ। तइयाे आनन्द खुब आयल।
पछिला साल अपन मातृभाषा तथा संकृतिमे आत्मियता बढेबाक लेल यात्रा केन्द्रित रहल छल। जाहिमे एकटा डक्युमेन्ट्री “मैथिली फूल नइँ फूलबारि छियै : मिथिला देवघर साइकिल यात्रा” निर्माण भेल अछि।
संक्षिप्त विवरण
यात्रा संयाेजक – सुभाष वीरपुरिया मिलाफ नेपाल सहसचिव
यात्री संख्या – ४२
यात्रा अवधि – २ दिन २०७७ साउन ४ आ ५ गते
भ्रमण जगह – वीरपूर , राजविराज,हनुमाननगर हाेइत भारदह दाेसर दिन कंकालिनि मन्दिर हाेइत काेशी व्यारेज,रूपनगर,कंचनपुर,रूपनी,राजविराज
साधन – साइकिल ४० तथा माेटरसाइकिल २
उदेश्य – जलार्पण,संस्कृतिक जगेर्णा