गजेन्द्र नारायण सिंहके फोटो दिस संकेत करैत एकटा युवा लिखने अछि..
आइ २०७८ माघ ३ गते प्रदेश नं दूके प्रदेश सभामे दू तिहाइ मत स दूटा ऐतिहासिक निर्णय भेल अइछ।एकटा निर्णय स्वागतयोग्य अइछ,दोसर आपत्तिजनक। प्रदेश नं दूके हृदय- स्थल, सांस्कृतिक नगर आ प्राचीन मिथिलाक राजधानी जनकपुरधामके प्रदेश नं दूके स्थायी राजधानी घोषणा कएल गेल अइछ जे सर्वथा उचित अइछ।अहि पक्षमे मतदान कएनिहार प्रदेशक सब सांसदप्रति हार्दिक बधाई ज्ञापन करैत छी। प्रदेश नं दूके नामकरण ‘मधेश प्रदेश’ कएल गेल अइछ जे आपत्तिजनक अइछ।तीनू मधेश आन्दोलनमे मधेश सरकार आ स्वायत्त मधेश प्रदेशक नारा जरूर बुलन्द भेल छल। नेपाल सरकारसङ सम्झौता सेहो भेल छल मुदा बाइस जिल्लाक समुचा मधेशक लेल, मात्र एक टुकडा लेल नइँ। आठ जिल्लाके मधेश बनाबएके नइँ मधेश आन्दोलनक माङ छल आने कोनो विज्ञक प्रस्ताव।आठ जिल्लाक मधेश नामकरण मधेशक चौदह जिल्लाक अपमान अइछ।हजारो वर्षक मिथिलाक अस्मिता पर बलात्कार भेल अइछ! कोशी नदी स पच्छिम आ गण्डकी स पुरुबक भूभाग ऐतिहासिक रुप स विशुद्ध मिथिला रहल अइछ। मिथिलाक सभ्यता, भाषा, साहित्य,कला, संस्कृतिक सङसङ मिथिला आन्दोलनक पाँचो शहीदक अपमान भेल अइछ!तएँ ‘ मधेश प्रदेश’ नामक पक्षमे समर्थन कएनिहार कपूतसभक भर्त्सना करैत छी! मिथिला छल,अइछ आ सदैव रहत।एकर पहिचान मुगल शासक, अङ्ग्रेज, शाहवंश,राणा, पञ्चायत केओ नइँ मेटा सकल आ नइँ मेटा सकत।आइ ने काइल्ह मिथिलाके अपन मुकुट भेटबे करत से आशा आ दृढ विश्वास अइछ। मिथिलाक सपूतसब एक दिन कपूतसभ स हिसाब जरूर लेत। मिथिला प्रदेश –जिन्दावाद !!!
प्रेम विदेह ‘ललन’, अध्यक्ष, मैथिली साहित्यकार सभा, जनकपुरधाम
बाकी मधेशी जनताके शहादत कत गेल ? विषयमे..
. मेरो एकजना साथीलाई उसको हजुरबुवाले सोध्नुभाथ्यो, धेरै पढ्छौ भने भन त ‘सप्तरी जिल्लामा कति ओटा जिल्ला छ?’ त्यस्तै आज मधेश भित्र मधेश बनाएकाहरुलाई बधाई! साथै,मेरा केहीँ साथिहरु बिरगंज लाई परास्त गर्दै जनकपुर राजधानी भएको भनेर ‘दीपावली मनाऔं’ भनि पोष्ट गरिराछन्। साथी हो, जनकपुर मात्र नभई बिरगंज पनि हाम्रो लागि उत्तिकै महत्व राख्दछ। यसो त माग जाएज थिएन, तर बिरगंज आहत भएको बेला जनकपुरमा दीपावली मनाउनु र मधेशीको लासमाथि संविधान दिवसको दिन देशका एक समुदायले दीपावली मनाउनु उस्ता उस्तै हो। प्रदेश को नाम र स्थायी राजधानी पाएकोमा सम्पुर्णलाई बधाई!
– बिट्टू मिश्रा, युवा पत्रकार …………………………
. पहिचानके लेल भेल मधेश आन्दोलन प्रदेश नं २ बाहेककेँ “मधेशी” के परिचय छिन लेलक। गौरवके दिन नइँ, दागके दिन छी। मधेशीके परिभाषा बदलू !
– गजेन्द्र गजुर,
मधेस आठ जिल्ला सिर्फ नहीं हैं। माननीय लोग मधेसमे 22 जिल्ला परता हैं। नेपालका और इतिहासिक रुपसे तीन क्षेत्र तिरहुत ,थरुहट और अवध परन्तु प्रदेश 2 के माननिय लोग आप लोगने गोपाल बंशवाली अनुसारके भुमी कोसी से गन्डक तक तिरहुत था। उसका नाम मधेस कियेद,येह मधेस और तिरहुत दोनोके इतिहास भूगोल और क्षेत्रके बिपरित हैं ।।।
– सन्तोष तिरहुतिया, मिथिला अभियन्ता
आइसँ एकटा पाठ पढ़ू बाईसकेँ अहाँ आठ पढ़ू
ने ‘मिथिला’ आ ने पूर्ण ‘मधेश’ : ई केहेन प्रदेश ?
…….. पहिचान सहितक संघियता सफल कोना ? ई खूशीयालीक दीवाली कोना ? मधेश आन्दोलनमे सहादत देनिहार रमेश महतो, दशन यादव, राजीव राउतसन हजारो सहीदक सपना पुर्ण कोना ? एकबेर सहीदक सारा लग जाकऽ वा धियापुता आ माएबाबूसँ जाकऽ पुछियौ ने कोन मुद्दापर ओसभ अपन प्राण गमेलनि। गजेन्द्र बाबूक शालिक आगू ठाढ़ भऽ पुछियौ ने, की इहए ‘चुरे सहितक मधेश’, ‘स्वायत मधेश, एक प्रदेश’ क परिकल्पना लेल खूनक टघार लगलै ? एकबेर अपनो आत्मासँ बुझियौ ने प्रदेश २ बाहेकके मधेशी काल्हि जाकऽ ‘मधेशी’ कहबेतै अपनाकेँ ? से गौरव त सेहो अहीँ छिन रहल छियै ने ? मधेशीक नामपर राज्यसत्ताद्वारा देल जाएवला सरकारी अधिकार त अहीँ काटि रहल छी ने ? एतबेटा मधेशक ओतेटा सपना देखा भोटक लेल ललिपप चटेलियै ? आइ त विनु पएरक नाँचियो रहल छी, काल्हि गीतो बन्द आ पहिचानक नाटको समाप्त हएत। से सोचलियै ?
ने पूर्ण मिथिले आ ने पूर्ण मधेश। ई केहेन प्रदेश ? मिथिला लगायत १४ टा मधेशक हत्या त कएबे कएलौँ। बाँकी ८ टाक बहुभाषीक, बहुसाँस्कृतिक समृद्धी लेल माँ जानकी (मैथिली) सँ प्रार्थना आ अपनेकेँ अनन्त शुभकामना।
मिथिलो जितै आ स्वायत मधेशो जितै कर्मठ युवासभक छातीमे। जय स्वायत मधेश। जय मिथिला ! – विद्यानन्द वेदर्दी, मिथिला अभियन्ता एवं विद्यार्थी नेता ………………
Gajendra Gajur [गजेन्द्र गजुर] is News Editor of Ilovemithila.com . Maithili Language Activist. He is Also Known for His Poetry. One of the Founder of Music Maithili App. गजेन्द्र गजुर एहि वेबसाइटक समाचार संयोजक छथि। कवि सेहो छथि। Email- Contact@ilovemithila.com,